नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गांधी फैमिली की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सोनिया गांधी को ED के सवालों जवाब देने तीसरी बार जाना पड़ा रहा है। यह मामला वर्ष, 2012 में भाजपा के सीनियर लीडर सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट में उठाया था।
नई दिल्ली. नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को तीसरे दिन आज(27 जुलाई) को फिर प्रवर्तन निदेशालय यानी ED के सामने पूछताछ के लिए पेश होना पड़ रहा है। सोनिया गांधी बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ प्रवर्तन निदेशालय (ED) कार्यालय पहुंचीं। 26 जुलाई को ED ने उनसे करीब 6 घंटे पूछताछ की थी। इससे पहले 21 जुलाई को भी सवाल-जवाब किए गए थे। ED ने नोटिस जारी कर सोनिया गांधी को 8, 11 और 23 जून को पूछताछ के लिए बुलाया था। हालांकि तब खराब तबीयत का हवाला देकर आगे की तारीख मांगी गई थी। 8 जून को सोनिया गांधी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। 11 जून तक वे अस्पताल में थीं। लिहाजा, 23 जून को पूछताछ के लिए नहीं पहुंच सकी थीं। इसी मामले में ED राहुल गांधी से करीब 54 घंटे तक पूछताछ कर चुकी है। इस बीच मुंबई में अपना विरोध जताने कांग्रेस कार्यकर्ता लोकल ट्रेन के आगे लेट गए। वेस्टर्न रेलवे के CPRO ने कहा कि कुछ लोग ट्रेन को रोकने आए लेकिन सफल नहीं हुए, उन्हें हिरासत में लिया गया है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा
उनके राज्यों(राजस्थान का जिक्र) में एक बाद एक हत्याएं, बलात्कार जैसी घटनाएं हो रही है। वे वहा लोगों के भलाई के काम देखने के बजाय कानून व्यवस्था को बनाने का बजाय दिल्ली में आकर डेरा जमाए हैं। ये कांग्रेस का डर साफ दिखाता है कि घोटाले परिवार और पार्टी ने किए हैं। चोरी भी और सीनाजोरी भी ये कांग्रेस से सीखनी चाहिए। भ्रष्टाचार भी और बवाल भी, आखिरकार डर किस बात का? अगर भ्रष्टाचार किया है तो जांच एजेंसियों का सामना भी करें। कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों के पास कोई काम नहीं बचा है।
26 जुलाई का घटनाक्रम: कांग्रेस लगातार कर रही गांधी फैमिली से ED की पूछताछ का विरोध
कांग्रेस के सीनियर लीडर पी चिदंबरम ने कहा कि सोनिया गांधी नहीं, बल्कि कांग्रेस विरोध कर रही है, क्योंकि उसे ऐसा करने का अधिकार है, जब उसके नेता को 'परेशान' किया जा रहा है। भाजपा पूछती है कि कांग्रेस सड़कों पर विरोध क्यों कर रही है? सोनिया गांधी ईडी के सामने पेश हो रही हैं। वह विरोध नहीं कर रही हैं। कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी 'सत्याग्रह' किया था। छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय जैसी संस्था का दुरुपयोग कर सोनिया गांधी की छवि खराब करने की साजिश रची है। हम प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली तानाशाही सरकार को उखाड़ फेंकेंगे। केंद्र सोनिया की आवाज को दबाना चाहता है।
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को विरोध करते 57 सांसदों समेत 250 से अधिक कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था। राहुल गांधी समेत कांग्रेस पार्टी के कुछ सांसदों ने अन्य समर्थकों के साथ संसद से विजय चौक तक मार्च निकाला था। यहां से राहुल गांधी को भी हिरासत में लिया गया था। सभी को शाम करीब 6:45 बजे सात घंटे की हिरासत के बाद छोड़ दिया गया। यहां राहुल गांधी ने कहा कि राहुल गांधी ने कहा,भारत एक पुलिस राज्य है, मोदी एक राजा हैं। राहुल गांधी ने एक tweet में लिखा-हिंदी में एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, "देश के राजा ने आदेश दिया है-जो कोई भी बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, गलत जीएसटी, अग्निपथ पर सवाल पूछता है उन्हें जेल में डाल दो।"
कई दलों के नेताओं ने भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर केंद्र पर अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए हस्तक्षेप करने की मांग की है। इस बीच हंगामा करने पर तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, माकपा, भाकपा और टीआरएस सहित 19 विपक्षी सांसदों को राज्यसभा से सप्ताह के बाकी दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया था। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया थाकि उन्हें अन्य सांसदों के साथ पुलिस ने पीटा। यह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कहने पर किया जा रहा है।
क्या है ये नेशनल हेराल्ड मामला
बीजेपी के सीनियर लीडर सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में ट्रायल कोर्ट में पिटीशन दायर कर आरोप लगाया था कि राहुल-सोनिया गांधी सहित कुछ अन्य नेताओं ने गलत तरीके से यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) का टेकओवर किया।ये सब दिल्ली स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपए की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया था।
कांग्रेस ने 1938 में एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (AJL) नामक कंपनी बनाई थी। यही कंपनी नेशनल हेराल्ड अखबार पब्लिश करती थी।
26 फरवरी 2011 को AJL पर 90 करोड़ से ज्यादा का कर्ज बताया गया था। इसे ही उतारने यंग इंडिया लिमिटेड नाम से एक नई कंपनी खड़ी की गई। इसमें राहुल और सोनिया की हिस्सेदारी 38-38% बताई जाती है।
यंग इंडिया को AJL के 9 करोड़ शेयर दिए थे। जांच में पता चला है कि इसमें पैसों का हेरफेर हुआ। ED इसी मामले की जांच कर रही है। लेकिन कांग्रेस इसे एक राजनीति प्रतिशोध बताकर विरोध कर रही है।
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