कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कश्मीर मसले के लिए फिर नेहरू को बताया दोषी, कांग्रेस ने दिया ये रिप्लाई

 कांग्रेस ने मंगलवार को नेहरू पर ताजा हमले के लिए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू की आलोचना करते हुए कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री पर ‘धोखाधड़ी’ वाली टिप्पणियां लिखने में समय बर्बाद करने के बजाय उन्हें लीगल सिस्टम पर ध्यान देना चाहिए, जो हत्या और सामूहिक बलात्कार के दोषियों को मुक्त करती है।

Amitabh Budholiya | Published : Nov 15, 2022 9:16 AM IST

नई दिल्ली. भारत के कानून और न्याय मंत्री किरण रिजिजू के पंडित जवाहर लाल नेहरू पर दिए गए बयान पर कांग्रेस आक्रामक हो गई है। कांग्रेस ने मंगलवार को नेहरू पर ताजा हमले के लिए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू की आलोचना करते हुए कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री पर ‘धोखाधड़ी’ वाली टिप्पणियां लिखने में समय बर्बाद करने के बजाय उन्हें लीगल सिस्टम पर ध्यान देना चाहिए, जो हत्या और सामूहिक बलात्कार के दोषियों को मुक्त करती है। दरअसल, 14 नवंबर को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म हुआ था। वे इसी दिन 1889 में इलाहाबाद में पैदा हुए थे। इस मौके पर कानून मंत्री की टिप्पणी से कांग्रेस नाराज हो उठी है। पढ़िए पूरी डिटेल्स...


रिजिजू ने सोमवार को कश्मीर मुद्दे पर नेहरू पर एक नया बयान दिया था। इसमें दावा किया कि नेहरूजी ने पाकिस्तान के कश्मीर पर आक्रमण के बाद एक रॉन्ग आर्टिकल के तहत संयुक्त राष्ट्र का रुख किया था। इसकी वजह से एक हमले के बजाय विवाद का एक पक्षकार बन गया।

कांग्रेस जनरल सेक्रेट्री इनचार्ज कम्यूनिकेशंस जयराम रमेश ने एक tweet में कहा, "मोडिस्टोर्टर(MoDistorter) को खुश करने के लिए नेहरू पर अपना समय 'लेखन' पर बर्बाद करने के बजाय कानून मंत्री किरेन रिजिजू को एक कानूनी व्यवस्था को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए, जो हत्या और सामूहिक बलात्कार के दोषियों को मुक्त करता है।" रमेश का इशारा बिलकिस बानो गैंग रेप मामले में दोषियों की रिहाई क तरफ था। जयराम नरेश ने कहा कि उन्हें नेहरू को बदनाम करने की तुलना में इनसे अधिक पीड़ा होनी चाहिए!

दरअसल, ट्विटर पर अपनी टिप्पणियों और एक न्यूज पोर्टल को दिए अपने कमेंट पर रिजिजू ने कहा था कि नेहरू ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा अनिवार्य जनमत संग्रह के मिथक को कायम रहने दिया और संविधान के विभाजनकारी अनुच्छेद 370 का निर्माण किया। उन्होंने कहा, नेहरू ने महाराजा हरि सिंह की भारत में शामिल होने की याचिका को न केवल एक बार, बल्कि तीन बार खारिज कर दिया था।


इससे पहले 27 अक्टूबरको भारत के कानून और न्याय मंत्री किरण रिजिजू ने एक आर्टिकल लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि 27 अक्टूबर, 2022 का दिन भारत में कश्मीर को एकीकृत करने में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की गंभीर गलतियों की 75 वीं वर्षगांठ का प्रतीक है। कश्मीर का मसला नेहरू से हुई ये एक ऐसी चूक है, जिसका खामियाजा 75 सालों से भारतवासी अपने खून से चुका रहे हैं। 

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