सार
नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में सोनिया गांधी से ED की पूछताछ को लेकर कांग्रेस आंदोलित है। उधर, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस की नीयत पर सवाल उठाए हैं। छग में संबित पात्रा ने मीडिया से चर्चा के दौरान कांग्रेस को घेरा।
नई दिल्ली. नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को 26 जुलाई फिर प्रवर्तन निदेशालय यानी ED के सामने पूछताछ के लिए पेश होना पड़ा। इसके विरोध में कांग्रेस सड़कों पर उतर आई। इस परभाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस की नीयत पर सवाल उठाए हैं। पात्रा ने दावा किया कि कांग्रेस को लगता है कि उसे 'डकैती' करने का अधिकार है और किसी को इस पर सवाल नहीं उठाना चाहिए। उन्होंने नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से पूछताछ के खिलाफ कांग्रेस के 'सत्याग्रह' के लिए उसकी आलोचना की। यह तस्वीर 21 जुलाई की है, जब बेंगलुरु में सोनिया गांधी के समर्थन में एक विरोध रैली के दौरान एक वाहन को आग लगा दी गई थी।
जो लोग भ्रष्ट हैं, उन्हें यह नहीं सोचना चाहिए कि उनकी जांच होगी
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित भाजपा कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में मीडिया से चर्चा करते हुए पात्रा ने कहा, मैं कई बार महसूस करता हूं कि कांग्रेस के लिए ईडी का मतलब 'डकैती का हक' था। उन्हें लगा कि वे डकैती करने के हकदार हैं और किसी को उनसे सवाल नहीं करना चाहिए। जो लोग भ्रष्ट हैं, उन्हें यह नहीं सोचना चाहिए कि उनकी जांच नहीं होगी। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस भाजपा का नारा रहा है। जिस तरह से कांग्रेस पार्टी आज नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी के सामने सोनिया गांधी की पेशी के खिलाफ सत्याग्रह का नाटक कर रही है, उसे पूरा देश देख रहा है। पात्रा ने कहा कि विपक्ष के पास उठाने के लिए कोई मुद्दा नहीं बचा है। सत्याग्रह करने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, सोनिया जी हमें स्वीकारोक्ति चाहिए, हंगामा नहीं। एक जांच एक उचित प्रक्रिया है। देश की कानून की प्रक्रिया अपना उचित समय लेगी और एक तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचेगी। यह भारत की सुंदरता है।
बीजेपी देश से पूछती है?
पात्रा ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी से 21 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई, आम आदमी पार्टी के मंत्री (दिल्ली में) सत्येंद्र जैन से नकदी बरामद की गई और अदालत ने नेशनल हेराल्ड मामले में कड़ी टिप्पणी की है, जिसमें 5,000 करोड़ का गबन किया गया था। तो बीजेपी देश से पूछती है कि क्या इन मामलों में जांच नहीं होनी चाहिए? क्या हमें इन मुद्दों को छोड़ देना चाहिए, क्योंकि विपक्ष को इसकी जांच पसंद नहीं है? क्या जांच केवल उनके अधिकार की भावना के कारण रोक दी जानी चाहिए?
जब कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ 5,000 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के आरोप होंगे, तो स्वाभाविक रूप से उन पर सवाल उठाए जाएंगे। उन्होंने दावा किया कि गबन की गई संपत्ति करदाताओं और स्वतंत्रता सेनानियों की थी, जिन्होंने अपने जीवन का बलिदान दिया और एक परिवार ने इसे छीन लिया। संबित ने दावा किया कि (अपराध के लिए) जिम्मेदार लोगों को पूछताछ का सामना करना होगा।
कांग्रेस ने किया प्रदर्शन
कांग्रेस ने मंगलवार को अध्यक्ष सोनिया गांधी को प्रवर्तन निदेशालय के समन के विरोध में पूरे देश में 'सत्याग्रह' किया। कांग्रेस सांसदों ने संसद परिसर में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में मुलाकात की। AICC महासचिव अजय माकन ने दावा किया कि उन्हें महात्मा गांधी के स्मारक राजघाट के बाहर सत्याग्रह आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई है। माकन ने कहा, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत सरकार ने हमें सत्याग्रह करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। यह वही भाजपा है जिसने 2005 में बाबा रामदेव के समर्थन में 5 जून 2015 को विरोध प्रदर्शन किया था।"
माकन ने संवाददाताओं से कहा, "अगर देश में प्रमुख विपक्षी दल को सत्याग्रह करने की अनुमति नहीं दी जाती है, तो यह लोकतंत्र की हत्या है। लोकतंत्र कहां बचेगा।" उन्होंने पूछा कि लोकतंत्र में सत्ताधारी दल और विपक्ष दोनों शामिल हैं और लोकतंत्र कैसे टिकेगा यदि इसके एक पहिये को राजघाट पर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी जाती है। माकन ने आरोप लगाया, ''यह काम विपक्षी पार्टी के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध को ध्यान में रखकर किया जा रहा है और हमारे नेताओं को इसी मकसद से परेशान किया जा रहा है।'' उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सत्याग्रह करने के उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा है, और उनके सदस्यों को अपने कार्यालय में प्रवेश की अनुमति नहीं है।
इसी मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा-आज कांग्रेस का राजघाट पर धरना प्रदर्शन था। BJP के लोग होते तो वे आगजनी करते, हम तो शांतिपूर्ण विरोध कर रहे हैं। आज अगर वहां प्रदर्शन होता, तो ट्रैफिक में कोई बाधा नहीं आती। हमारी पार्टी मुख्यालय के अंदर इंट्री बंद है। देश का हर नागरिक डरा हुआ है। बार-बार सोनिया जी को बुलाना, क्या पूछताछ करते हैं? इन्हें क्यों टारगेट बना रहे हैं।
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