Lakhimpur हिंसा: SC ने UP सरकार से मांगी रिपोर्ट, पूछा-बताइए किन लोगों की मौत हुई है, कल भी होगी सुनवाई

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी(Lakhimpur Violence) में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। SC ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।
 

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश की राजनीति में बवाल खड़ा करने वाले लखीमपुर खीरी मामले की 7 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार से 8 अक्टूबर को स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। SC ने पूछा कि यूपी सरकार बताए कि इस हिंसा में किन-किन लोगों की मौत हुई है। इस मामले में कल भी सुनवाई होगी। इस मामले को SC ने दो वकीलों की चिट्ठी मिलने के बाद स्वत: संज्ञान में लिया है। सुनवाई के दौरान CJI ने इन दोनों वकीलों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जोड़ने को कहा।

बता दें लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को किसानों के प्रदर्शन(kisan andolan) के दौरान हुए हादसे और उसके बाद हिंसा में 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत के बाद राजनीति गर्माई हुई है। हिंसा केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के काफिले को काले झंडे दिखाने के दौरान हुई थी। 

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चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में तीन जजों की बेंच करेगी सुनवाई
इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एनवी रमना(Chief Justice NV Ramana) की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच कर रही है। इस केस का टाइटल ‘वायलेंस इन लखीमपुर खीरी लीडिंग टू लॉस ऑफ लाइफ’ यानी 'लखीमपुर खीरी में हिंसा की वजह से लोगों की जान गई' रखा गया है। जस्टिस सूर्यकांत और हिमा कोहली भी बेंच के सदस्य हैं। इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

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दो वकीलों ने भी लिखा था पत्र
इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में CBI से कराने की मांग को लेकर दो वकीलों ने भी चीफ जस्टिस को पत्र लिखा था। वकील शिवकुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा ने पत्र में कहा कि हाल के दौर में हिंसा देश में राजनीति संस्कृति बन गई है। इसकी गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना चाहिए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की एक टिप्पणी सामने आई थी। इसमें कहा था कि ऐसी घटनाएं होती हैं, तो कोई जिम्मेदारी लेने का तैयार नहीं होता है।

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हिंसा पर राजनीति चरम पर
लखीमपुर खीरी मामले में राजनीति चरम पर है। सरकार के खिलाफ मोर्चा संभाले विपक्ष भी एक-दूसरे पर तंज कसते देखा जा रहा है। एक दिन पहले सीतापुर (Sitapur) में प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने सपा-बसपा (SP-BSP) को लेकर कहा कि ये दोनों पार्टियां मैदान में संघर्ष करते नहीं दिखती। इस पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) नाराज हो उठे। उन्होंने कहा कि वो (Priyanka) कमरे में बंद थीं, इसलिए हमारा संघर्ष नहीं देख पाईं। किसी को हमारे संघर्ष पर उंगली उठाने की जरूरत नहीं है। अखिलेश ने प्रदेश के बड़े अपराध गिनाए और कहा- सपा लगातार संघर्ष कर रही है। बुधवार को राहुल गांधी पीड़ितों से मिलने पहुंचे थे। क्लिक करके विस्तार से पढ़ें

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