सार

स्वागत के लिए लगाए गए बैनर में वीर सावरकर की तस्वीर छपने के बाद कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' फिर एक नए विवाद में फंस गई है। इसे लेकर कांग्रेस का आरोप है कि यह RSS के किसी व्यक्ति ने जानबूझकर किया। वहीं, भाजपा ने ताना मारा कि राहुल गांधी को सावरकर को लेकर अपनी गलती का एहसास हो गया है।

कोच्चि. कांग्रेस की महत्वाकांक्षी भारत जोड़ो यात्रा(Bharat Jodo Yatra) लगातार विवादों में फंसती जा रही है। कोच्चि में स्वागत के लिए लगाए गए स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के पोस्टरों में विनायक वीर सावरकर की तस्वीर को भी जगह दे दी गई। दरअसल, कांग्रेस स्वतंत्रता सेनानी सावरकर की घोर विरोधी रही है। हालांकि कांग्रेसियों को जैसे ही इसकी जानकारी लगी, फटाफट उसके ऊपर गांधी जी की फोटो लगा दी गई थी। अब यह मामला कांग्रेस V/s आरएसएस हो गया है। इस बीच राहुल गांधी ने गुरुवार(22 सितंबर) को कोच्चि के परंबयम जुमा मस्जिद से भारत जोड़ो यात्रा के 15वें दिन की शुरुआत की। पढ़िए अब नया क्या?

वीर सावरकर पोस्टर को लेकर भाजपा ने कही एक बात, कांग्रेस ने दी सफाई
भाजपा का कहना है कि भारत जोड़ो यात्रा के पोस्टर में सावरकर की तस्वीर राहुल के लिए एक अहसास है। जबकि कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि आरएसएस के किसी व्यक्ति ने जानबूझकर यह किया है। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा बुधवार को एक और विवाद में उलझ गई, जब आरएसएस के विचारक विनायक दामोदर सावरकर की तस्वीर अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के बीच एक पोस्टर पर दिखाई दी। ये पोस्टर केरल में कांग्रेस पार्टी के नेताओं के स्वागत में लगाए गए थे। जैसे ही सावरकर की तस्वीर वाला बैनर इंटरनेट पर वायरल हुआ, भाजपा ने कहा कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा बैनर पर सावरकर की तस्वीर राहुल गांधी के लिए एक अच्छा अहसास है। हालांकि, कांग्रेस ने इसे छपाई की गलती करार दिया और कहा कि स्थानीय नेता के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की गई है, जबकि विस्तृत जांच की जा रही है।

वीर सावरकर की तस्वीर वाला यह बैनर एर्नाकुलम (हवाई अड्डे के पास) भारत जोड़ो यात्रा के स्वागत में लगाया गया था। भाजपा प्रवक्ता अमित मालवीय ने tweet कि हालांकि देर से सही, लेकिन राहुल गांधी को अहसास हुआ कि, जिनके परदादा नेहरू ने दो सप्ताह में ही पंजाब के नाभा जेल से निकलने के लिए अंग्रेजों के साथ एक दया पर्ची पर हस्ताक्षर किए थे। बता दें कि बैनर में मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, गोबिंद बल्लभ पंत और चंद्रशेखर आज़ाद जैसे अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरों के बीच सावरकर की तस्वीर थी। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने tweet किया-“राहुल जी, आप इतिहास को कितना भी आज़मा लें और सच सामने आ गया कि सावरकर वीर थे! जो छुपाते हैं वे कायर हैं।"

इधर, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा-आरएसएस के व्यक्ति ने जानबूझकर बैनर से छेड़छाड़ की। कांग्रेस इस मामले की की जांच करेगी। शर्मिंदगी और आलोचना के बाद कांग्रेस ने सावरकर की तस्वीर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर के साथ कवर किया था। कांग्रेस सांसद और भारत जोड़ो यात्रा के राज्य समन्वयक के सुरेश ने कहा, “मुझे लगता है कि बैनर छापने वाला व्यक्ति भाजपा-आरएसएस का व्यक्ति हो सकता है और उसने जानबूझकर किया। कांग्रेस कार्यकर्ता कभी भी बैनर पर सावरकर की फोटो नहीं मांगेंगे। हम पूछताछ करेंगे। हमारे नेतृत्व ने कार्रवाई की और तुरंत स्थानीय नेता को निलंबित कर दिया।"

