राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को केरल गोल्ड सम्गलिंग केस मामले में बड़ा खुलासा किया है। दरअसल, एजेंसी को शक है कि आरोपियों का संपर्क गैंग्स्टर दाऊद इब्राहिम से रहा है। एजेंसी ने आरोपियों रमीज केटी और सरफुद्दीन द्वारा दाखिल जमानत याचिका का विरोध करते हुए यह जवाब कोर्ट में दिया है।
नई दिल्ली. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को केरल गोल्ड सम्गलिंग केस मामले में बड़ा खुलासा किया है। एनआईए ने कोच्ची कोर्ट में सौंपे गए लिखित जवाब में कहा है कि इस मामले के तार अंडरवर्ल्ड से जुड़ रहे हैं। दरअसल, एजेंसी को शक है कि आरोपियों का संपर्क गैंग्स्टर दाऊद इब्राहिम से रहा है। एजेंसी ने आरोपियों रमीज केटी और सरफुद्दीन द्वारा दाखिल जमानत याचिका का विरोध करते हुए यह जवाब कोर्ट में दिया है। एजेंसी ने कोर्ट से जमानत मंजूर नहीं करने का अनुरोध भी किया है।
दरअसल, गोल्ड स्मगलिंग का यह मामला 5 जुलाई को तब सामने आया जब कस्टम विभाग के अफसरों ने एक डिप्लोमेटिक बैगेज पकड़ा था। बैगेज यूएई से केरल भेजा गया था। विदेश मंत्रालय से इजाजत मिलने के बाद ही इसे खोला गया था। जांच में अफसरों को पता चला कि बैगेज में करीब 15 करोड़ रुपए कीमत का 30 किलोग्राम सोना है। इस मामले में एजेंसी ने स्वप्ना सुरेश और संदीप नायर समेत कुछ अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया है।
आरोपियों ने जमानत याचिका वापस ली
गोल्ड स्मगलिंग मामले में बुधवार को दो आरोपियों स्वप्ना सुरेश और संदीप नायर ने जमानत याचिका वापस ले ली है। स्वप्ना सुरेश केरल स्टेट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (केएसआईटीएल) में काम करती थीं। यह डिपार्टमेंट केरल के सीएम के अंडर में है। हालांकि तस्करी में नाम आने के बाद उसे नौकरी से निकाल दिया गया है। स्वप्ना, यूएई की पूर्व वाणिज्य अधिकारी भी रही है। वहीं, सरित कुमार तिरुवनंतपुरम में यूएई वाणिज्य दूतावास के ऑफिस में बतौर पब्लिक रिलेशन ऑफिसर (पीआरओ) काम करता था जिसे एएनआई ने छह जुलाई को गिरफ्तार किया गया था।
‘तंजानिया में बंदूक की दुकान पर गए थे आरोपी’
एनआईए ने कोर्ट में बताया कि दोनों आरोपियों ने तंजानिया की यात्रा की थी। ये दोनों अफ्रीकी देशों की बंदूकें बेचने वाली दुकानों में गए थे। तंजानिया में रमीज ने डायमंड बिजनेस का लाइसेंस लेने की कोशिश की। बाद में वे यूएई पहुंचे। वहां से सोना तस्करी कर केरल लाए। एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि तंजानिया और दुबई दोनों जगहों पर दाऊद इब्राहिम का ‘डी’गैंग सक्रिय है।
केरल सरकार की हुई थी आलोचना
इस मामले को लेकर केरल सरकार की आलोचना हो रही है। पहले मामले की जांच कस्टम डिपार्टमेंट ने शुरू की थी। खुद को वाणिज्य दूतावास का कर्मचारी बताकर सोना लेने पहुंचे सरित कुमार को हिरासत में लिया गया था। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के प्रिंसिपल सेक्रेटरी आईएस अधिकार एम शिवशंकर का नाम सामने आया था। इसके बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें पद से हटा दिया था। बाद में विदेश मंत्रालय ने जांच एनआईए को सौंपने की मंजूरी दे दी थी। इस बीच, बुधवार को केरल हाईकोर्ट ने शिवशंकर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा 23 अक्टूबर तक गिरफ्तार नहीं करने का आदेश दिया है।