भारत कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। पिछले 6 दिनों से हर दिन 3 लाख से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। वहीं, कोरोना से हर रोज होने वाली मौतों का आंकड़ा भी 3000 के करीब पहुंचता जा रहा है। ऐसे में ऑक्सीजन और अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर जैसी कमियां भी सामने आ रही हैं। इन सब चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने कोरोना के खिलाफ जंग तेज कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
नई दिल्ली. भारत कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। पिछले 6 दिनों से हर दिन 3 लाख से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। वहीं, कोरोना से हर रोज होने वाली मौतों का आंकड़ा भी 3000 के करीब पहुंचता जा रहा है। ऐसे में ऑक्सीजन और अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर जैसी कमियां भी सामने आ रही हैं। इन सब चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने कोरोना के खिलाफ जंग तेज कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए हर जिले में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का फैसला किया गया है। आइए जानते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए केंद्र ने कौन से बड़े कदम उठाए हैं...
1- वैक्सीनेशन को लेकर अहम ऐलान
भारत में 16 जनवरी को दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत की गई। पहले चरण में हेल्थ वर्कर्स और कोरोना वॉरियर्स को टीका लगाया गया। दूसरे चरण में 60 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन लगाई गई। तीसरे चरण में 45 साल से ऊपर उम्र के लोगों को वैक्सीन दी जा रही है। ऐसे में राज्यों की मांग थी कि 18 साल से ऊपर सभी लोगों को वैक्सीनेशन किया जाए। सरकार ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए 1 मई से 18 साल से ऊपर सभी लोगों को टीका लगवाने की अनुमति दी है। कोरोना के बढ़ते हुए मामलों के बीच इसे काफी अहम फैसला माना जा रहा है।
2- वैक्सीन के विकल्प बढ़ाने के लिए विदेशी वैक्सीनों को अनुमति
वैक्सीन की किल्लत को दूर करने और टीकों के विकल्प को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने हाल ही में बड़ा कदम उठाया। सरकार के फैसले के मुताबिक, भारत में उन वैक्सीन को मंजूरी मिल सकती है, जिनका विकास विदेशों में हुआ और उन्हें यूएसएफडीए, ईएमए, यूके एमएचआरए, पीएमडीए जापान से इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है और WHO ने लिस्टेड किया है।
देश में इन वैक्सीन का भी हो सकेगा इस्तेमाल।
इन वैक्सीन का मिलेगा विकल्प
अभी भारत में कोवैक्सिन, कोविशील्ड का इस्तेमाल हो रहा। हाल ही में रूस की वैक्सीन स्पुतनिक को मंजूरी दी गई है। लेकिन इस फैसले के बाद मॉडर्ना, फाइजर और जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन का इस्तेमाल भारत में हो सकेगा।
3- पीएम मोदी ने 10 दिन में कीं 10 बड़ी बैठकें
देश में कोरोना की स्थिति पर पीएम मोदी नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने पिछले 10 दिन में 10 बड़ी बैठकें की। वे पिछले 5 हफ्तों में 3 बार (17 मार्च, 8 अप्रैल और 23 अप्रैल को) राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कोरोना पर चर्चा कर चुके हैं। इस दौरान पीएम ने ऑक्सीजन बनाने वाली कंपनियों के मालिकों, वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों, दवा कंपनियों, देश के बड़े डॉक्टरों के साथ कोरोना को लेकर चर्चा की। इतना ही नहीं, उन्होंन कोरोना प्रबंधन में सशस्त्र बलों की तैयारियों का भी जायजा लिया।
पीएम मोदी ने पिछले 10 दिनों में ये अहम बैठकें कीं।
4- हर जिले में ऑक्सीजन प्लांट बनाने का ऐलान
कोरोना के बढ़ते हुए मामलों के बीच ऑक्सीजन की कमी सबसे बड़ा संकट बनकर उभरा है। इस संकट को दूर करने और भविष्य में भी ऐसी समस्या ना आए, इसके लिए पीएम मोदी ने पीएम केयर्स फंड से देश के 551 जिलों में सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर (प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन) मेडिकल ऑक्सीजन बनाने के प्लांट लगाने के लिए मंजूरी दी है। पीएम ने इन प्लांट्स को जल्द शुरू करने के लिए कहा है, ताकि जिला स्तर पर ऑक्सीजन उपलब्ध हो सके।
5- वायुसेना से रेलवे तक सभी...कोरोना के खिलाफ जंग में उतरे
रेलवे और वायुसेना भी कोरोना के खिलाफ जंग में उतर आया है। देश में ऑक्सीजन संकट से निपटने के लिए रेलवे ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाने का ऐलान किया है। इस ट्रेन से देश के तमाम हिस्सों में ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है। अब तक रेलवे 450 टन ऑक्सीजन की सप्लाई कर चुका है। वहीं, भारतीय वायुसेना विदेशों से ऑक्सीजन टैंकर्स को एयर लिफ्ट कर रही है।
