पानी में छिपी पनडुब्बियों का शिकार करता है यह अमेरिकी हेलीकॉप्टर, जल्द बढ़ाएगा भारतीय नौसेना की ताकत

भारत ने अमेरिका से एमएच 60 रोमियो हेलीकॉप्टर (MH 60R Helicopter) खरीदने का सौदा किया है। तीन से चार महीने में ये हेलीकॉप्टर भारत आने लगेंगे। यह पानी में छिपी पनडुब्बियों को खोजने और उसे नष्ट करने में माहिर है। इसकी गिनती दुनिया के सबसे अच्छे नेवल हेलीकॉप्टरों में होती है।

Vivek Kumar | Published : Apr 9, 2022 10:00 AM IST / Updated: Apr 09 2022, 03:39 PM IST

नई दिल्ली। भारत ने अमेरिका से 24 एमएच 60 रोमियो हेलीकॉप्टर (MH 60R Helicopter) खरीदने का सौदा किया था। भारतीय नौसेना (Indian Navy)  के पायलटों ने अमेरिका में इस हेलीकॉप्टर को उड़ाने की ट्रेनिंग पूरी कर ली है। अगले तीन-चार महीने में इस हेलीकॉप्टर का भारत पहुंचना शुरू हो जाएगा। एमएच 60 रोमियो हेलीकॉप्टर की मुख्य खासियत पानी में छिपी पनडुब्बियों का पता लगाना और जरूरत पड़ने पर उसे नष्ट करना है। हिंद महासागर में चीनी पनडुब्बियों की बढ़ती सक्रियता के चलते भारतीय नौसेना को ऐसे हेलीकॉप्टर की जरूरत थी। इसके शामिल होने से नौसेना की ताकत बढ़ेगी। 

सबसे उन्नत हेलीकॉप्टरों में से एक है एमएच 60 रोमियो 
एमएच 60 रोमियो एक मल्टी मिशन हेलिकॉप्टर है। इसे सिकोरस्की एयरक्राफ्ट द्वारा बनाया गया है। इसे दुनिया के सबसे उन्नत समुद्री हेलीकॉप्टरों में से एक माना जाता है। इसे उड़ाने के लिए तीन क्रू मेंबर की जरूरत होती है। इसमें पांच पैसेंजर भी सवार हो सकते हैं। अमेरिकी नौसेना इसका इस्तेमाल करती है। यह हेलीकॉप्टर एंटी-सबमरीन वारफेयर (ASW), एंटी-सरफेस वारफेयर (ASuW), सर्च-एंड-रेस्क्यू (SAR), नेवल गनफायर सपोर्ट (NGFS), सर्विलांस, कम्युनिकेशन रिले, लॉजिस्टिक्स सपोर्ट सहित कई मिशनों के लिए इस्तेमाल हो सकता है। इसे दो इंजनों से ताकत मिलती है। 

पानी में छिपी पनडुब्बियों का करता है शिकार
पानी में छिपी दुश्मन देश की पनडुब्बियां बड़ा खतरा होती हैं। यह हेलीकॉप्टर इनसे निपटने में माहिर है। पनडुब्बियों की तलाश के लिए इसे सोनोबॉय लांचर और रेथियॉन AN/AQS-22 एडवांस्ड एयरबोर्न लो-फ़्रीक्वेंसी (ALFS) डिपिंग सोनार से लैस किया गया है। पनडुब्बी का पता चलने के बाद यह उसे अपने एमके 46 और एमके 50 टॉरपीडो से नष्ट कर सकता है। यह अपने साथ तीन टॉरपीडो लेकर उड़ान भरता है। युद्धपोत और समुद्री जहाज के खिलाफ यह एजीएम-119 पेंगुइन और एजीएम-114 हेलफायर मिसाइल का इस्तेमाल करता है। 

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क्यों जरूरी है एंटी सबमरीन वारफेयर हेलीकॉप्टर
दुश्मन की पनडुब्बियां लड़ाई के समय बड़ी चुनौती होती हैं। पानी के अंदर छिपकर ये करीब आ सकती हैं और महत्वपूर्ण सामरिक ठिकानों पर हमले कर सकती हैं। इसके साथ ही समुद्र में मौजूद युद्धपोतों को पनडुब्बियों से काफी खतरा रहता है। युद्धपोत के पास पनडुब्बियों को खोजने के लिए सोनार और अन्य सेंसर मौजूद होते हैं, लेकिन युद्धपोत की स्पीड कम होती है, जिससे यह खतरा रहता है कि आगे बढ़ रहे युद्धपोत पर पनडुब्बी हमला कर सकते हैं।ऐसी स्थिति से निपटने के लिए युद्धपोत पर एंटी सबमरीन वारफेयर क्षमता वाले हेलीकॉप्टरों को तैनात किया जाता है। इनकी मदद से युद्धपोत के रास्ते की छानबीन की जाती है कि कहीं कोई पनडुब्बी तो नहीं छिपी है। हेलीकॉप्टर की मदद से कम समय में बड़े इलाके में पनडुब्बी की खोज कर पाना संभव हो पाता है।

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