BJP लीडर प्रवीण नेतारू की हत्या के बाद PFI का 'डेथ वारंट' तैयार हो गया था, राहुल गांधी ने RAID को सही ठहराया

PFI के आतंकवादी संगठनों से कनेक्शन को लेकर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी(NIA) और ED ने केरल और तमिलनाडु सहित 13 राज्यों में बड़े पैमाने पर छापामार कार्रवाई की है। अकेले केरल में PFI के करीब 50 ठिकानों पर RAIDS डालने NIA-ED टीम अपने साथ अन्यों की सेंट्रल फोर्स के साथ लेकर गई है।

तिरुवनंतपुरम. भारत में साम्प्रदायिक मुद्दों को हवा देने वाले मुस्लिम संगठन PFI( पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के आतंकवादी संगठनों से कनेक्शन को लेकर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी(NIA) और ED ने केरल और तमिलनाडु सहित 13 राज्यों में बड़े पैमाने पर छापामार कार्रवाई की है। अकेले केरल में PFI के करीब 50 ठिकानों पर RAIDS डालने NIA-ED की टीम अपने साथ अन्यों की सेंट्रल फोर्स के साथ लेकर गई है। 

इस छापेमारी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी का सरकार के समर्थन में बयान आया है। उन्होंने PFI पर देशव्यापी छापेमारी को सांप्रदायिकता, नफरत और हिंसा की राजनीति से निपटने के लिए जरूरी बताया है। गुरुवार को एर्नाकुलम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि सांप्रदायिकता के सभी रूपों का सामना करना चाहिए, जहां से यह आता है। इसके लिए जीरो टॉलरेंस होना चाहिए। उन्होंने छापेमारी का समर्थन करते हुए कहा कि सांप्रदायिकता और नफरत और हिंसा की राजनीति पर अंकुश लगाने के लिए पीएफआई पर देशव्यापी हमले जरूरी हैं। यह भी पढ़ें-कर्नाटक में BJP यूथ विंग नेता प्रवीण नेतारू का क्लोज फ्रेंड था किलर शफीक, कपिल मिश्रा ने उठाया एक सवाल

Latest Videos

बता दें कि इससे पहले 18 सितंबर को NIA ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी PFI के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। आंध्र प्रदेश के नेल्लोर, नांदयाल इलाकों और तेलंगाना के जगतियाल इलाकों में छापेमारी की गई थी। यह मामला टेरर फंडिंग से जुड़ा था। इस मामले में शादुल्ला मुख्य आरोपी है। बताया जा रहा है कि एनआईए ने अब तक 106 से ज्यादा PFI अधिकारियों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। फिलहाल ये कार्रवाई  केरल, कर्नाटक, राजस्थान, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, असम, दिल्ली, यूपी, एमपी और महाराष्ट्र में चल रही है। इधर, कार्रवाई के बीच गृह मंत्रालय में गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हाई लेवल मीटिंग हुई। इसमें NSA अजीत डोभाल, गृह सचिव अजय भल्ला और NIA के महानिदेशक मौजूद रहे।

इस छापेमारी के पीछे तीन बड़े कारण सामने आए हैं। पहला-NIA को जानकारी मिली थी कि कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और हैदराबाद में आतंकी गतिविधि बढ़ाने के लिए भारी संख्या में टेरर फंडिंग हुई है। दूसरा- इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि कई राज्यों में पिछले कुछ महीनों से PFI बड़े स्तर पर संदिग्ध ट्रेनिंग कैंप चला रही है। तीसरा-जुलाई में पटना के पास फुलवारी शरीफ में मिले आतंकी मॉड्यूल में PFI के सदस्यों के पास से इंडिया 2047 नाम का 7 पेज का डॉक्यूमेंट भी मिला था। इसमें अगले 25 साल में भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने की प्लानिंग सामने आई थी।

4 अगस्त को हो चुकी थी रेड की प्लानिंग
PFI पर छापेमारी की प्लानिंग कर्नाटक के BJP नेता प्रवीण नेट्टारू की हत्या के बाद से से ही हो गई थी। उम्मीद जताई जा रही है कि 2022 PFI का आखिरी साल साबित होगा। 4 अगस्त को गृहमंत्री अमित शाह के बेंगलुरु दौरे के दौरान इस पर नकेल डालने की तैयारी हुई थी। यहां एक कार्यक्रम के बाद अमित शाह ने कर्नाटक के CM बसव राज बोम्मई और राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र के साथ एक सीक्रेट मीटिंग की थी। इसी में PFI के खात्मे की प्लानिंग की गई थी।7 अगस्त को इसके लिए लिए टीम तैयार की गई थी। इस टीम में दिल्ली और कर्नाटक के कुछ टॉप आफिसर्स और इंटेलिजेंस के लोग शामिल हैं।

