Nagaland Firing: क्या है AFSPA कानून, जिसे लेकर वहां के CM को कहना पड़ा - इसकी वजह से खराब हो रही देश की छवि

Published : Dec 06, 2021, 02:15 PM ISTUpdated : Dec 06, 2021, 03:22 PM IST
Nagaland Firing:  क्या है AFSPA कानून, जिसे लेकर वहां के CM को कहना पड़ा - इसकी वजह से खराब हो रही देश की छवि

सार

4 दिसंबर को नागालैंड में सुरक्षाबलों की फायरिंग में हुई 17 लोगों (अब तक) की मौत हो गई है। इस मामले में जांच के लिए SIT का गठन किया गया है। 

नई दिल्ली। नागालैंड (Nagaland) में रविवार को सुरक्षा बलों की फायरिंग में हुई आम लोगों के मौत का मामला गहराता जा रहा है। मामला देश की संसद (Parliament) तक पहुंच चुका है। आक्रामक विपक्ष ने संसद में भी इस मुद्दे को लेकर घेरा है। उधर, राज्य के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो (Neiphiu Rio) ने नागरिकों की हत्या के बाद सारा ठीकरा AFSPA यानी आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट पर फोड़ा है। उन्होंने कहा कि नागालैंड से AFSPA हटाया जाए। इस कानून से देश की छवि धूमिल हो रही है। रियो ने बताया कि इस घटना में जो भी लोग प्रभावित हुए हैं, उनके परिजनों को मुआवजा दिया जा रहा है। 
उधर, अफ्सा (AFSPA) को लेकर मेघालय (Meghalaya) के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा (Conrad K.Sangama) ने भी नागालैंड के सुर में सुर मिलाते हुए इसे तत्काल हटाने की मांग की है। दरअसल, अफ्सा को लेकर नार्थ-ईस्ट में हमेशा से विरोध होता रहा है। 

कानून तोड़ने पर गोली मारने का अधिकार देता है ये एक्ट 
आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट यानी AFSPA नागालैंड में कई दशकों से लागू है। 1958 में संसद ने यह एक्ट लागू किया था। इसके तहत सैन्य बलों को विशेष अधिकार हासिल होता है। इस कानून के तहत सेना के जवान कानून तोड़ने वाले व्यक्ति पर गोली भी चला सकते हैं। यह कानून असम, मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और नागालैंड सहित पूरे पूर्वोत्तर भारत में लागू किया गया था। समय- समय पर इसे लेकर विरोध होते रहे हैं। 

सेना ने बैठायी कोर्ट ऑफ इंक्वायरी
वहीं, सेना की फायरिंग में मारे गए 14 लोगों के मामले में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (court of inquiry) बैठा दी गई है। इस इंक्वायरी का इंचार्ज मेजर जनरल रैंक (Major General rank) के अधिकारी को बनाया गया है। जांच अधिकारी, नॉर्थईस्ट सेक्टर में तैनात हैं।

प्रधानमंत्री ने बुलाई मीटिंग
नागालैंड में 14 नागरिकों के मारे जाने के बाद पीएम मोदी (PM Modi) ने एक हाईलेवल मीटिंग बुलाई है। मीटिंग में देश के गृहमंत्री अमित शाह के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी होंगे। इस मीटिंग में नागालैंड समेत पूर्वोत्तर में आम लोगों के मन में उपजे संदेह और डर से निपटने के लिए भी रणनीति बनाई जानी है। गृहमंत्री देंगे संसद में बयान
पीएम मोदी की हाईलेवल मीटिंग के बाद संसद में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पूरे घटनाक्रम पर बयान दे सकते हैं। माना जा रहा है कि 3 से 4 बजे के बीच में गृहमंत्री संसद में जानकारी देंगे। बता दें कि विपक्ष ने इस हादसे के बारे में विस्तार से चर्चा करने की मांग करते हुए सदनों के स्थगन का नोटिस दिया है।

Read this also:

Covid 19: तीसरी लहर से निपटने के लिए AIIMS तैयार, 300 बेड वाले अस्पताल का कल लोकार्पण, लेवल टू व थ्री के 100 बेड का प्रस्ताव

Research: Covid का सबसे अधिक संक्रमण A, B ब्लडग्रुप और Rh+ लोगों पर, जानिए किस bloodgroup पर असर कम

Covid-19 के नए वायरस Omicron की खौफ में दुनिया, Airlines कंपनियों ने double किया इंटरनेशनल fare

PREV

Recommended Stories

IndiGo Crisis: इंडिगो CEO को कारण बताओ नोटिस, 24 घंटे में जवाब नहीं तो होगा कड़ा एक्शन
इंडिगो क्राइसिस के बीच बड़ी राहत: सरकार ने तय किए फ्लाइट टिकट रेट्स, जानें नई कीमतें