प्रचार में कांग्रेस फुस्स: राहुल ने सिर्फ 5 रैलियां कीं, किसी CM ने भी नहीं दिखाई दिलचस्पी

 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार शाम प्रचार थम गया। 21 अक्टूबर यानी सोमवार को राज्य की सभी 288 सीटों पर मतदान होना है। नतीजे 24 अक्टूबर को आएंगे। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 20, 2019 7:11 AM IST / Updated: Oct 20 2019, 12:48 PM IST

मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार शाम प्रचार थम गया। 21 अक्टूबर यानी सोमवार को राज्य की सभी 288 सीटों पर मतदान होना है। नतीजे 24 अक्टूबर को आएंगे। 21 सितंबर को चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान किया था, उसी के बाद से राज्य में चुनावी विगुल फुंक गया था। भाजपा ने शिवसेना तो कांग्रेस ने एनसीपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा रहा है। 

सभी पार्टियों ने चुनाव प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी। हालांकि, चुनाव मैनेजमेंट की बात करें, तो भाजपा गठबंधन इसमें आगे दिखा। हालांकि, शिवसेना के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर शुरुआत में कुछ पेंच जरूर फंसा था, लेकिन बाद में भाजपा-शिवसेना ने इसे प्रचार में सामने नहीं आने दिया।

भाजपा की 312 जनसभाएं
जहां एक ओर भाजपा की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जमकर प्रचार किया। वहीं, कांग्रेस में आपसी मतभेद नजर आया।

सोनिया-प्रियंका रहीं दूर
लोकसभा चुनाव में सक्रियता दिखाने वालीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी इस बार चुनाव प्रचार से दूर रहीं। हालांकि, उनका नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट में था। यहां तक की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी एक भी रैली नहीं की। इसके अलावा कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी चुनाव प्रचार से दूर रहे। 

Maharashtra elections: Congress-NCP ahead in sharing of seats, screws in BJP-Shiv Sena; Rebel leaders are causing trouble

शिवसेना-भाजपा ने गठबंधन किया
पिछले विधानसभा चुनाव में अलग अलग मैदान में उतरने वालीं शिवसेना और भाजपा एक बार फिर साथ चुनाव लड़ रहे हैं। शिवसेना ने 124 सीटों पर तो भाजपा ने 152 सीटों पर उम्मीदवार उतारे। हालांकि, दो सीटों पर शिवसेना ने भाजपा के खिलाफ भी उम्मीदवार उतारे हैं।

कांग्रेस और राकांपा 125-125 सीटों पर लड़ा चुनाव
88 सीटों वाले महाराष्ट्र में कांग्रेस और राकांपा 125-125 सीटों पर चुनाव लड़े रहे हैं। 38 सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ी गई हैं।

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