29 सितंबर, 2008 को उत्तरी महाराष्ट्र के एक कस्बे मालेगांव में एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में बंधा एक विस्फोटक फट जाने से छह लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए थे।
मुंबई। एनआईए के स्पेशल कोर्ट में मालेगांव ब्लास्ट का एक गवाह मुकर गया है। 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में गवाह ने महाराष्ट्र एटीएस के सामने बयान दिया था लेकिन कोर्ट में वह अपने बयान से मुकर गया। इस मामले की जांच एनआईए को सौंपे जाने से पहले एटीएस कर रहा था।
यह था बयान
2008 में गवाह ने एटीएस को बयान दिया था कि उसने पचमढ़ी के एक शिविर में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित का व्याख्यान सुना था। गवाह ने एटीएस से कहा था कि वह अक्टूबर 2008 में उस शिविर में शामिल हुआ था जहां लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित ने आतंकवाद पर व्याख्यान दिया था। एटीएस द्वारा लिए गए बयान के अनुसार गवाह ने बताया था कि कर्नल पुरोहित ने शिविर में आतंकवाद पर विस्तार से चर्चा की थी कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ साजिश कर रहा है। इस कैंप के कुछ दिनों बाद ही मालेगांव 2008 ब्लास्ट हुआ था।
स्पेशल कोर्ट में पलट गया गवाह
विशेष एनआईए अदालत में शनिवार को महाराष्ट्र एटीएस का गवाह पेश किया गया। स्पेशल कोर्ट में पेश होते ही गवाह ने साफ तौर पर कह दिया कि उसने 2008 में एटीएस को कोई बयान दिया ही नहीं था। विशेष लोक अभियोजक अविनाश रसाल के ज्यादातर सवालों के जवाब में उसने जवाब दिया कि उसे नहीं पता। बाद में विशेष एनआईए अदालत ने उसे ‘मुकरा हुआ‘ गवाह घोषित किया।
यह है मामला
29 सितंबर, 2008 को उत्तरी महाराष्ट्र के एक कस्बे मालेगांव में एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में बंधा एक विस्फोटक फट जाने से छह लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए थे। इस मामले की जांच महाराष्ट्र एटीएस कर रही थी। हालांकि, बाद में यह मामला एनआईए को सौंप दिया गया था। इस मामले में ले.कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित व भोपाल भाजपा लोकसभा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत मामले के अन्य आरोपी मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), अजय रहीरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी हैं। सभी जमानत पर बाहर हैं।
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