मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। सरकार बचाने के लिए सीएम कमलनाथ ने आज शाम विधायक दल की बैठक बुलाई है, जिसमें सरकार को लेकर कोई निर्णय लिया जा सकता है। वहीं, भाजपा ने भी विधायकों की बैठक बुलाई है। जहां पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुना जा सकता है।
भोपाल. रंगों के पर्व होली पर मध्यप्रदेश का सियासी रंग और चटक हो गया है। प्रदेश की कमलनाथ सरकार का गिरना लगभग तय हो गया है। इसके बावजूद दोनों पार्टियों ने अपने विधायकों को बाहर भेजना शुरू कर दिया है। कांग्रेस और भाजपा अब अपने विधायकों को फिर से बचाने में लग गई हैं। इससे पहले कमलनाथ की मीटिंग में सिर्फ 88 विधायक ही पहुंचे थे। आपको बता दें कि कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के पास 92 विधायक बचे हैं, पर मीटिंग में सिर्फ 88 विधायकों के पहुंचने के बाद कुछ और विधायकों के इस्तीफे के कयास लगाए जा रहे हैं। वहीं भाजपा विधायकों की मीटिंग में भी मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी नहीं पहुंचे थे, जिसके बाद मीटिंग खत्म होते ही भाजपा ने भी अपने विधायकों को शिफ्ट करना शुरू कर दिया है।
पीएम मोदी और अमित शाह संग सिंधिया ने तकरीबन 1 घंटे तक बातचीत की । जिसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजा। सिंधिया 2 दिन बाद भोपाल में भाजपा की सदस्यता ले सकते हैं। वहीं, बताया जा रहा कि सिंधिया को भाजपा राज्यसभा का उम्मीदवार बनाएगी।
सोमवार की रात्री वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के 6 मंत्री 12 विधायक प्रदेश छोड़कर बेंगलुरु में डेरा जमा चुके हैं। सरकार पर खतरा देखते हुए सीएम कमलनाथ ने आधी रात कैबिनेट की बैठक बुलाई, जिसमें कैबिनेट के 18 मंत्रियों ने सीएम कमलनाथ को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
मंत्रियों को हटाए जाने की मांग
विधायकों के इस्तीफे के बाद सीएम कमलनाथ ने अपनी सरकार के 6 मंत्रियों को हटाए जाने के लिए राज्यपाल को पत्र भेजा है। कमलनाथ ने कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, इमरती देवी, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युमन सिंह तोमर, डॉ. प्रभुराम चौधरी को तत्काल हटाए जाने की मांग की है।
भाजपा में शामिल हुए बिसाहुलाल
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और कई बार विधायक चुने गए बिसाहूलाल ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया है। मध्यप्रदेश भाजपा कार्यालय में बिसाहूलाल ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान बिसाहूलाल ने कांग्रेस पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए।
19 विधायकों ने राज्यपाल को भेजा इस्तीफा
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिया। जिसके बाद बेंगलुरू भेजे गए 19 विधायकों ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा भेजा है। इस्तीफा भेजने वालों में कमलनाथ सरकार में रहे 6 मंत्री भी शामिल हैं। जिसमें इमरती देवी, गोविंद सिंह राजपूत, तुलसी सिलावट, उमंग सिंघार समेत अन्य विधायक भी शामिल हैं।
कांग्रेस ने माना, गिर गई कमलनाथ सरकार
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा, 'कांग्रेस पार्टी ने उनको राज्यसभा में MP बनने के लिए टिकट दी फिर भी उनको ये रास नहीं आता क्योंकि मोदी जी उनको कह दिए कि तुम्हें हम मंत्री पद देंगे। सिंधिया देख रहे हैं कि मंत्री पद इससे ज्यादा मुनाफे का होगा।' इसके साथ ही अधीर रंजन ने कहा कि सिंधिया के इस्तीफा दिए जाने के बाद यह साफ हो गया है कि मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार खतरे में है और हम ऐसा बिल्कुल भी उम्मीद नहीं करते है कि सरकार चल नहीं पाएगी। वहीं, कांग्रेस पार्टी ने सिंधिया को पार्टी से निकाल दिया है। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि सिंधिया पार्टी के खिलाफ गतिविधियों में शामिल थे।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने राहुल गांधी को अपना इस्तीफा दिया।
आज यानी मंगलवार को सीएम कमलनाथ ने विधायक दल की बैठक बुलाई है। इस बैठक में सियासी संकट को लेकर निर्णय लिया जा सकता है। वहीं, मंत्रियों के इस्तीफा दिए जाने के बाद साफ हो गया है कि नए विधायकों को मंत्री बनाने के लिए सीएम कमलनाथ के हाथ खुल गए है। जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि नाराज विधायक बेंगलुरू से वापस लौट सकते हैं।
पीएम और सिंधिया की बैठक खत्म
अमित शाह के साथ पीएम मोदी से मिलने पहुंचे सिंधिया के बीच बैठक खत्म हो गई है। पीएम मोदी और सिंधिया के बीच तकरीबन 1 घंटे कर बैठक हुई। जिसके बाद सिंधिया अमित शाह के साथ उनके काफिले से ही प्रधानमंत्री आवास से बाहर निकले। हालांकि इस बैठक में क्या कुछ बातें हुई वह अभी तक सामने नहीं आ सकी है। लेकिन बताया जा रहा कि सिंधिया आज देर शाम तक भाजपा में शामिल हो सकते है। जिसके बाद भाजपा राज्यसभा का उम्मीदवार घोषित कर सकती है। इसके साथ चर्चा यहां तक भी है कि सिंधिया को मोदी सरकार के कैबिनेट में जगह दी जा सकती है।
कांग्रेस ने बुलाई इमरजेंसी बैठक
