NEET पेपर लीक केस में सीबीआई ने हजारीबाग के एक स्कूल के प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल को किया अरेस्ट

सीबीआई ने शुक्रवार को पेपर लीक केस में हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल डॉ.एहसान उल-हक और केंद्र अधीक्षक इम्तियाज को अरेस्ट किया है।

NEET-UG Paperleak: NEET पेपर लीक केस की जांच कर रही सीबीआई ने दूसरे दिन भी कई गिरफ्तारियां की है। सीबीआई ने शुक्रवार को पेपर लीक केस में हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल डॉ.एहसान उल-हक और केंद्र अधीक्षक इम्तियाज को अरेस्ट किया है। डॉ.एहसान नीट के हजारीबाग के जिला कोआर्डिनेटर भी थे।

सीबीआई ने बुधवार को ही ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया था। इसके बाद उनको लेकर कई जगह पूछताछ के लिए लेकर पहुंची। डॉ.एहसान से हजारीबाग के चरही गेस्ट हाउस में पूछताछ की थी।

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नीट पेपर लीक में बिहार पुलिस ने अरेस्ट किए गए अभ्यर्थियों के घर से अधजले कागज मिले थे। इसमें नीट पेपर की फोटोकॉपी भी थी। ईओयू ने जब जले हुए कागजात की पड़ताल की तो एनटीए के मूल पेपर के 68 प्रश्न हूबहू मिले। पुलिस ने आगे की जांच में पाया कि जले हुए पेपर, ओएसिस स्कूल के बुकलेट से मेल खाते हैं। इसके बाद सीबीआई के शक की सुई, ओएसिस स्कूल की ओर घुमी और जांच पड़ताल शुरू कर दी।

गुरुवार को पहली गिरफ्तारी

सीबीआई को नीट जांच सौंपे जाने के बाद सीबीआई ने गुरुवार को पटना से दो लोगों को अरेस्ट किया था। अरेस्ट किए गए पेपर लीक कांड के मनीष कुमार और आशुतोष कुमार को सीबीआई ने घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। यह सीबीआई की इस केस की पहली गिरफ्तारी थी। दरअसल, सरकार ने नीट पेपरलीक कांड को सीबीआई के हवाले कर दिया था। सोमवार को जांच एजेंसी ने नीट-यूजी परीक्षा के गड़बड़ियों से संबंधित पांच एफआईआर दर्ज किया। सीबीआई ने शिक्षा मंत्रालय की शिकायत के बाद केस रजिस्टर किया। अब सीबीआई छह मामलों की जांच कर रही है। 

NEET-UG परीक्षा शुरू से ही विवादों में रहा। परीक्षा कराए जाने के दौरान पेपर लीक का आरोप लगा लेकिन सरकार लगातार इससे नकारती रही। एनटीए द्वारा संचालित स्नातक चिकित्सा कार्यक्रमों के लिए 5 मई को आयोजित नीट-यूजी 2024 परीक्षा में लगभग 24 लाख छात्रों ने भाग लिया था। परीक्षा का रिजल्ट 4 जून को जब जारी किया तो विवाद और गहरा गया। दरअसल, 67 छात्रों के 720 अंक लाने के बाद विवाद खड़ा हो गया। आधा दर्जन से अधिक स्टूडेंट्स तो एक ही सेंटर के थे। देशव्यापी आंदोलन शुरू हो गया। हजारों की संख्या में छात्र सड़कों पर आ गए। विपक्ष ने भी नीट को मुद्दा बना दिया। अब पेपर लीक और रिजल्ट दोनों को लेकर सरकार घिरने लगी। हालांकि, इसके बाद भी शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पेपर लीक से नकारते रहे।

उधर, अधिक मार्क पाने वाले स्टूडेट्स को लेकर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने गलत प्रश्न और उम्मीदवारों को प्रश्नपत्र देरी से मिलने के कारण कुछ छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए थे।

लेकिन प्रश्नपत्र लीक होने और 1,500 से अधिक छात्रों को ग्रेस अंक दिए जाने के दावों के बीच नीट का विवाद बढ़ता ही गया। देश के विभिन्न हाईकोर्ट्स और सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर हुईं। सुप्रीम कोर्ट सख्त हुआ तो सरकार और एजेंसी बैकफुट पर आई। सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए पर सवाल उठाए।

उधर, शिक्षा मंत्री के दावों के बीच बिहार और कई अन्य राज्यों में पेपर लीक गिरोह का भंड़ाफोड़ शुरू हो गया। लगातार बढ़ रहे दबाव और सामने आ रहे सबूतों के बाद धर्मेंद्र प्रधान ने स्वीकार किया कि गड़बड़ियां हुईं हैं। इसके बाद उन्होंने एक हाईलेवल कमेटी के गठन का ऐलान करते हुए निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। संसद सत्र शुरू होने के ठीक पहले सरकार ने मामले को सीबीआई को हैंडओवर कर दिया। अब सीबीआई जांच कर रही है।

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