इसे एक गलती कहते हुए सुरेश ने आगे कहा कि कांग्रेस का हर कार्यकर्ता जानता है कि सावरकर कौन हैं? निलंबित स्थानीय कांग्रेस नेता ने कहा, “दो सप्ताह से मैं भारत जोड़ो यात्रा से संबंधित काम पर था। स्वतंत्रता सेनानियों के चित्रों वाले 88 फीट लंबे फ्लेक्स को कल रात करीब 9 बजे मुद्रित करने के लिए दिया गया था। इसमें 22 तस्वीरें थीं। फिर फ्लेक्स की कॉपी मुझे जांच के लिए भेजी गई। लेकिन मैंने इसकी अच्छी तरह से जांच नहीं की।" उन्होंने आगे दावा किया, “यह इंटरनेट से स्वतंत्रता सेनानियों को टाइप करने के बाद ली गई तस्वीरों को लेकर तैयार किया गया था। मैं आगे चेक नहीं कर सका। मैंने नोटिस नहीं किया। दोष मुझमें है। मैंने नहीं सोचा था कि यह मामला इतना गंभीर होगा।"

आम आदमी की जेब से पैसे निकालने का आरोप
राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कथित तौर पर 'आम आदमी की जेब से पैसे निकालने' और अपने क्रोनी कैपिटलिस्ट दोस्तों(crony capitalist friends) को देने का आरोप लगाया, जिनमें से एक दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति(गौतम अडानी) हैं। क्रोनी कैपिटलिस्ट फ्रेंड मतलब राजनेताओं और उद्योगपतियों की सांठगांठ। वायनाड के सांसद राहुल गांधी ने मोदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपनी विभिन्न आर्थिक नीतियों जैसे कि नोटबंदी और GST के त्रुटिपूर्ण कार्यान्वयन के माध्यम से छोटे व्यवसायों और उद्यमियों को "तोड़कर बड़े व्यापारियों के लिए रास्ता साफ किया। AICC महासचिव इनचार्ज कम्यूनिकेशन संचार जयराम रमेश ने ट्वीट करके कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के 14वें दिन कोच्चि और उसके आसपास सबसे अधिक भीड़ देखी गई। इस यात्रा ने दो सप्ताह में 310 किलोमीटर की दूरी तय की है। 

राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि नोटबंदी और त्रुटिपूर्ण जीएसटी के अलावा, COVID-19 लॉकडाउन ने देश के कुछ अरबपतियों को छोड़कर छोटे व्यवसायों, मजदूरों, किसानों और समाज के अन्य वर्गों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाला। उन्होंने आरोप लगाया कि जहां बड़े कारोबारियों के बड़े कर्ज माफ कर दिए गए या उन्हें गैर-निष्पादित संपत्ति( non-performing assets) कहा गया, जबकि आम लोग कर्ज चुकाने में चूक करते हैं, तो उनके घर जब्त कर लिए जाते हैं या उन्हें अपराधी करार दिया जाता है।

राहुल गांधी ने कहा-"उनका (मोदी) काम बड़े व्यवसायों के लिए रास्ता साफ करना था। उन्होंने इसे देश और इसके लोगों को विभाजित करके, नफरत, गुस्सा और हिंसा फैलाकर किया, ताकि लोगों का ध्यान वास्तव में जो हो रहा था, उससे विचलित हो।"  गांधी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासन के दौरान मनरेगा जैसी नीतियों के जरिए लोगों की जेब में पैसा डाला, लेकिन मोदी सरकार अपनी आर्थिक नीतियों के जरिए इसका उल्टा कर रही है। इसलिए, लोगों को सवाल करना चाहिए कि पैसा कहां जा रहा है? 

बता दें कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा 150 दिनों में 3,570 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। यह 7 सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई और जम्मू-कश्मीर में समाप्त होगी। 10 सितंबर को केरल में प्रवेश करने वाली यह यात्रा 1 अक्टूबर को कर्नाटक में प्रवेश करने से पहले 19 दिनों की अवधि में सात जिलों को छूते हुए 450 किमी की दूरी तय करते हुए राज्य के विभिन्ना हिस्सों से होकर गुजरेगी।

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