जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद से राज्य को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। अब एक मल्टिनेशनल कंपनी ने 70 वर्कर्स को नोटिस भेजा है। हालांकि प्रशासन इन लोगों की मदद के लिए आगे आया है।
श्रीनगर. जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद से राज्य को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। अब एक मल्टिनेशनल कंपनी ने 70 वर्कर्स को नोटिस भेजा है। हालांकि प्रशासन इन लोगों की मदद के लिए आगे आया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक ऐजिस नाम की मल्टीनेशनल कंपनी ने श्रीनगर स्थित अपने बीपीओ को बंद करने का फैसला किया है। कंपनी ने अपने 70 कर्मचारियों को नोटिस जारी किया है। सरकार के फैसले के बाद से जम्मू कश्मीर में ज्यादातर बिजनेस बंद हो गए हैं।
सरकार ने लगाई कई तरह की पाबंदी
रिपोर्ट्स में लिखा है कि आतंकी खतरों को देखते हुए सरकार ने कई तरह के बैन लगा दिये हैं। इसमें लोगों के आने जाने पर भी रोक है। मोबाइल फोन और इंटरनेट भी बंद कर दिये गए हैं। इसके परिणाम का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ऐजिस के एकमात्र क्लाइंट वोडाफोन के कॉल 1 लाख से घटकर 10 हजार पर आ गए हैं।
मदद करने प्रशासन आया आगे
ऐजिस के फैसले के बाद कश्मीर प्रशासन की तरफ से श्रीनगर डीसी डॉक्टर शाहिद इकबाल चौधरी ने ऐजिस के अधिकारियों और कर्मचारियों से मुलाकात की है। उन्होंने कंपनी से तीन महीने का बेलआउट देने का प्रस्ताव दिया है।राज्यपाल ने 3 महीने का वेतन देने की व्यवस्था कराने को कहा है। जानकार बतातें हैं कि कश्मीर में अंग्रेजी बोलने वालों की संख्या ज्यादा अच्छी है। ऐसे में यहां आईटी सेक्टर को बढ़ावा मिल सकता है।
कौन है शाहिद इकबाल
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, डॉ शाहित इकबाल चौधरी को घाटी में आईटी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। बांदीपोरा में डीसी रहने के दौरान चौधरी ने राज्य का पहला बीपीओ सेटअप करने में काफी मदद की थी। इसका शुभारंभ प्रधानमंत्री ने किया था। बांदीपोरा मॉडल से प्रभावित होकर प्रधानमंत्री ने 21 जिलों में इस तरह के मॉडल पर काम करने को कहा था। जिसके बाद राज्य सरकार ने पूरे राज्य में बीपीओ बनाने का ऐलान किया था।