आंदोलनजीवी, कृषि कानून और विपक्ष का हंगामा...77 मिनट तक राज्यसभा में मोदी ने बड़े मुद्दों पर क्या कहा?

पीएम मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में संबोधन दिया। 77 मिनट के भाषण में पीएम मोदी ने कृषि कानून और उसे लेकर हो रहे आंदोलन, विपक्ष का हंगामा, कोरोना वैक्सीन, किसानों के लिए किए गए कामों और हरित क्रांति तक का जिक्र किया। उन्होंने बार-बार आंदोलन करने वालों को एक नया नाम दिया। उन्होंने कहा कि आजकल देश में आंदोलनजीवी पैदा हो गए हैं, जो खुद का आंदोलन तो खड़ा नहीं कर पाते हैं लेकिन के आंदोलन में शामिल हो जाते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Feb 8, 2021 5:01 AM IST / Updated: Feb 08 2021, 01:49 PM IST

नई दिल्ली. पीएम मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में संबोधन दिया। 77 मिनट के भाषण में पीएम मोदी ने कृषि कानून और उसे लेकर हो रहे आंदोलन, विपक्ष का हंगामा, कोरोना वैक्सीन, किसानों के लिए किए गए कामों और हरित क्रांति तक का जिक्र किया। उन्होंने बार-बार आंदोलन करने वालों को एक नया नाम दिया। उन्होंने कहा कि आजकल देश में आंदोलनजीवी पैदा हो गए हैं, जो खुद का आंदोलन तो खड़ा नहीं कर पाते हैं लेकिन के आंदोलन में शामिल हो जाते हैं। जानते हैं पीएम मोदी ने क्या-क्या कहा? 

कविता के जरिए बताया भारत का हाल
पीएम मोदी ने मैथिलीशरण गुप्त की एक कविता कही। उन्होंने कहा, "अवसर तेरे लिए खड़ा है, फिर भी तू चुपचाप पड़ा है। तेरा कर्मक्षेत्र बड़ा है, पल-पल है अनमोल, अरे भारत उठ, आंखें खोल।" पीएम ने इस कविता को 21वीं सदी से जोड़कर दोबारा पढ़ा। उन्होंने कहा, "अवसर तेरे लिए खड़ा है, तू आत्मविश्वास से भरा पड़ा है, हर बाधा, हर बंदिश को तोड़, अरे भारत, आत्मनिर्भरता के पथ पर दौड़।"

नाम लेकर सांसदों पर साधा निशाना
"यहां लोकतंत्र को लेकर उपदेश दिए गए। भारत का लोकतंत्र ऐसा नहीं है कि जिसकी इस तरह खाल उधेड़ी जा सके। ऐसी गलती हम न करें। टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन ने जिन शब्दों का प्रयोग किया। ऐसा लगा कि वो बंगाल की बात कर रहे हैं या देश की। प्रकाश सिंह बाजवा भी जब बात कर रहे थे तो लगा कि वो कांग्रेस काल के आपातकाल 1984 के दंगों का जिक्र करेंगे, लेकिन उन्होंने नहीं किया। हालांकि कांग्रेस ने हमेशा निराश ही किया है। उन्होंने भी किया।"

बताया, कैसा है भारत का राष्ट्रवाद?
"हमारा लोकतंत्र वेस्टर्न इंस्टीट्यूशन नहीं है। यह ह्यूमन इंस्टीट्यूशन है। प्राचीन भारत में 81 गणतंत्रों का वर्णन मिलता है। भारत का राष्ट्रवाद ना तो संकीर्ण है, ना ही आक्रामक है। ये सत्यम शिवम सुंदरम के मूल्यों से प्रेरित है। ये शब्द नेताजी सुभाष चंद्र बोस के हैं।

भारत को मदर ऑफ डेमोक्रोसी कहा
"हमें दुनिया से लोकतंत्र सीखने की जरूरत नहीं है। भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। जब देश में आपातकाल लगा तो न्यायपालिका और देश की क्या हालत थी सभी को पता है। देश का लोकतंत्र इतना ताकतवर है कि आपातकाल को हमने पार कर दिया।"

TMC सांसदों ने वाकआउट किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्यसभा में भाषण शुरू होते ही तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने वाकआउट किया।

मजाक उड़ाने का आरोप लगाया
"सोशल मीडिया पर देखा होगा फुटपाथ पर छोटी झोपड़ी लगाकर बैठी एक बुढ़ी मां अपनी झोपड़ी के बाहर दीया जलाकर भारत के शुभ के लिए कामना कर रही है। हम उसका मजाक उड़ा रहे हैं, उस भावना का मखौल उड़ा रहे हैं! विरोध करने के लिए कितने मुद्दे हैं।" 

