लोकसभा अध्यक्ष ने संसद भवन के निर्माण कार्य की निगरानी के लिए समिति बनाई, सदन में बनेगा संविधान कक्ष

लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को नए संसद भवन के निर्माण के संबंध में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।  इस बैठक में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद रहे। बैठक में लोकसभा स्पीकर ने नए भवन के निर्माण के लिए प्रस्तावित क्षेत्र से मौजूदा सुविधाओं और अन्य संरचनाओं को स्थानांतरित किए जाने के संबंध में जानकारी ली।

नई दिल्ली. लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को नए संसद भवन के निर्माण के संबंध में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।  इस बैठक में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद रहे। बैठक में लोकसभा स्पीकर ने नए भवन के निर्माण के लिए प्रस्तावित क्षेत्र से मौजूदा सुविधाओं और अन्य संरचनाओं को स्थानांतरित किए जाने के संबंध में जानकारी ली। बैठक में इस क्षेत्र के आसपास घेरा बनाने और निर्माण प्रक्रिया के दौरान वायु और ध्वनि प्रदूषण के नियंत्रण के लिए किए जाने वाले विभिन्न उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। 

आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के अधिकारियों ने ओम बिरला को बताया कि नए भवन के निर्माण की अवधि के दौरान और विशेषकर संसद सत्र के दौरान अति विशिष्ट व्यक्ति और स्टाफ के आने-जाने की व्यवस्था कैसी होगी। मौजूदा संसद भवन में संसदीय समारोहों के आयोजन के लिए अधिक उपयोगी स्थान की व्यवस्था के लिए इसे उपयुक्त सुविधाओं से लैस किया जाएगा ताकि नए भवन के साथ ही इस भवन का उपयोग भी सुनिश्चित हो सके। 

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2022 तक पूरा हो जाएगा निर्माण कार्य 
इस बैठक में ओम बिरला को बताया गया कि नए भवन के निर्माण का कार्य दिसंबर 2020 में शुरू होगा और इसे अक्टूबर 2022 तक पूरा कर लिए जाने की संभावना है। वहीं, समीक्षा बैठक के बाद इस बात पर जोर दिया कि निर्माण कार्य को समय से पूरा करने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने में कोई समझौता नहीं होना चाहिए। 

निगरानी समिति का किया गठन 
बैठक के दौरान लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने यह निर्णय लिया कि नए भवन के निर्माण कार्य की निगरानी के लिए एक निगरानी समिति का गठन किया जाएगा ।  इस निगरानी समिति में अन्य व्यक्तियों के साथ-साथ लोक सभा सचिवालय, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, के लो नि वि, न दि न पा के अधिकारी और परियोजना के आर्किटेक्ट/ डिजाइनर भी शामिल होंगे। 
 
होंगी ये विशेषताएं
नए सदन में संसद सदस्यों के लिए अलग कार्यालय होंगे। कक्षों में प्रत्येक संसद सदस्य की सीट अधिक आरामदेह होगी और उसमें डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध होंगी जो पेपरलेस कार्यालय की दिशा में एक अग्रणी कदम होगा। लोक सभा और राज्य सभा कक्षों के अलावा नए भवन में एक भव्य संविधान कक्ष होगा जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत दर्शाने के लिए अन्य वस्तुओं के साथ-साथ संविधान की मूल प्रति, डिजिटल डिस्पले आदि होंगे। इस बैठक के दौरान यह जानकारी दी गई कि आने वाले लोगों को इस हाल में जाने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी ताकि वे संसदीय लोकतंत्र के रूप में भारत की यात्रा के बारे में जान सकें। नए भवन में संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, लाइब्रेरी, छह समिति कक्ष और डाइनिंग (भोजन) कक्ष भी होंगे ।

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