PFI की बड़ी साजिश का खुलासा: दशहरा पर आरएसएस मुख्यालय व BJP के टॉप लीडर्स थे हिटलिस्ट में...

पिछले हफ्ते ही देश के डेढ़ दर्जन राज्यों में पीएफआई के करीब सौ ठिकाने पर एनआईए-ईडी ने रेड किया था। एनआईए ने आरोप लगाया था कि पीएफआई देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के साथ युवाओं को ट्रेनिंग देकर आतंक के रास्ते पर ले जा रहा है। एनआईए के अनुसार वह धार्मिक युद्ध छेड़कर भारत में इस्लामिक राष्ट्र की स्थापना का सपना देख रहा है।

मुंबई। महाराष्ट्र एनआईए (Maharashtra NIA) ने खुलासा किया है कि पीएफआई ने बीजेपी के टॉप लीडर्स व आरएसएस को निशाना बनाने की साजिश रची है। दशहरा पर आरएसएस मुख्यालय व बीजेपी नेताओं को निशाना बनाने की फिराक में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) था। पूरी तैयारियां थीं लेकिन इसके पहले एनआईए ने पूरी साजिश का पर्दाफाश कर दिया। 

क्या है पीएफआई की साजिश?

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एनआईए को मिले एक नोट से पता चला है कि पीएफआई सार्वजनिक शांति भंग करने की गंभीर साजिश की योजना बनाया है। दरअसल, पापुलर फ्रंट के कई सीनियर लीडर ईएम अब्दुल रहिमान, कलीम कोया सहित तिहाड़ जेल में बंद हैं। संगठन की टॉप लीडरशिप इसलिए परेशान है। इन गिरफ्तारियों का जवाब देने के लिए पीएफआई ने सरकार के खिलाफ हिंसक जवाबी कार्रवाई करने का फैसला किया है। इसके लिए उसने 'बयाती' का सहारा लिया है। अरबी भाषा में 'बयाती' का अर्थ होता है 'मौत के एजेंट' या 'फिदायीन' जो अपने चीफ के प्रति बेहद वफादार होते है। वह अपने चीफ से प्रतिज्ञा करता है कि या तो वह मिशन को पूरा करके लौटेगा या फिर शहीद होकर ही आएगा। ऐसे आत्मघाती दस्तों को जगह-जगह एक्टिव करने की योजना थी जो एनआईए, ईडी, पुलिस व अन्य को निशाना बनाते।

पीएफआई के नेटवर्क को तोड़ने के लिए किया जा चुका है रेड

पिछले हफ्ते ही देश के डेढ़ दर्जन राज्यों में पीएफआई के करीब सौ ठिकाने पर एनआईए-ईडी ने रेड किया था। एनआईए ने आरोप लगाया था कि पीएफआई देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के साथ युवाओं को ट्रेनिंग देकर आतंक के रास्ते पर ले जा रहा है। एनआईए के अनुसार वह धार्मिक युद्ध छेड़कर भारत में इस्लामिक राष्ट्र की स्थापना का सपना देख रहा है।

दशहरे में बीजेपी व संघ नेताओं को निशाना बनाने की साजिश

एनआईए महाराष्ट्र ने बताया कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने भाजपा के शीर्ष नेताओं और पार्टी के वैचारिक संरक्षक आरएसएस को निशाना बनाने और अगले महीने दशहरा के दौरान उनके आंदोलनों की निगरानी करने की योजना बनाई है। आरएसएस का नागपुर मुख्यालय, पीएफआई के लक्ष्यों की सूची में शामिल था। पीएफआई ने विशेष रूप से महाराष्ट्र में दशहरे पर आरएसएस के वरिष्ठ नेताओं की गतिविधियों पर नजर रखने की योजना बनाई है।

असम के मुख्यमंत्री ने की है प्रतिबंध लगाने की मांग

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने पीएफआई संगठन को प्रतिबंधित करने की मांग की है। सरमा ने कहा कि इस आंतकी समूह का नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है इसलिए राज्य अकेले इससे निपटने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे में गृह मंत्रालय को इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए। पीएफआई पूरे देश में युवाओं को भटका रहा और आतंक की ट्रेनिंग दे रहा।

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