पोलियो, चेचक के जरिए वैक्सीन का जिक्र
"भारत ने उन दिनों को देखा है जब पोलियो, चेचक का बड़ा खतरा था। किसी को नहीं पता था कि भारत को वैक्सीन मिलेगी या कितने लोगों को मिलेगी। उन दिनों से अब हम यहां हैं, जब हमारा राष्ट्र दुनिया के लिए टीके बना रहा है। इससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है।"

किसान आंदोलन पर क्या कहा?
"सदन में किसान आंदोलन की भरपूर चर्चा हुई। जो भी बताया गया वो आंदोलन को लेकर बताया गया लेकिन मूल बात पर चर्चा नहीं हुई। मैं चौधरी चरण सिंह का कथन पढ़ना चाहूंगा। किसानों का सेंसेस लिया गया तो 33% किसान ऐसे हैं जिनके पास जमीन 2 बीघे से कम है। 18% किसानों के पास 2-4 बीघे जमीन है। ये कितनी भी मेहनत कर ले अपनी जमीन पर इनका गुजर नहीं हो सकता है।"

"गालियां मेरे खाते में जुड़ने दो, लेकिन आप इसके साथ जुड़ जाओ। लगातार कृषि मंत्री किसानों से बात कर रहे हैं। अभी तक कोई तनाव पैदा नहीं हुआ है। बात समझने और समझाने का प्रयास चल रहा है। आंदोलन से जुड़े लोगों से बात करते हैं कि बुजुर्ग लोगों को वहां से ले जाइए। आंदोलन खत्म करिए।" 

"खेती को खुशहाल बनाने के लिए फैसले लेने का यह समय है। हमें आगे बढ़ना चाहिए। देश को पीछे नहीं ले जाना चाहिए। पक्ष-विपक्ष हो, इन सुधारों को मौका देना चाहिए। कोई कमी हो तो उसे ठीक करेंगे। ठिलाई है तो कसेंगे। ऐसा नहीं है कि सब दरवाजे बंद कर दिए। मैं विश्वास दिलाता हूं कि मंडिया आधुनिक बने। एमएसपी है, था और रहेगा। जिन 80 करोड़ से अधिक लोगों को सस्ते में राशन दिया जाता है वह ही कॉन्टीन्यू रहेगा। इसलिए भ्रम फैलाने के काम में हम न जुड़े।" 

"आबादी बढ़ रही है। जमीन के टुकड़े छोटे होते जा रहे हैं। ऐसे में कुछ न कुछ ऐसा करना होगा कि किसान रोजी-रोटी के अवसर उपलब्ध हो सकें। हम अगर देर कर देंगे। राजनीति समीकरणों में फंसे रहेंगे तो किसानों को अंधकार की तरफ धकेल देंगे। इससे बचना चाहिए। इस बात की चिंता करनी होगी।" 

आंदोलन की तुलना हरित क्रांति से की
"हरित क्रांति के समय जो सुधार हुए, तब भी आंदोलन हुए। शास्त्री जी का यह हाल था कि कोई कृषि मंत्री बनने को तैयार नहीं था। अंत में शास्त्री जी को श्री सुब्रमन्यम जी को कृषि मंत्री बनाना पड़ा। योजना आयोग ने भी विरोध किया था। लेकिन देश की भलाई के लिए शास्त्री जी आगे बढ़े। लेफ्ट पार्टी, जो इस समय भाषा बोलते हैं उस समय भी बोल रहे थे कि अमेरिका के इशारे पर कांग्रेस ऐसा कर रही रही। कांग्रेस के नेताओं को अमेरिका का एजेंट कह दिया जाता था। मुझे भी वैसा ही बोला जाता है। देशभर में हजारों आंदोलन चले थे। लेकिन शास्त्री जी ने जो किया आज उसी का परिणाम है कि देश अपनी मिट्टी में अनाज उगा रहा है।"

सिखों की तारीफ की, देश के लिए गर्व बताया
"भारत की ताकत ऐसी समस्याओं के समाधान करने की रही है, लेकिन कुछ लोग हैं जो लगातार कोशिश करते हैं कि भारत अस्थिर रहे, अशांत रहे। हम न भूले कि पंजाब के साथ क्या हुआ। जब बटवारा हुआ। 1984 के दंगे हुए तो सबसे ज्यादा पंजाब के आंसू बहे। सबसे ज्यादा झेलना पड़ा। ये सारी चीजों ने देश को बहुत नुकसान किया है। इसके पीछे कौन ताकते हैं सबने देखा है, परखा है, जाना है। हम ये न भूले कि कुछ लोग हमारे खासकर पंजाब के, गलत चीजे भरने में लगे हैं। यह देश हर सिख के लिए गर्व करता है। देश के लिए क्या कुछ नहीं किया इन लोगों ने। मुझे पंजाब की रोटी खाने का अवसर मिला है। जो लोग उन्हें गुमराह कर रहे हैं, लेकिन इससे देश का कभी भला नहीं होगा।" 

