सार

मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े नेशनल हेराल्ड केस में 26 जुलाई को फिर सोनिया गांधी को ED के सवालों जवाब देने दफ्तर पहुंचना पड़ा। कांग्रेस ने 1938 में एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (AJL) नामक कंपनी बनाई थी। यही कंपनी नेशनल हेराल्ड अखबार पब्लिश करती थी।

नई दिल्ली. नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को आज(26 जुलाई) फिर प्रवर्तन निदेशालय यानी ED के सामने पूछताछ के लिए पेश होना पड़ा। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी जब ईडी दफ्तर पहुंचीं, तो उनके साथ पार्टी नेता प्रियंका गांधी वाड्रा भी रहीं। ईडी ने सोनिया गांधी से छह घंटे से अधिक समय तक पूछताछ किया। बुधवार को फिर बुलाया गया है। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े इस केस में पहले उन्हें 25 जुलाई को तलब किया गया था, फिर उसे एक दिन के लिए टाल दिया गया था। 75 वर्षीय सोनिया गांधी से 21 जुलाई को भी इसी मामले में करीब 2 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई थी। सोनिया ने तब एजेंसी के 28 सवालों के जवाब दिए थे, जो कांग्रेस प्रमोटेड यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है। इंडियन प्राइवेट लिमिटेड नेशनल हेराल्ड अखबार का मालिकाना हक में आता है।  विजय चौक पर विरोध प्रदर्शन करते कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पुलिस हिरासत में लेकर किंग्सवे कैंप ले जाया गया। राहुल गांधी ने एक ट्वीट करके लिखा-तानाशाही देखिए, शांतिपूर्ण प्रदर्शन नहीं कर सकते, महंगाई और बेरोज़गारी पर चर्चा नहीं कर सकते। पुलिस और एजेंसियों का दुरूपयोग करके हमें गिरफ़्तार करके भी, कभी चुप नहीं करा पाओगे.'सत्य' ही इस तानाशाही का अंत करेगा।

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कांग्रेस लगातार कर रही है विरोध

कांग्रेस सांसदों ने विजय चौक पर प्रदर्शन किया। यहां राहुल गांधी भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। हालांकि पुलिस ने सांसदों को राष्ट्रपति भवन की तरफ जाने से रोक दिया था। इसी बीच राहुल गांधी को हिरासत में लेना पड़ा। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस ने पार्टी मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। उधर, अधिकारियों ने कहा कि उनकी उपस्थिति के पहले दिन की तरह, सभी कोविड-उपयुक्त प्रोटोकॉल मंगलवार को भी लागू किए गए। जैसे कि डॉक्टरों और एक एम्बुलेंस को तैनात करना, जांचकर्ताओं की कोविड निगेटिव रिपोर्ट और सोनिया गांधी और अधिकारियों के बीच फिजिल डिस्टें आदि। 

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इधर, कांग्रेस ने अपने टॉप लीडर्स के खिलाफ एजेंसी की कार्रवाई को गलत ठहराया है। कांग्रेस इसे राजनीतिक प्रतिशोध बता रही है। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने दिल्ली पुलिस के अलावा सीआरपीएफ और आरएएफ मुस्तैद रहेंगे। सोनिया गांधी के आवास और ईडी कार्यालय के बीच पूरे एक किलोमीटर की दूरी पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं।pic.twitter.com/iPULOmqs0p

ईडी द्वारा पिछले साल के अंत में प्रिवेंशन ऑफ मनी लान्ड्रिंग एक्ट के क्रिमिनल प्रोविजन के तहत एक नई FIR दर्ज की थी। इसके बाद गांधी परिवार से पूछताछ करने का कदम उठाया गया था।

जानिए आखिर ये नेशनल हेराल्ड केस है क्या, जिसने राजनीतिक हंगामा बरपा रखा है

  • इसकी शुरुआत 2013 से होती है, जब एक लोअर कोर्ट ने बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ आयकर विभाग की जांच पर संज्ञान लिया था। 
  • कांग्रेस ने 1938 में एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (AJL) नामक कंपनी बनाई थी। यही कंपनी नेशनल हेराल्ड अखबार पब्लिश करती थी। 
  • 26 फरवरी 2011 को AJL पर 90 करोड़ से ज्यादा का कर्ज बताया गया था। इसे ही उतारने यंग इंडिया लिमिटेड नाम से एक नई कंपनी खड़ी की गई। इसमें राहुल और सोनिया की हिस्सेदारी 38-38% बताई जाती है। 
  • यंग इंडिया को AJL के 9 करोड़ शेयर दिए थे। जांच में पता चला है कि इसमें पैसों का हेरफेर हुआ। ED इसी मामले की जांच कर रही है। हालांकि कांग्रेस इस पूछताछ का विरोध कर रही है।

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