सार

जम्मू-कश्मीर के स्कूलों में 'रघुपति राघव' भजन को लेकर महबूबा मुफ्ती की आपत्ति को पूर्व CM फारुख अब्दुल्ला ने नकार दिया है। उन्होंने कहा कि वे भी यह भजन गाते हैं, इसमें गलत क्या है? इस बीच मुस्लिम संगठन मुत्ताहिदा मजलिस-ए-उलेमा (AMU) ने इस मामले पर कंट्रोवर्सी शुरू कर दी है। पढ़िए पूरा मामला... 

श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के स्कूलों में 'रघुपति राघव' भजन को लेकर महबूबा मुफ्ती की आपत्ति को पूर्व CM फारुख अब्दुल्ला ने नकार दिया है। उन्होंने कहा कि वे भी यह भजन गाते हैं, इसमें गलत क्या है? इस बीच मुस्लिम संगठन मुत्ताहिदा मजलिस-ए-उलेमा (AMU) ने इस मामले पर कंट्रोवर्सी शुरू कर दी है। पढ़िए पूरा मामला..

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार एक एक वीडियो tweet करके लिखा था कि कश्मीर में अधिकारी कथित तौर पर कुछ स्कूलों में छात्रों को हिंदू भजन गाने के लिए निर्देशित कर रहे थे, जो भाजपा शासित केंद्र के "असली हिंदुत्व" एजेंडे को उजागर करता है। महबूबा ने लिखा था-"धार्मिक विद्वानों को जेल में डालना, जामा मस्जिद को बंद करना और यहां स्कूली बच्चों को हिंदू भजन गाने के लिए निर्देशित करना कश्मीर में भारत सरकार के वास्तविक हिंदुत्व एजेंडे को उजागर करता है। इन पागल आदेशों को नकारना PSA और UAPA को आमंत्रित करता है। यह वह कीमत है, जो हम इस तथाकथित "बदलता जम्मू-कश्मीर" के लिए चुका रहे हैं।"

इसके बाद महबूबा ने मंगलवार(20 सितंबर) को भी एक tweet किया-"जम्मू-कश्मीर की सांस्कृतिक और पारंपरिक प्रथाओं को कुचलन, धार्मिक नेताओं को गिरफ्तार करना, सज्जाद नशीनों(मुसलमानों के पीर-फकीर) को उनके पारंपरिक कर्तव्यों का पालन करने से रोकना और अब दस्तारबंदी(धार्मिक गद्दी की परंपरा) पर प्रतिबंध लगाना, जो धार्मिक स्थानों पर आशीर्वाद देने का एक सार्वभौमिक समारोह(universal ceremony) है।"

मैं भी भजन गाता हूं, इसमें गलत क्या है?
महबूबा मुफ्ती के बयान पर राज्य के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि वे भी भजन गाते हैं। इसमें क्या गलत है? अब्दुल्ला ने कहा कि वे 2 नेशन थ्योरी पर विश्वास नहीं रखते हैं। भारत साम्प्रदायिक नहीं है, यह धर्मनिरपेक्ष है। अगर कोई हिंदू अजमेर की दरगाह पर जाता है, तो क्या वो मुसलमान बन जाएगा?

भाजपा खारिज कर चुकी है महबूबा के आरोप
हालांकि भाजपा पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के आरोपों को खारिज कर चुकी है। भाजपा ने कहा कि वे बिना तथ्यों के झूठ फैला रही हैं। बता दें कि स्कूलों में बच्चों को भजन गाने का निर्देश गांधी जयंती उत्सव का हिस्सा था। आदेश में कहा गया था, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 153वीं जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रमों में रघुपति राघव भजन गाना है। यह गांधीजी का प्रिय भजन था।

धर्म की रक्षा, इस्लामी पहचान हमारी मौलिक जिम्मेदारी: एमएमयू
धार्मिक और शैक्षणिक संगठनों के संगठन मुत्ताहिदा मजलिस-ए-उलेमा (एमएमयू) ने मंगलवार को कश्मीर के स्कूलों में हिंदू भजनों को कथित रूप से लागू किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। एमएमयू ने एक बयान में कहा, "हम कश्मीर के स्कूलों में हिंदू भजन गायन को लागू करने पर कड़ी आपत्ति जताते हैं, जैसा कि नागम कुलगाम के एक सरकारी हाई स्कूल में सुबह की प्रार्थना के दौरान सोशल मीडिया पर वायरल क्लिप में देखा जा सकता है।"

इसमें कहा गया कि यह मामला कश्मीर के मुसलमानों के लिए बहुत चिंता का विषय है और "हमारी धार्मिक पहचान को कमजोर करने" का एक प्रयास है। "हमारे धर्म और इस्लामी पहचान की रक्षा, मुसलमानों के रूप में, हमारी मौलिक धार्मिक जिम्मेदारी है और इसमें सरकार, शिक्षा विभाग या किसी अन्य एजेंसी द्वारा जानबूझकर हस्तक्षेप न तो स्वीकार किया जाएगा और न ही बर्दाश्त किया जाएगा।"

बयान में कहा गया-"यह स्पष्ट हो रहा है कि हमारी युवा पीढ़ी को राज्य द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से धर्मत्याग की ओर धकेलने, उन्हें इस्लामी मान्यताओं और पहचान से दूर करने, भारत के हिंदुत्व विचार के साथ उनके तथाकथित एकीकरण को गति देने के लिए एक जानबूझकर योजना प्रतीत होती है। यह एक बहुत ही गंभीर मामला है।"

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