नए कृषि कानूनों पर बोले शरद पवारः किसानों को जहां आपत्ति वहां संशोधन होना चाहिए

केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में 26 नवंबर 2020 से किसानों का प्रदर्शन चल रहा है। किसान लगातार गाजीपुर बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर पर धरनारत हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 1, 2021 5:30 PM IST

मुंबई। कृषि कानूनों को लेकर चले आ रहे राजनीतिक विरोध के बीच केंद्र सरकार के लिए राहत भरी उम्मीद है। एनसीपी अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि कृषि कानूनों को पूरी तरह से खारिज करने की बजाय उस हिस्से को संशोधित किया जाना चाहिए जहां किसानों को आपत्ति है। उन्होंने कहा कि सरकार और किसानों के बीच डेडलाॅक बना हुआ है, सरकार को पहल कर बातचीत का रास्ता अपनाना चाहिए। 
पवार मुंबई में एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे। महाविकास अघाड़ी सरकार के केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रस्ताव लाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सभी सहयोगियोां से बातचीत करने के बाद एक प्रस्ताव सदन में लाया जाएगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि दो दिन के सदन में तत्काल यह प्रस्ताव लाकर बहस करना थोड़ा मुश्किल लग रहा है। उन्होंने कहा कि महाविकास अघाड़ी सरकार के मंत्रियों का समूह इस कृषि बिल प्रस्तावों का अध्ययन कर रहा है। 

राज्यों को कृषि कानूनों को लागू करने के पहले विमर्श करना चाहिए 

शरद पवार ने आगे कहा कि राज्यों को अपने यहां इस कानून को लागू करने से पहले इसके विवादित पहलुओं पर विचार करना चाहिए। 

26 नवम्बर से किसान दिल्ली बार्डर हैं आंदोलित

केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में 26 नवंबर 2020 से किसानों का प्रदर्शन चल रहा है। किसान लगातार गाजीपुर बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर पर धरनारत हैं। 

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