टीआरएस नेता कटीआर ने गृह मंत्री अमित शाह को 27 सवालों का एक खुला पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने बीजेपी और शाह से सवाल किया है कि पार्टी की तरफ से तेलंगाना के साथ कथित तौर पर सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि इस सवाल का जवाब वे अपने भाषण के दौरान दें.
हैदराबादः गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के तेलंगाना (Telangana) दौरे से पहले सियासत गरमा गई है. शनिवार को होनेवाले दौरे से पहले राज्य के सीएम चंद्रशेखर राव के बेटे केटी रमा राव (KTR) ने अमित शाह को खुला पत्र लिखा है. इस पत्र में तेलंगाना समिति के कार्यकारी अध्यक्ष केटीआर ने बीजेपी द्वारा तेलंगाना के साथ किए जा रहे 'अन्याय' के संबंध में पूछा है. इस पत्र में उन्होंने तेलंगाना के लोगों के बीच नफरत फैलाने का आरोप भी लगाया है. केटीआर ने कहा है कि बीजेपी ने तेलंगाना की जनता से किए एक बी वादे पूरे नहीं किए हैं. बीजेपी गुजरात के लिए लगातार सभी जरूरतों को पूरा कर रही है.
पत्र में किए गए 27 सवाल
टीआरएस नेता केटीआर ने गृह मंत्री से 27 सवाल किए हैं. इसमें उन्होंने तेलंगाना के साथ बीजेपी के कथित तौर पर सौतेले व्यवहार का जिक्र किया है. इसी पत्र में उन्होंने चुनौती भी दी है कि अपने भाषण के दौरान इन सवालों का जवाब दें. अगर बीजेपी तेलंगाना के प्रति वाकई में इमानदारी से काम कर रही है, तो जनसभा को जवाब सुनाएं. केटीआर द्वारा किए गए 27 सवालों में एपी पुनर्गठन अधिनियम के तहत किए गए वादे के प्रति बीजेपी की अनदेखी, दिवंगत नेता सुषमा स्वराज की ओर से चुनाव के दौरान राज्य में एक सिंचाई परियोजना को राष्ट्रीय दर्जा देने के वादे का लंबित रहना, केंद्रीय शिक्षण संस्थान, मेडिकल कॉलेज की उपलब्धता नहीं हने जैसे मुद्दों पर सवाल शामिल है. केटीआर ने यह भी पूछा कि बीते आठ सालों में तेलंगाना को कितने फंड दिए गए.
पत्र का नहीं मिला है जवाब
टीआरएस नेता केटीआर के सवालों का अभी तक बीजेपी या अमित शाह ने कोई जवाब नहीं दिया है. जानकारी दें कि गृह मंत्री इस दौरे के दौरान राष्ट्रीय साइबर फॉरेंसिक प्रयोगशाला का उद्घाटन करेंगे. साथ ही प्रज्ञा संग्राम यात्रा के फेज-2 के खत्म हगोने पर एक जनसभा को संबोधित करेंगे. प्रज्ञा संग्राम यात्रा के बारे में जानकारी दें कि इसकी फेज-2 की शुरुआत बीते महीने बाबा भीमराव आंबेडकर की जयंती के अवसर पर इसकी शुरुआत की गई थी. इस यात्रा का पहला चरण पिछले साल 32 दिनों के लिए चला था. 8 जिलों के 19 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया गया था. हैदराबाद से इसकी शुरुआत हुई थी.