भारत विरोधी गतिविधियों के लिए फंडिंग कर रहे 'SFJ' पर नकेल कसने की तैयारी, जांच के लिए कनाडा पहुंची NIA की टीम

किसान आंदोलन(kisan andolan) के दौरान हिंसा भड़काने के बाद फिर चर्चाओं में आए सिख फॉर जस्टिस(Sikh For Justice) की गतिविधियों की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी(NIA) कनाडा पहुंची है।

Amitabh Budholiya | Published : Nov 6, 2021 7:53 AM IST

नई दिल्ली. किसान आंदोलन (kisan andolan) के दौरान 26 जनवरी को लाल किले पर हुई हिंसा के बाद प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस(Sikh For Justice) फिर से चर्चाओं में है। जांच में सामने आया है कि यह संगठन खालिस्तानी आतंकवादियों को भारत विरोधी गतिविधियों के लिए टेरर फंडिंग करता है। इसके कुछ अन्य आतंकवादी संगठनों से भी कनेक्शन हैं। इसी की जांच करने राष्ट्रीय जांच एजेंसी(NIA) इस समय कनाडा में है।

कई देशों में फैला रखा है जाल
NIA के सूत्रों अनुसार, SFJ की जांच के सिलसिले में तीन सदस्यीय टीम कनाडा गई है। यह 4 दिन वहां रहेगी। इसकी अगुवाई IG स्तर के एक अधिकारी कर रहे हैं। NIA इस संगठन से फंड ले रहे NGOs की लिस्ट तैयार कर ली है। SFJ के बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स, खालिस्तान टाइगर फोर्स से भी कनेक्शन सामने आए हैं। सूत्रों के हवाले से SFJ को अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और जर्मनी से भी फंडिग होती है। बता दें कि NIA ने 15 दिसंबर, 2020 को IPC की कई धाराओं सहित गैरकानूनी गतविधियां(रोकथाम) अधिनियम(UPA) के तहत केस दर्ज किया था। इसमें बताया गया था कि SFJ कई देशों में खालिस्तानी अभियान तेज करने पैसा जुटा रहा है। इसमें खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू, परमजीत सिंह पम्मा और हरदीप सिंह निज्जर के नाम सामने आए थे। इस संगठन ने कुछ सालों के अंदर दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड आदि में किसान आंदोलन की आड़ में फंड जुटाया है।

Drugs माफिया के बाद खालिस्तानी संगठन पर भी नजर
Drugs माफिया, आतंकवादियों के मददगारों के बाद अब केंद्र सरकार खालिस्तान पर नकेल कसने कड़े Action में आई है। बता दें कि इस संगठन ने ही 26 जनवरी को लाल किले पर हुई हिंसा की साजिश रची थी। यह किसान आंदोलन की आड़ में भी अपनी साजिशों को अंजाम देने में लगा है। लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में भी इसके कार्यकर्ताओं की मौजूदगी की खबर थी।

पहले भी NIA इससे जुड़े लोगों को नोटिस भेज चुकी है
कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन की आड़ में SFJ की हिंसक गतिविधियां सामने आई हैं। दिल्ली के लाल किले पर हुई हिंसा के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इससे जुड़े 40 से  अधिक लोगों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा था। बता दें कि इसका हेड क्वार्टर अमेरिका के न्यूयॉर्क में है। माना जा रहा है कि यह संगठन ही किसान आंदोलन को गैर कानूनी तरीके से फंडिंग कर रहा है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।

2019 में बैन कर दिया गया था
SFJ को भारत में 2019 में प्रतिबंधित कर दिया गया था। पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर भी इस संगठन ने ऐसी ही एक अपील की थी, जिसके चलते पंजाब के कुछ इलाकों में लोगों ने डिप्टी कमिश्नर के ऑफिस में खालिस्तानी झंडा भी फहरा दिया था। इन लोगों के खिलाफ तब IPC की विभिन्न धाराओं में मुकदमा भी दर्ज किया गया था।

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