उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप की बेहद अमानवीय घटना में एक युवती की मौत के बाद देश पूरी तरह से सदमे से गुजर रहा है। लोगों का गुस्सा शांत नहीं हो रहा है। लोग लगातार आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने डराने वाले आंकड़े जारी किए हैं।
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप की बेहद अमानवीय घटना में एक युवती की मौत के बाद देश पूरी तरह से सदमे से गुजर रहा है। लोगों का गुस्सा शांत नहीं हो रहा है। लोग लगातार आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने डराने वाले आंकड़े जारी किए हैं। एनसीआरबी के आंकड़ों की मानें तो पिछले साल महिलाओं के खिलाफ 4,05,861 मामले सामने आए थे। इनमें हर दिन औसतन 87 मामले बलात्कार के हैं।
महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में UP टॉप पर
मीडिया रिपोर्ट्स और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की मानें तो एक तरफ जहां यूपी में योगी सरकार लॉ ऐंड ऑर्डर पर सख्ती बरतने और अपराधियों पर नकेल कसने के लंबे-चौड़े दावे करती है वहीं दूसरी तरफ महिलाओं के खिलाफ अपराध (Crime Against Women) की राज्यवार लिस्ट में उत्तर प्रदेश टॉपर है। वहां सालभर में महिलाओं पर अत्याचार के 59,853 केस सामने आए हैं। बता दें, ये आंकड़े पिछले साल के ही हैं, लेकिन ये आंकड़े सरकार के सामने सवाल ये उठाते हैं कि क्या उत्तर प्रदेश ने इस मामले में सुधार किया है?
यूपी में पिछले 24 घंटे में बलात्कार की तीन घटनाएं
एनसीआरबी (NCRB) के ये पिछले साल के आंकड़े यूपी सरकार के सामने सवाल उठाते हैं कि क्या इस साल ये आंकड़े कम हुए हैं? यूपी में पिछले 24 घंटे में रेप के तीन केस सामने आए हैं। इसमें आजमगढ़, बुलंदशहर और फतेहपुर से रेप की थर्रा देने वाली घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इनमें 8 और 14 साल ही मासूम बच्चियों के साथ दरिंदगी की बात सामने आ चुकी है। वहीं, पिछले कुछ महीनों के अंदर देश को हिला कर रख देने वाले उन्नाव कांड, हाथरस कांड और अब बलरामपुर कांड इसी राज्य में हुए हैं।
महिलाओं के खिलाफ अपराध 7.3% बढ़े
कहा जाता है कि वक्त के साथ-साथ सबकुछ बदलता रहता है और सब धीरे-धीरे ठीक होता जाता है, लेकिन एनसीआरबी के आंकड़े इसके उलट ही बता रहे हैं। इसके मुताबिक, देशभर में 2018 के मुकाबले 2019 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में 7.3% की वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं, प्रति लाख आबादी पर महिलाओं के खिलाफ अपराध की दर के लिहाज से देखें तो इस लिस्ट में असम सबसे ऊपर है। वहां पिछले साल प्रति लाख महिलाओं में 117.8 महिलाएं हैवानियत की शिकार हुई थीं।
किस तरह के, कितने अपराध?
महिलाओं के खिलाफ अपराध के ज्यादातर मामले दो भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत दर्ज किए गए हैं, जो कि इस प्रकार से हैं-
- 30.9% पति या रिश्तेदार की क्रूरता
- 21.8% इज्जत लूटने के इरादे से महिलाओं पर हमला
- 17.9% महिलाओं का अपहरण और अगवा
- जबकि 7.9% बलात्कार के केस हैं।
रेप रेट में राजस्थान टॉप पर और केरल दूसरे नंबर पर
एनसीआरबी (NCRB) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, राजस्थान में बलात्कार के सबसे ज्यादा 5,997 केस दर्ज करवाए गए हैं, जबकि मध्य प्रदेश 2,485 रेप केस के साथ इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर है। कितनी हैरत की बात है कि 100% शिक्षित आबादी वाला राज्य केरल प्रति लाख आबादी पर महिलाओं के रेप केस की दर में दूसरे स्थान पर है। वहां प्रति लाख आबादी पर 11.1 महिलाओं का रेप हुआ। वहीं, 15.9 की दर से राजस्थान इस लिस्ट में टॉप पर है।