जानिए क्यों फैल रहा ब्लैक फंगस इंफेक्शन....एम्स डायरेक्टर गुलेरिया ने बताया- कैसे इससे बचा जा सकता है

Published : May 15, 2021, 04:23 PM ISTUpdated : May 17, 2021, 12:48 PM IST
जानिए क्यों फैल रहा ब्लैक फंगस इंफेक्शन....एम्स डायरेक्टर गुलेरिया ने बताया- कैसे इससे बचा जा सकता है

सार

देश में कोरोना की दूसरी लहर का कहर जारी है। इसी बीच ब्लैक फंगस इंफेक्शन एक नई समस्या बनकर सामने आ रहा है। एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया कि एम्स में फंगल इंफेक्शन के 23 मरीजों का इलाज चल रहा है। इनमें से 20 अभी भी कोरोना पॉजिटिव हैं। जबकि बाकी कोरोना संक्रमित नहीं है। उन्होंने बताया कि देश में अलग अलग राज्यों में फंगल इंफेक्शन के 500 केस सामने आए हैं। 

नई दिल्ली. देश में कोरोना की दूसरी लहर का कहर जारी है। इसी बीच ब्लैक फंगस इंफेक्शन एक नई समस्या बनकर सामने आ रहा है। एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया कि एम्स में फंगल इंफेक्शन के 23 मरीजों का इलाज चल रहा है। इनमें से 20 अभी भी कोरोना पॉजिटिव हैं। जबकि बाकी कोरोना संक्रमित नहीं है। उन्होंने बताया कि देश में अलग अलग राज्यों में फंगल इंफेक्शन के 500 केस सामने आए हैं। 

क्यों फैल रहा फंगस इंफेक्शन ?
डॉ गुलेरिया ने बताया, ब्लैक फंगस इंफेक्शन के पीछे स्टेरॉयड का गलत इस्तेमाल एक अहम वजह है। डायबिटीज, कोरोना संक्रमित मरीज, जो स्टेरॉयड ले रहे हैं, उनमें फंगल संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। इसे रोकने के लिए हमें स्टेरॉयड का गलत इस्तेमाल बंद करना होगा। 

क्या प्रभाव डालता है ब्लैक फंगस?
एम्स डायरेक्टर ने बताया कि ब्लैक फंगस  चेहरे, नाक, आंख और मस्तिष्क को प्रभावित कर सकता है। इससे आंखों की रोशनी भी जा सकती है। इतना ही नहीं यह फेफड़ों में भी फैल सकता है। डॉ गुलेरिया ने बताया कि फंगल इंफेक्शन के बीजाणु मिट्टी, हवा यहां तक की खाने में भी होते हैं। लेकिन वे कम विषाणु वाले होते हैं, यानी उनसे संक्रमण नहीं होता है। कोरोना से पहले इस संक्रमण के मामले कम थे, लेकिन कोरोना की वजह से इस संक्रमण के मामले तेजा से बढ़ रहे हैं। 

कोरोना को लेकर सामने आई अच्छी खबर
इसी बीच स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया, देश में सक्रिय मामलों में कमी देखी जा रही है। 3 मई को रिकवरी रेट 81.3% थी जिसके बाद रिकवरी में सुधार हुआ है।अब रिकवरी रेट 83.83% है। 75% मामले 10 राज्यों से आ रहे हैं और कुल सक्रिय मामलों का 80% सिर्फ 12 राज्यों में है। उन्होंने बताया कि देश में 11 राज्य ऐसे हैं जहां 1 लाख से भी ज्यादा सक्रिय मामले हैं। 8 राज्यों में 50,000 से 1 लाख के बीच सक्रिय मामलों की संख्या बनी हुई है। 17 राज्य ऐसे हैं जहां 50,000 से भी कम सक्रिय मामलों की संख्या बनी हुई है। 

पॉजिटिविटी रेट कम हुआ
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात जहां कोविड मामले काफी ज्यादा है, यहां पिछले 1 सप्ताह में सक्रिय मामलों में कमी आई है। पिछले 1 सप्ताह में 18 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पॉजिटिविटी रेट कम हुई है। देशभर में पॉजिटिविटी रेट जो 21.9% थी, वो अब 19.8% रह गई है। 
 

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