सार
पश्चिम बंगाल में हुए शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को लेकर CM ममता बनर्जी का कहना है कि जिसने भी गलती की है, उसे सजा मिलनी चाहिए। वैसे, ममता के राज में बंगाल में ये कोई पहला घोटाला नहीं है। इससे पहले भी कई बड़े घोटाले हो चुके हैं। जानते हैं ऐसे ही 6 घोटालों के बारे में।
West Bengal Big Scam: पश्चिम बंगाल में हुए शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को लेकर CM ममता बनर्जी के तेवर कड़े हो गए हैं। ममता का कहना है कि जिसने भी गलती की है, उसे सजा मिलनी चाहिए। हम ऐसे लोगों का कतई समर्थन नहीं कर सकते। इससे पहले शनिवार को जब ED ने पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया था तो उन्होंने ममता बनर्जी को कई बार फोन किया था। हालांकि ममता दीदी ने उनका फोन रिसीव नहीं किया। वैसे, ममता सरकार में पहले भी कई बड़े घोटाले हो चुके हैं। इनमें कुछ तो ऐसे हैं, जिनमें कई हजार करोड़ रुपए का घपला हुआ है।
शिक्षक भर्ती घोटाला :
2016 में पश्चिम बंगाल के स्कूल सेवा आयोग (SSC) ने शिक्षकों की भर्ती के लिए एक परीक्षा ली थी। 2017 में जब इसका रिजल्ट आया तो इसमें सिलीगुड़ी की बबीता सरकार का नाम टॉप-20 में था। आयोग ने ये लिस्ट रद्द कर दी। इसके बाद बबीता से 16 नंबर कम पाने वाली अंकिता अधिकारी का नाम टॉप पर आ गया। अंकिता मंत्री परेश अधिकारी की बेटी है। इसके खिलाफ बबीता सरकार और कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में अर्जी लगाई। कोर्ट ने इसमें गड़बड़ी की आशंका जताते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। बाद में सीबीआई ने पार्थ चटर्जी से पूछताछ की क्योंकि वही तब शिक्षा मंत्री थे। बाद में ईडी ने पार्थ चटर्जी और उनके करीबियों के घर छापा मारा, जिसमें अर्पिता मुखर्जी के घर 21 करोड़ कैश, 50 लाख की ज्वैलरी और 20 मोबाइल फोन बरामद हुए। इसके बाद पार्थ और अर्पिता को गिरफ्तार कर लिया।
सारधा चिटफंड घोटाला :
सारधा चिटफंड घोटाला पश्चिम बंगाल का सबसे बड़ा आर्थिक घोटाला है, जिसमें कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का हाथ होने का आरोप है। दरअसल पश्चिम बंगाल में सुदीप्तो सेन ने चिटफंड कंपनी सारधा ग्रुप बनाई। इसके जरिये उसने लोगों के ठगने के लिए कई लुभावन ऑफर दिए थे। इस कंपनी की ओर से 34 गुना रकम करने का वादा किया गया था और लोगों से पैसे ठग लिए गए। एक अनुमान के मुताबिक, इस घोटाले में करीब 40 हजार करोड़ रुपये का हेरफेर हुआ है।
पशु तस्करी घोटाला :
पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार में बांग्लादेश सीमा पार पशुधन गौ तस्करी का धंधा खूब फला-फूला। इस रैकेट में नेता, अफसर, पुलिस, सुरक्षा बल सब मिले हुए हैं। पशु तस्करी के मामले में कलकत्ता हाइकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने 21 सितम्बर, 2020 को भारत-बंगलादेश सीमा पर अवैध तरीके से मवेशियों की तस्करी के मामले में कुछ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इसके बाद सीबीआई ने इस मामले के सरगना मोहम्मद इनामुल हक को नवंबर 2020 में नई दिल्ली से गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने टीएमसी के बीरभूम जिलाध्यक्ष अणुव्रत मंडल से पशु तस्करी के मामले में पूछताछ की थी। बाद में मंडल के बॉडीगार्ड साईगुल हुसैन को भी गिरफ्तार किया था।
कोयला घोटाला :
27 नवंबर 2021 को सीबीआई की कोलकाता एंटी करप्शन ब्रांच ने पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के लीजहोल्ड एरिया से कोयले के अवैध खनन और उठाव में भ्रष्टाचार को लेकर केस दर्ज किया था। ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड सरकारी कंपनी है, जो कोल इंडिया लिमिटेड के स्वामित्व में है। यह पश्चिम बंगाल और झारखंड में कोयला खनन करती है। यह मामला तब सामने आया जब मई से अगस्त 2021 के बीच सतर्कता विभाग और ईसीएल टास्क फोर्स ने जांच में पाया कि ईसीएल के पट्टे पर अवैध रूप से खनन और उसकी ढुलाई हो रही है। घोटाले का पूरा कारोबार बंगाल के आसनसोल से लेकर पुरुलिया और बाकुंडा तक और झारखंड में धनबाद में लेकर रामगढ़ तक फैला है। सीबीआई ने अनूप मांझी को इस पूरे घोटाले का सरगना बताया है। यह घोटाला 1,352 करोड़ रुपए का है।
रोज वैली घोटाला :
कोलकाता की रोज वैली कंपनी ने 464 करोड़ रुपए का चिटफंड घोटाला किया। सीबीआई ने इस घोटाले में रोज वैली समूह के प्रमुख गौतम कुंडु और उनकी पत्नी शुभ्रा कुंडु को जनवरी, 2021 में गिरफ्तार किया था। रोज वैली ग्रुप ने लोगों को इन्वेस्टमेंट पर अच्छा लाभ देने का झांसा देकर उनका पैसा हड़प लिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रोज वैली ग्रुप ने अपनी फर्जी योजनाओं के तहत निवेशकों से 12,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि हड़पी है। घोटाले के मुख्य आरोपी गौतम कुंडु मार्च 2015 से ही जेल में बंद है। उनकी पत्नी शुभ्रा द्वारा संचालित आभ्रूषण चेन अद्रिजा को जांच शुरू होने के बाद एजेंसियों ने सील कर दिया था।
नारद स्टिंग ऑपरेशन :
पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले नारद स्टिंग ऑपरेशन ने काफी तूल पकड़ा था। 2021 में विधानसभा चुनाव हुए और ममता बनर्जी की दोबारा सरकार बनी। इस बीच सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस सरकार के मंत्री फिरहाद हाकिम और सुब्रत मुखर्जी के अलावा टीएमसी विधायक मदन मित्रा और पूर्व बीजेपी नेता सोवन चटर्जी को गिरफ्तार किया था। दावा किया गया था कि नारद स्टिंग टेप में टीएमसी के मंत्री, सांसद और विधायक की तरह दिखने वाले व्यक्तियों को एक काल्पनिक कंपनी के नुमाइंदों से कैश लेते दिखाया गया था। स्टिंग ऑपरेशन कथित तौर पर नारद न्यूज पोर्टल के मैथ्यू सैमुअल ने किया था। ईडी ने नारदा स्टिंग मामले की चार्जशीट में तृणमूल कांग्रेस के 4 नेताओं-फिरहाद हकीम, मदन मित्रा, सुब्रत मुखर्जी, सोवन चटर्जी का नाम शामिल किया था।
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