इसके अलावा रेलवे ने शहरों में कम हो रहे बेड की कमी को पूरा करने के लिए कोविड कोच बनाना शुरू कर दिया है। हाल ही में दिल्ली, मुंबई और भोपाल में इन कोचों को तैनात किया गया है। इनमें मरीजों के लिए ऑक्सीजन के साथ बेड की व्यवस्था की गई है।
6 - DRDO बना रहा कोविड सेंटर
उधर, कोरोना के खिलाफ डीआरडीओ भी आगे आया है। डीआरडीओ ने दिल्ली में 500 बेड का ऑक्सीजन युक्त कोविड सेंटर बनाया है। यह शुरू हो गया है। इसमें बेड की संख्या बढ़ाकर 1000 की जा रही है। इसके अलावा लखनऊ में 450, वाराणसी में 750 और अहमदाबाद में 900 बेड के सेंटर्स बनाए जा रहे हैं। ये अप्रैल के आखिर तक शुरू हो जाएंगे। इनमें सेना और सुरक्षाबल सहयोग कर रहे हैं। पहली लहर के दौरान भी डीआरडीओ ने दिल्ली में कोविड सेंटर का निर्माण किया था। हालांकि, उसे फरवरी में बंद कर दिया गया था।
दिल्ली में 500 बेड का सेंटर तैयार।
7- गरीबों के लिए पैकेज का ऐलान
गरीबों को राहत देने के लिए सरकार ने अहम ऐलान किया है। मई-जून में प्रति माह प्रति व्यक्ति 5 किलो मुफ्त अनाज लगभग 80 करोड़ लोगों को दिया जाएगा। इसके लिए 26,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे। कोरोना के चलते पिछले साल मार्च में भारत सरकार ने लॉकडाउन लगाया था। इस योजना के तहत गरीबों को अप्रैल से जून तक गरीबों को फ्री राशन दिया गया था। बाद में इसे नवंबर तक बढ़ा दिया गया था।
8- राज्यों से संपर्क में केंद्र सरकार
केंद्र सरकार और पीएम मोदी लगातार राज्यों से संपर्क में हैं। 23 अप्रैल को पीएम ने देश के सबसे संक्रमित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर स्थितियों को समझा था। साथ ही, उन्होंने राज्यों के सामने आ रहीं समस्याओं के बारे में भी जानकारी ली थी। बैठक में पीएम ने कहा था कि पहली लहर की तरह इस संकट से हम एकजुटता के साथ जीत सकते हैं। उन्होंने इस दौरान राज्यों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया था। साथ ही कहा था कि स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार राज्यों की स्थिति पर नजर रख रहा है और उनके संपर्क में है।
पीएम मोदी ने पिछले 5 हफ्तों में मुख्यमंत्रियों से तीन बार कोरोना पर चर्चा की है।
9- सैन्य सुविधाओं को नागरिकों के लिए खोलने का दिया निर्देश
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले दिनों सेना प्रमुख एम एम नरवणे और डीआरडीओ चीफ के साथ बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने सैन्य अस्पतालों को नागरिकों के लिए खोलने के लिए कहा था। सेना ने इस पर काम शुरू कर दिया है। देश में तमाम सेना के अस्पतालों को कोविड सेंटर बनाया गया है। इसके अलावा राजनाथ सिंह ने मौजूदा कोरोना संकट को देखते हुए देश के 51 पूर्व सैन्यकर्मी अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) पॉलीक्लिनिक में अनुबंध पर अतिरिक्त कर्मचारियों की अस्थायी भर्ती को मंजूरी दे दी है। इतना ही नहीं, सीडीएस विपिन रावत ने पीएम मोदी से इस संबंध में मुलाकात भी की थी। उन्होंने बताया था कि सेना के रिटायर्ड डॉक्टर, ऑफीसर्स और स्टाफ से भी कोरोना संकट काल में मदद ली जाएगी।
10- कोरोना के खिलाफ जागरूक करने के लिए सरकार ने उठाए ये कदम
भारत सरकार कोरोना के खिलाफ लोगों को लगातार जागरूक कर रही है। कोरोना से बचने का एकमात्र उपाय सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और वैक्सीनेशन है, ऐसे में केंद्र सरकार विभिन्न सोशल मीडिया माध्यम से लोगों को कोरोना के खिलाफ जागरूक कर रही है। लोगों को किस तरह से रहना चाहिए, क्या खान पान होना चाहिए, कोरोना से संक्रमित होने के बाद क्या करें, जैसी तमाम समस्याओं से लोगों को लगातार सचेत कर रही है। स्वास्थ्य मंत्री, पीआईबी और सरकार के तमाम मंत्री लोगों को अफवाहों से बचकर कैसे कोरोना से सुरक्षित रहा जा सकता है, इसके बारे में सोशल मीडिया के माध्यम से मदद कर रहे हैं। सोशल मीडिया में चल रही तमाम फर्जी खबरों का सच देश को बताने के लिए पीआईबी फैक्ट चेक भी चला रही है। 1 अप्रैल से करीब 18 खबरों, वायरल मैसेज का पीआईबी ने फैक्ट किया है। इनमें कोरोना के इलाज, वैक्सीन, दवाओं, लॉकडाउन और अन्य कई तरह के गलत दावे किए गए थे।
इतना ही नहीं, हर दिन स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कोरोना की स्थिति पर जानकारी दी जा रही है। 21 अप्रैल को देश के तीन बड़े डॉक्टरों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर कोरोना के दौरान आ रही समस्याओं के बारे में जानकारी दी थी।