SC ने मोरेटोरियम की अवधि बढ़ाने से इनकार किया, कहा- पूरी तरह से ब्याज माफी भी संभव नहीं

लोन मोरेटोरियम मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि  मोरेटोरियम की अवधि 31 अगस्त से ज्यादा नहीं बढ़ाई जा सकती। इसके अलावा ग्राहकों को राहत देते हुए कोर्ट ने कहा कि मोरेटोरियम अवधि के दौरान ब्याज पर ब्याज नहीं दिया जाएगा। अगर किसी बैंक ने ब्याज वसूला है, तो उसे वह लौटाना होगा।  

Asianet News Hindi | Published : Mar 23, 2021 7:59 AM IST / Updated: Mar 23 2021, 01:41 PM IST

नई दिल्ली. लोन मोरेटोरियम मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि  मोरेटोरियम की अवधि 31 अगस्त से ज्यादा नहीं बढ़ाई जा सकती। इसके अलावा ग्राहकों को राहत देते हुए कोर्ट ने कहा कि मोरेटोरियम अवधि के दौरान ब्याज पर ब्याज नहीं दिया जाएगा। अगर किसी बैंक ने ब्याज वसूला है, तो उसे वह लौटाना होगा।  

इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार महामारी के चलते आर्थिक नुकसान झेल रही है। ऐसे में सरकार को आर्थिक फैसले लेने का अधिकार है। हम सरकार को नीतियों पर निर्देश नहीं दे सकते।  रिजर्व बैंक जल्द ही इस पर राहत का ऐलान करेगा। 

क्या है मामला?
दरअसल, पिछले साल RBI ने एक मार्च से 31 मई तक कर्ज देने वाली कंपनियों को मोरेटोरियम देने की बात कही थी, जिसे 31 अगस्त तक बढ़ाया भी गया। इसमें ग्राहकों को इस दौरान ईएमआई भरने से छूट मिली थी। अब इस मामले पर जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने फैसला सुनाया। 

बैंक ले रहे थे ब्याज पर ब्याज
आरबीआई के ऐलान के बाद लोन मोरेटोरियम का लाभ बड़ी संख्या में ग्राहकों ने लिया। लेकिन उनकी शिकायत थी कि बैंक बकाया राशि पर ब्याज के ऊपर ब्याज लगा रहे हैं। ऐसे में कोर्ट ने इस मामले में सरकार से सवाल पूछा था कि स्थगित EMI पर अतिरिक्त ब्याज क्यों लिया जा रहा है। इस पर सरकार ने कहा कि 2 करोड़ रुपए तक के कर्ज के लिए बकाया किश्तों पर ब्याज पर ब्याज नहीं लिया जाएगा। 
 

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