महाराष्ट्रः अनलॉक 5 में भी नहीं खुलेंगे मंदिर, 31 अक्टूबर तक बद रहेंगे स्कूल और कॉलेज

कोरोना संकट के बीच महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को अनलॉक 5 के लिए गाइडलाइन जारी कर दी। राज्य में 31 अक्टूबर तक स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान बंद रहेंगे। वहीं,  अनलॉक 5 में भी धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति नहीं दी गई है। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 14, 2020 11:59 AM IST / Updated: Oct 14 2020, 06:24 PM IST

मुंबई. कोरोना संकट के बीच महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को अनलॉक 5 के लिए गाइडलाइन जारी कर दी। राज्य में 31 अक्टूबर तक स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान बंद रहेंगे। वहीं, अनलॉक 5 में भी धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति नहीं दी गई है। 

राज्य में 15 अक्टूबर से मेट्रो सेवाएं शुरू हो जाएंगी। इसके अलावा सरकारी और निजी लाइब्रेरी भी खोली जा सकेंगी। महाराष्ट्र में सिनेमा घर खोलने की भी अनुमति नहीं दी जा रही है। 

महाराष्ट्र में क्या क्या खोलने की मिली अनुमति?
- राज्य में 15 अक्टूबर से चरणबद्ध तरीके से मेट्रो खोलने का फैसला किया है। वहीं, राज्य में लाइब्रेरी भी खोली जा सकेंगी। 
- बिजनेस एक्जीविशन, वीकली बाजार, जानवरों के बाजार भी कंटेनमेंट जोन के बाहर खोले जा सकेंगे।
- भीड़ कम करने के उद्देश्य से कल से मार्केट भी 9 बजे तक खुल सकेंगे। 
- इसके अलावा अब रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर हेल्थ चेकअप और स्टांप लगाना भी बंद करने का फैसला लिया गया है।

अन्य राज्यों में खुलने लगे सिनेमाघर
जहां अन्य राज्यों में इस महीने से सिनेमाघरों को खोलने की अनुमति मिल गई है। वहीं, महाराष्ट्र में सिनेमाहॉल पर अभी भी पाबंदी रहेगी। इसके अलावा मंदिरों, थिएटर्स और धार्मिक स्थलों को कोई ढील नहीं दी गई है। हालांकि, स्कूल में 50 फीसदी क्षमता के साथ शिक्षक जा सकेंगे। 

महाराष्ट्र में मंदिर खोलने को लेकर हो रही राजनीति
महाराष्ट्र में मंदिर यानी धार्मिक स्थल खोलने को लेकर राजनीति जारी है। दरअसल,  मुंबई में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं ने धार्मिक स्थलों को खोलने की मांग को लेकर मंगलवार को मुंबई में प्रदर्शन किया था। इसके साथ शिरडी में साईं मंदिर खोलने के लिए बीजेपी के आध्यात्मिक प्रकोष्ठ के महंतों ने शिरडी में एक दिवसीय अनशन किया। इसके बाद राज्यपाल कोश्यारी ने सीएम को पत्र लिखकर बंद पड़े धार्मिक स्थलों को दोबारा खुलवाने की बात कही थी।

आमने-सामने आए राज्यपाल और सीएम
पत्र में राज्यपाल ने लिखा था कि क्या सीएम उद्धव ठाकरे को भगवान की ओर से कोई चेतावनी मिली है कि धार्मिक स्थलों को दोबारा खोले जाने को टालते रहें। उन्होंने पत्र में कहा कि यह विडंबना है कि एक तरफ सरकार ने बार और रेस्तरां खोले हैं, लेकिन दूसरी तरफ, देवी और देवताओं के स्थल को नहीं खोला गया है। आप हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं। आपने भगवान राम के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी भक्ति व्यक्त की।

उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल के पत्र का दिया जवाब
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के जवाब में सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि जैसे अचानक से लॉकडाउन को लागू करना सही नहीं था, ठीक वैसे ही इसे एक बार में पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता है। हिंदुत्व को लेकर सीएम ने कहा कि 'मुझे अपना हिंदुत्व साबित करने के लिए आपसे सर्टिफिकेट नहीं चाहिए। जो लोग हमारे राज्य की तुलना PoK से करते हैं उनका स्वागत करने मेरे हिंदुत्व में फिट नहीं बैठता है। क्या सिर्फ मंदिर खोलने से ही क्या हिंदुत्व साबित होगा?

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