22 सितंबर: राहुल गांधी ने जुमा मस्जिद से शुरू की थी Bharat Jodo Yatra, भागवत तो मस्जिद ही पहुंच गए

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत की गुरुवार(22 सितंबर) को ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के चीफ इमाम डॉ. उमर अहमद इलियासी से हुई मुलाकात से कांग्रेस भौचक्की है। इलियासी ने मोहन भागवत को राष्ट्रपिता और राष्ट्रऋषि बताकर एक नई बहस को जन्म दिया है।

Amitabh Budholiya | Published : Sep 23, 2022 2:19 AM IST / Updated: Sep 23 2022, 07:51 AM IST

नई दिल्ली.  कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा(Bharat Jodo Yatra) 22 सितंबर की सुबह कोच्चि के परंबयम जुमा मस्जिद से शुरू हुई थी, लेकिन किसी को ये अंदाजा नहीं था कि RSS चीफ कुछ समय बाद नई दिल्ली की एक मस्जिद पहुंच जाएंगे। अब यह मामला गर्म है। कांग्रेस ने गुरुवार को दावा किया कि RSS प्रमुख मोहन भागवत की ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के चीफ डॉ. उमर अहमद इलियासी के साथ बैठक पार्टी की 'भारत जोड़ो यात्रा' के प्रभाव के कारण हुई। कांग्रेस ने इस यात्रा हाथ में तिरंगा लेकर देश को एकजुट करने के लिए भागवत से राहुल गांधी के साथ चलने का अनुरोध किया। 

 मुस्लिम समुदाय तक अपनी पहुंच को आगे बढ़ाते हुए, भागवत गुरुवार(22 सितंबर) की सुबह दिल्ली के इमाम हाउस पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मस्जिद और एक मदरसे का दौरा किया था। साथ ही कस्तूरबा गांधी मार्ग पर बनी मस्जिद के एक बंद कमरे में डॉ. इलियासी से करीब एक घंटे चर्चा की थी। मुस्लिम धार्मिक संगठन के प्रमुख से RSS चीफ की मस्जिद में यह पहली मुलाकात थी। इस मुलाकात के बाद डॉ. इलियासी ने कहा-"हमारा DNA एक ही है, सिर्फ इबादत करने का तरीका अलग है।" उन्होंने कहा कि RSS प्रमुख ने उनके बुलावे पर उत्तरी दिल्ली में मदरसा ताजवीदुल कुरान का दौरा किया था। वहां वे बच्चों से भी मिले। डॉ. इलियासी ने भागवत को राष्ट्रपिता और राष्ट्र ऋषिक बताकर एक नई बहस को जन्म दिया है। इस मौके पर सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश और रामलाल भी मौजूद रहे।

भाजपा प्रवक्ता ने बोला-गोडसे मुर्दाबाद 
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा शुरू हुए केवल 15 दिन हुए हैं और सत्तारूढ़ भाजपा के एक प्रवक्ता ने गोडसे मुर्दाबाद बोल दिया। इससे चिंतित होकर भागवत इमामों तक पहुंच गए। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने भी ऐसी ही प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पार्टी के पैदल मार्च के परिणाम कुछ ही दिनों में स्पष्ट हैं। भारत जोड़ो यात्रा को सिर्फ 15 दिन हुए हैं और नतीजे सामने आ रहे हैं। भाजपा के एक प्रवक्ता ने टेलीविजन पर 'गोडसे मुर्दाबाद' कहा है। मोहन भागवत दूसरे धर्म के व्यक्ति के घर जा रहे हैं। यह किसके प्रभाव में हो रहा है? यह भारत जोड़ो यात्रा का प्रभाव है।" 

गौरव ने कहा कि जब तक मार्च समाप्त होगा, तब तक सरकार द्वारा बनाई गई नफरत और विभाजन गायब हो जाएगा। "हम भागवत जी से अनुरोध करते हैं कि जब यात्रा के कुछ दिनों का उन पर इतना प्रभाव पड़ा हो, तो वे एक घंटे के लिए भारत जोड़ो यात्रा में भाग लें, राहुल गांधी जी के साथ हाथ में तिरंगा लेकर चलें, 'भारत माता की जय' का नारा लगाएं और भारत को एकजुट करें।"

यह भी जानें
पिछले दिनों मोहन भागवत से दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पूर्व चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल जमीरउद्दीन शाह और कारोबारी सईद शेरवानी ने मुलाकात की थी। संघ केवल मुस्लिमों को नहीं, ईसाई और सिख अल्पसंख्यकों को भी अपने करीब लाने में लगा है। संघ का मानना है कि सबके पूर्वज एक थे, भले ही उनके पंथ और पूजा-पद्धति अलग-अलग हों।

भागवत और डॉ. इलियासी की मुलाकात को लेकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने नाराजगी जाहिर की है। हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने कहा, ''हम पर शक क्यों किया जाता है? जो लोग मिलकर आए हैं, उनसे पूछिए कि क्या बात करके आए हैं? आरएसएस की विचारधारा पूरी दुनिया जानती है और आप जाकर उनसे मिलते हैं। ओवैसी ने तल्ख लहजे में कहा कि ये जो मुस्लिम समुदाय में कथित पढ़ा-लिखा तबका है, जो वो करेंगे वह सच है और हम जो अपनी लड़ाई राजनीतिक हक के लिए और मौलिक अधिकार के लिए लड़ते हैं, तो हम बुरे हो जाते हैं।"

उन्होंने आगे कहा, ''ये जो तबका है कि जो खुद को ज्ञानी समझता है. उन्हें हकीकत से कोई ताल्लुक नहीं है. जमीन पर क्या हो रहा है, उन्हें मालूम नहीं है. आराम से जिंदगी गुजार रहे हैं और आप आरएसएस प्रमुख से मिलते हैं. ये आपका लोकतांत्रिक अधिकार है...मैं सवाल नहीं उठा रहा लेकिन फिर आपका भी अधिकार नहीं है मुझसे सवाल करने का.'' 

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