केरल में क्यों छापेमारी की गई?
पॉपुलर फ्रंट के तिरुवनंतपुरम जिला समिति कार्यालय पर भी छापेमारी की जा रही है। एनआईए ने राज्य में पॉपुलर फ्रंट के नेताओं के कार्यालयों और घरों पर भी छापेमारी की है। जांच दिल्ली और केरल में दर्ज मामलों पर चल रही है। इस बीच, पॉपुलर फ्रंट राज्य समिति के एक सदस्य को एनआईए ने हिरासत में ले लिया है। त्रिशूर के पेरुमुलाई के रहने वाले याहिया को गुरुवार(22 सितंबर) की सुबह हिरासत में ले लिया गया। पून्थुरा में अशरफ मौलवी के घर, एर्नाकुलम में पॉपुलर फ्रंट के उपाध्यक्ष अब्दुल रहमान के घर और कोट्टायम जिलाध्यक्ष जैनुद्दीन के घर की तलाशी ली जा रही है। छापेमारी में जिलास्तरीय नेताओं के अलावा मलप्पुरम जिले में मंजेरी स्थित पीएफआई अध्यक्ष ओएमए सलाम के घर पर भी छापा मारा गया है। छापेमारी के विरोध में कई जगहों पर कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं।

राज्य महासचिव ए अब्दुल सत्तार ने कहा कि राज्य में पॉपुलर फ्रंट नेताओं के घरों पर एनआईए और ईडी ने आधी रात को छापेमारी की है। राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय नेताओं के घरों पर छापेमारी की जा रही है। सत्तार ने आरोप लगाया कि जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर विपक्ष की आवाजों को चुप कराने के फासीवादी शासन के कदमों का कड़ा विरोध होना चाहिए।

आखिर ये है क्या PFI?
बता दें कि CAA और NRC के विरोध को लेकर देशभर में अराजकता फैलाने का मामला हो या दिल्ली-कानपुर में दंगा कराने की साजिश, हिजाब विवाद को भी हिंसक विरोध में बदले का मुद्दा PFI(पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) का कनेक्शन सामने आता रहा है। हिजाब मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान पिछले दिनों सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया की बेंच को बताया था जिन छात्राओं ने हिजाब बैन के खिलाफ याचिका दायर की है, वे कट्‌टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के प्रभाव में ऐसा कर रही हैं। ‘2022 में PFI ने सोशल मीडिया पर एक कैंपेन चलाया था, जिसका मकसद लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करके उपद्रव फैलाना था। आखिर क्या है पीएफआई और कैसे बना ये संगठन, आइए जानते हैं...

सिमी का विकल्प बनकर सामने आया है PFI
पीएफआई को स्‍टूडेंट्स इस्‍लामिक मूवमेट ऑफ इंडिया यानी सिमी का ही विकल्प माना जाता रहा है। 1977 में बने सिमी को 2006 में बैन कर दिया गया। उसके बाद इस संगठन की स्थापना हुई। कहने को यह मुसलमानों के बाजिव हक की लड़ाई लड़ने की बात करता आया है, लेकिन यह एक कट्टर इस्लामिक संगठन है, जिसका मकसद साम्प्रदायिक आधार पर हिंदू-मुसलमानों के बीच खाई पैदा करना है। इसकी संदिग्ध गतिविधियों के चलते इसे बैन करने की मांग उठती आ रही है। 

ऐसी है PFI की कहानी
पीएफआई की स्थापना 1993 में बने नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट से ही हुई है। 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाने के बाद नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट नाम से एक संगठन बना था। इसके बाद 2006 में नेशनल डेमाक्रेटिक फ्रंट का विलय पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) में हो गया। ऑफिशियली इस संगठन की शुरुआत 17 फरवरी, 2007 में हुई। यह संगठन केरल से ही संचालित होता है लेकिन पूरे देश में इसके लोग फैले हुए हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के मुताबिक पीएफआई देश के 23 राज्यों में सक्रिय है। 

https://t.co/UB1PMTkP82 pic.twitter.com/70Fy4BQZOc

यह भी पढ़ें
ईरान: क्यों अपने बाल काट रही महिलाएं, सरेआम जला रहीं हिजाब; कहीं इसके पीछे ये वजह तो नहीं?
रघुपति राघव के अब्दुल्ला दीवाने, विवाद छिड़ने पर बोले-'कोई हिंदू अजमेर दरगाह जाने पर मुसलमान नहीं हो जाता है'

 

Share this article
click me!

Latest Videos

दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल को कोर्ट से लगा झटका, कर दिया इनकार । Arvind Kejriwal । Delhi HC
UP bypoll Election 2024: 3 सीटें जहां BJP के अपनों ने बढ़ाई टेंशन, होने जा रहा बड़ा नुकसान!
Maharashtra Election: CM पद के लिए कई दावेदार, कौन बनेगा महामुकाबले के बाद 'मुख्य' किरदार
SC on Delhi Pollution: बेहाल दिल्ली, कोर्ट ने लगाई पुलिस और सरकार को फटकार, दिए निर्देश
'मणिपुर को तबाह करने में मोदी साझेदार' कांग्रेस ने पूछा क्यों फूल रहे पीएम और अमित शाह के हाथ-पांव?