सार

भारतीय नौसेना के पायलटों ने एमएच 60 रोमियो हेलीकॉप्टर (MH 60 Romeo Helicopter) उड़ाने की ट्रेनिंग पूरी कर ली है। भारत ने 24 रोमियो हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए अमेरिका के साथ समझौता किया है। अगले तीन-चार महीने में हेलीकॉप्टरों का भारत पहुंचना शुरू हो जाएगा।

नई दिल्ली। नौसेना (Indian Navy) के पायलटों और सेंसर ऑपरेटरों के पहले बैच ने एमएच-60 "रोमियो" मल्टी-मिशन हेलीकॉप्टरों (MH 60 Romeo Helicopter) पर अमेरिका में प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। यह हेलीकॉप्टर अगले तीन से चार महीनों में भारत पहुंचना शुरू हो जाएगा। भारत ने 15,157 करोड़ रुपए के अनुबंध के तहत मल्टी-मोड रडार और नाइट-विजन उपकरणों के साथ-साथ हेलफायर मिसाइलों, एमके -54 टॉरपीडो और सटीक-किल रॉकेट से लैस 24 भारी-भरकम हेलीकॉप्टरों का ऑर्डर दिया है। इसके लिए फरवरी 2020 में अमेरिका के साथ करार किया गया था।

MH-60R हेलीकॉप्टर दुश्मन की पनडुब्बियों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने में माहिर है। इसके शामिल होने से नौसेना की क्षमता में बड़ी वृद्धि होगी। 140-युद्धपोत वाली भारतीय नौ सेना वर्तमान में पनडुब्बी के खिलाफ लड़ाई में काम आने वाले हेलीकॉप्टर की कमी से जूझ रही है। नौसेना के पास अभी कामोव -28 और सी किंग्स जैसे मुट्ठी भर पुराने पनडुब्बी रोधी हेलीकॉप्टर हैं। पिछले कुछ वर्षों में हिंद महासागर में चीनी परमाणु और डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों की उपस्थिति बढ़ी है। इसके चलते पनडुब्बियों के खिलाफ लड़ाई की क्षमता में वृद्धि जरूरी हो गई है। 

10 महीने तक ली ट्रेनिंग
MH-60Rs हेलीकॉप्टर उड़ाने और उसके रखरखाव के लिए भारतीय वायुसैनिकों ने अमेरिका के सैन डिएगो के नेवल एयर स्टेशन पर 10 महीने ट्रेनिंग ली है। नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक माधवाल ने शुक्रवार को कहा कि चालक दल ने अमेरिकी नौसेना के हेलीकॉप्टर मैरीटाइम स्ट्राइक स्क्वाड्रन-41 के साथ बड़े पैमाने पर उड़ान भरी और एक विध्वंसक पर दिन और रात डेक लैंडिंग योग्यता हासिल की। उन्होंने कहा कि चालक दल भारतीय नौसेना में 'रोमियो' को शामिल करने के लिए जिम्मेदार होगा। MH-60Rs अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों से संचालित होगा। यह जहाज-रोधी हमलों और विशेष समुद्री अभियानों के साथ-साथ खोज और बचाव कार्यों सहित, आक्रामक भूमिकाएं निभाएगा। 

पहले 24 MH-60Rs के बाद नौसेना ने अन्य 123 मल्टी रोल हेलीकाप्टरों के लिए दीर्घकालिक आवश्यकता का अनुमान लगाया है। MH-60Rs पुराने सी किंग 42/42A हेलीकॉप्टरों की जगह लेंगे। ये हेलीकॉप्टरों 1990 के दशक में सेवानिवृत्त हुए थे। सिकोरस्की-लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित MH-60Rs भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा शामिल किए जाने वाले तीसरे प्रकार के अमेरिकी हेलीकॉप्टर होंगे। वायु सेना पहले ही 22 अपाचे अटैक और 15 हैवी-लिफ्ट चिनूक हेलीकॉप्टर शामिल कर चुका है। दोनों बोइंग द्वारा निर्मित हैं। 

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