लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगितः 20 बिल हुए पास लेकिन बर्बाद हो गए 96 में 74 घंटे, महज 22 घंटे ही चला सदन

सदन में हंगामे के कारण महज 22 प्रतिशत ही कामकाज हुआ। 17वीं लोकसभा की छठी बैठक 19 जुलाई 2021 को शुरू हुई। इस दौरान 17 बैठकों में 21 घंटे 14 मिनट कामकाज हुआ। हंगामे के कारण 96 घंटे में से करीब 74 घंटे कामकाज नहीं हो सका। कुल 20 बिल पास हुए।

Asianet News Hindi | Published : Aug 11, 2021 1:44 PM IST / Updated: Aug 11 2021, 08:07 PM IST

नई दिल्ली। मानसून सत्र (Monsoon Session) का करीब-करीब समापन हो चुका है। क्योंकि लोकसभा (Loksabha) की कार्यवाही बुधवार को अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दी गई है। सदन को स्थगित किए जाने के बाद स्पीकर ओम बिड़ला ने सत्तापक्ष और विपक्ष के नेताओं से भविष्य में समय बर्बाद नहीं किए जाने को लेकर चर्चा की है। 
ओम बिड़ला ने सभी दलों के नेताओं से आग्रह किया कि भविष्य में सदन में चर्चा और संवाद को प्रोत्साहित किया जाए। चर्चा और संवाद से ही जनता का कल्याण होगा। बिड़ला ने कहा कि जिस ढंग से कुछ सांसदों ने व्यवहार किया वह ठीक नहीं था। संसद की मर्यादा बनी रहनी चाहिए। इस बारे में सभी पार्टियों को सोचना चाहिए।

सांसदों ने परंपराओं को तोड़ाः बिड़ला

स्पीकर बिड़ला ने मानसून सत्र में सदन की कार्यवाही ठीक से नहीं चलने पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही सहमति और जिम्मेदारी के साथ चलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चेंबर के पास आकर सांसदों का तख्तियां लहराना, नारे लगाना परंपराओं के खिलाफ है।

उन्होंने कहा कि सदन में हंगामे के कारण महज 22 प्रतिशत ही कामकाज हुआ। 17वीं लोकसभा की छठी बैठक 19 जुलाई 2021 को शुरू हुई। इस दौरान 17 बैठकों में 21 घंटे 14 मिनट कामकाज हुआ। हंगामे के कारण 96 घंटे में से करीब 74 घंटे कामकाज नहीं हो सका। कुल 20 बिल पास हुए। इस दौरान ओबीसी से संबंधित संविधान (127वां संशोधन) विधेयक सहित कुल 20 विधेयक पारित किए गए। चार नए सदस्यों ने शपथ ली। उन्होंने कहा कि मेरी कोशिश थी कि सदन पहले की तरह चलता और सभी मुद्दों पर चर्चा होती। सभी सदस्य चर्चा करते, जनता के मुद्दे रखते, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाया।

स्पीकर की बैठक में ये लोग रहे मौजूद

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की मीटिंग में पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी के अलावा टीएमसी के सुदीप बंदोपाध्याय, द्रमुक के टीआर बालू, अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल, वाईएसआर कांग्रेस के मिथुन रेड्डी, बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा और जेडीयू के राजीव रंजन सिंह लल्लन, बसपा के रितेश पांडेय और तेलंगाना राष्ट्र समिति के नामा नागेश्वर राव भी शामिल हुए।

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