मध्यप्रदेश में जारी सियासी हलचल के बीच कांग्रेस आलाकमान ने इमरजेंसी बैठक बुलाई है। वहीं, सिंधिया के बीजेपी ज्वाइन करने की अटकलों के बीच सीएम कमलनाथ ने अपने आवास पर पार्टी पदाधिकारियों संग आपातकालीन बैठक कर रहे हैं। इन सब के इतर भारतीय जनता पार्टी भी सियासी स्थितियों को देखते हुए पार्टी कार्यालय में विधायकों की बैठक कर रही है।
नरोत्तम मिश्रा ने सिंधिया का किया स्वागत
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज हैं। बताया जा रहा है कि बीजेपी उन्हें मध्य प्रदेश में कमल खिलाने के बदले राज्य सभा का उम्मीदवार बना सकती है। बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक सिंधिया की मुलाकात मोदी और शाह से हो चुकी है। बताया जा रहा है कि कल वह शाह और उसके बाद मोदी से मिले थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा- 'बीजेपी में सभी का दिल से स्वागत है। हम जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को भी अपने साथ रखते हैं, सिंधिया जी बहुत बड़े नेता हैं, उनका निश्चित रूप से स्वागत है।'
भोपाल पहुंचे शिवराज सिंह चौहान
मध्यप्रदेश में जारी उठापटक बीच पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान दिल्ली से भोपाल लौटे है। इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 'हमने पहले दिन ही कहा था कि हमें सरकार को गिराने में कोई दिलचस्पी नहीं है।' उन्होंने कहा, 'यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है, मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।'
सिंधिया को स्वाइन फ्लूः दिग्विजय सिंह
कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने सिंधिया की नाराजगी पर कहा कि हमने उनसे बात करने की कोशिश की गई है। लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि सिंधिया को स्वाइन फ्लू है। जिसके कारण उनसे बातचीत नहीं पाई है।
उम्मीद करता हूं सब ठीक हो जाएः पायलट
राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि मध्यप्रदेश में जो विवाद खड़ा हुआ है उम्मीद करता हूं कि सब जल्द ठीक हो जाएगा। राज्य को स्थायी और जरूरतों को पूरा करने वाली सरकार की जरूरत है।
आज भोपाल पहुंचेंगे राज्यपाल टंडन
मध्य प्रदेश में सियासी संकट के दूसरे अध्याय का जब तापमान चढ़ा तो सारी परिस्थितियां बदल गई। 4 दिन की छुट्टी पर लखनऊ गए प्रदेश के महामहिन लालजी टंडन ने आनन-फानन में आपनी छुट्टी करते हुए भोपाल आने का निर्णय ले लिया। राज्यपाल के निजी सचिव ने बताया कि राज्यपाल ने अपना छुट्टियां रद्द कर दी है और वह मंगलवार को भोपाल पहुंचेंगे।
शिवराज को चुने जा सकते है नेता
मध्यप्रदेश में जारी सियासी नाटक के बीच बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने के बाद पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान गृहमंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे। शिवराज सिंह ने अमित शाह के घर पर उनसे की। इस मुलाकात में बीजेपी नेता नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद रहें। अमित शाह और शिवराज सिंह चौहान के बीच 3 घंटे तर बैठक चली।
जिसके बाद मंगलवार को भोपाल में भाजपा ने विधायक दल की बैठक बुलाई है। कहा जा रहा है कि इस बैठक में शिवराज को गोपाल भार्गव की जगह विधायक दल का नेता चुना जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा 16 मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है।
बेंगलुरू में ये मंत्री- और विधायक
राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट, महिला बाल विकास इमरती देवी, खाद्य एवं नागरिक अापूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी। वहीं इनके साथ राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, मुन्नालाल गोयल, ओपीएस भदौरिया, रणवीर जाटव, गिर्राज दंडोतिया, कमलेश जाटव, रक्षा संतराम सरौनिया, जसवंत जाटव, सुरेश धाकड़, जजपाल सिंह जज्जी, बृजेंद्र सिंह यादव और बीते सप्ताह भर से बेंगलुरू में जमे विधायक रघुराज सिंह कंसाना।
जेपी नड्डा और शिवराज के बीच मंथन
मध्य प्रदेश के सियासी हलचल पर बीजेपी ने भी अपनी रणनीति शुरू कर दी। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच राज्य के ताजा घटनाक्रम पर बातचीत हुई।
16 मार्च से बजट सत्र, 26 मार्च को राज्यसभा चुनाव
आने वाले दिन मध्य प्रदेश की राजनीति के लिहाज से बेहद अहम हैं। अगर राज्य में कांग्रेस का संख्याबल कमजोर होता है तो बीजेपी आगामी बजट सत्र में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकती है। मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 16 मार्च से शुरू हो रहा है। ऐसी परिस्थिति में कमलनाथ सरकार के सामने मुश्किल पैदा हो सकती है।
वहीं 26 मार्च को एमपी में राज्यसभा की तीन सीटों पर चुनाव है। इसके लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां जोर आजमाइश कर रही है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा और पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया का राज्यसभा में कार्यकाल 9 अप्रैल को पूरा हो रहा है। अगर इससे पहले किसी भी पार्टी के विधायक टूटते हैं तो इसका असर राज्यसभा चुनाव में दिख सकता है।
मध्य प्रदेश विधानसभा की स्थिति
कुल सीटें: 230
वर्तमान सदस्य संख्या: 228
बहुमत के लिए जरूरी: 114 (विधानसभा अध्यक्ष को छोड़कर)
कांग्रेस+: 120
भाजपा: 107
सिंधिया समर्थक 18 विधायकों को हटाने पर स्थिति
कांग्रेस+: 102
भाजपा: 107