पीएम ने बताया, किसानों के लिए क्या किया?
"पार्टियां चुनाव के वक्त कर्जमाफी करती हैं, लेकिन उससे छोटे किसानों को फायदा नहीं होता। पिछली फसल बीमा योजना भी बड़े किसानों के लिए थी, जो सिर्फ बैंक से लोन लेता था। यूरिया हो या कोई दूसरी योजना पहले सभी योजनाओं का लाभ 2 हेक्टेयर से अधिक वाले किसानों को होता था।"

"2014 के बाद हमने कई परिवर्तन किए और फसल बीमा के दायरे को बढ़ा दिया। फसल बीमा योजना के तहत 90 हजार करोड़ रुपए दिए गए। हमने करीब पौने दो करोड़ लोगों तक किसान क्रेडिट कार्ड पहुंचाया।" 

सदन में बंगाल की राजनीति का जिक्र
"हमने किसान सम्मान निधि योजना लागू किया। दस करोड़ परिवारों इसका लाभ मिला। 1.15 लाख करोड़ किसानों के खाते में गया है। बंगाल में राजनीति आड़े में ना आती तो वहां के लाखों किसानों को लाभ मिलता। हमने सौ फीसदी किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड पेश किया।" 

आंदोलनजीवी एक नई बिरादरी पैदा हुई है
"आजकल देश में आंदोलनजीवी नाम की एक नई बिरादरी पैदा हुई है। जो वकीलों, छात्रों, मजदूरों के हर आंदोलन में नजर आते हैं। इनकी एक पूरी टोली है। जो आंदोलनजीवी है। ये आंदोलन के बिना जी नहीं सकते हैं। आंदोलन के लिए रास्ते खोजते रहते हैं। लोगों को गुमराह करते हैं। देश आंदोलनजीवी लोगों से बचे। ऐसे लोग खुद का कोई आंदोलन खड़ा नहीं कर सकते हैं, बल्कि दूसरों के साथ जाकर जुड़ जाते हैं। ये आंदोलनजीवी परजीवी होते हैं। आप लोग जहां-जहां सरकारे चलाते होंगे ऐसे आंदोलनजीवी को देखते होंगे। देश में नया FDI मार्केट में आया है। नए FDI से बचना होगा, जिसका नाम है फॉरेन डिस्ट्रेक्टिव आइडियोलॉजी। इससे बचने के लिए जागरूक रहने की जरूरत है।"

कृषि कानूनों पर किस-किसने यू-टर्न लिया
"शरद पवार, कांग्रेस और हर सरकार ने कृषि सुधारों की वकालत की है कोई पीछे नहीं है। मैं हैरान हूं अचानक यूटर्न ले लिया। आप आंदोलन के मुद्दों को लेकर इस सरकार को घेर लेते लेकिन साथ-साथ किसानों को कहते कि बदलाव बहुत जरूरी है तो देश आगे बढ़ता।" 

आखिरी में पीएम ने कहा- मोदी है मौका लीजिए
"सदन में चर्चा का स्तर अच्छा था। वातावरण भी अच्छा था। मुझपर भी हमला हुआ। लेकिन मुझे अच्छा लगा। आपके काम तो आया। कोरोना की वजह से कहीं आना जाना नहीं हुआ। इतना गुस्सा यहां निकाल दिया तो मन कितना हल्का हुआ होगा। तो मैं आपके लिए इतना काम आया। मोदी है मौका लीजिए।"

विपक्ष रहता तो गरिमा और बढ़ जाती
"पूरी दुनिया एक बड़े संकट से जूझ रही है। अच्छा होता विपक्ष राष्ट्रपति का भाषण सुनता, लेकिन उनके भाषण का प्रभाव इतना था कि विपक्ष बिना कुछ सुने भी इतना कुछ उनके भाषण पर बोल पाया। राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान अगर सभी लोग मौजूद रहते तो लोकतंत्र की गरिमा और बढ़ जाती।"

आज पूरा विश्व भारत की तरफ देख रहा है
"हम आजादी के 75 वें वर्ष का जश्न मना रहे हैं। हमें राष्ट्र के बारे में कुछ करने की प्रतिबद्धता बनानी चाहिए। आज पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है। भारत सही मायने में अवसरों का देश है। कई अवसर हमारा इंतजार कर रहे हैं। यह एक ऐसा राष्ट्र है जो युवा है, जोश से भरा है और एक ऐसा राष्ट्र जो सपनों को साकार करने का प्रयास कर रहा है। ऐसे में हम इन अवसरों को कभी जाने नहीं देंगे।"

पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर हम चर्चा कर सकते हैं लेकिन उनके साथ मत खड़े होईए जो लोग देश को नीचा दिखाने में लगे हैं। पीएम मोदी ने कहा, राज्यसभा में 50 से अधिक सांसदों ने 13 घंटे से अधिक समय तक अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने अपने अमूल्य विचार व्यक्त किए। इसलिए मैं सभी सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं।

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