Drugs माफिया और आतंकवादियों के मददगारों के बाद अब NIA की खालिस्तानी संगठन 'SFJ' पर नकेल कसने की तैयारी

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) खालिस्तानी संगठन सिख फार जस्टिस(Sikhs for Justice-SFJ) की जांच करने कनाडा जाएगी। बता दें कि इस संगठन ने ही 26 जनवरी को लाल किले पर हुई हिंसा की साजिश रची थी। 

Amitabh Budholiya | Published : Oct 13, 2021 4:13 AM IST / Updated: Oct 13 2021, 09:46 AM IST

नई दिल्ली. Drugs माफिया, आतंकवादियों के मददगारों के बाद अब केंद्र सरकार खालिस्तान पर नकेल कसने कड़े Action में आई है। आजतक के अनुसार राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) खालिस्तानी संगठन सिख फार जस्टिस(Sikhs for Justice-SFJ) की जांच करने कनाडा जाएगी। बता दें कि इस संगठन ने ही 26 जनवरी को लाल किले पर हुई हिंसा की साजिश रची थी। यह किसान आंदोलन की आड़ में भी अपनी साजिशों को अंजाम देने में लगा है। लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में भी इसके कार्यकर्ताओं की मौजूदगी की खबर थी।

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पहले भी NIA इससे जुड़े लोगों को नोटिस भेज चुकी है
कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन की आड़ में SFJ की हिंसक गतिविधियां सामने आई हैं। दिल्ली के लाल किले पर हुई हिंसा के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इससे जुड़े 40 से  अधिक लोगों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा था। बता दें कि इसका हेड क्वार्टर अमेरिका के न्यूयॉर्क में है। माना जा रहा है कि यह संगठन ही किसान आंदोलन को गैर कानूनी तरीके से फंडिंग कर रहा है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।

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NIA मानता है कि यह हिंसा फैला रहा
दिल्ली के लाल किले पर हुई हिंसा के बाद NIA ने FIR दर्ज की थीं। इसमें कहा गया कि यह संगठन सरकार के खिलाफ विद्रोह के लिए लोगों को उकसाने का काम करता है। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी और अन्य देशों में जमीनी स्तर पर अभियान चलाकर फंड जुटाया जा रहा है। इस संगठन से जुड़े गुरपतवंत सिंह पन्नू, परमजीत सिंह पम्मा, हरदीप सिंह निज्जर NIA की नजर में हैं।

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SFJ ने रची थी लाल किले पर हिंसा की साजिश
गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी के दिन जो लाल किले पर खालिस्तान का झंडा फहराएगा उसे 2.5 लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 1.82 करोड़ रुपए)  दिया जाएगा। यह घोषणा भारत में प्रतिबंधित ग्रुप एसएफजे ने की थी। अमेरिका में स्थित यह ग्रुप खालिस्तान के रूप में भारत से पंजाब के अलगाव का समर्थन करता है। मुख्य रूप से वकील गुरपतवंत सिंह पन्नून इस ग्रुप का सक्रिय सदस्य है।

2019 में बैन कर दिया गया था
SFJ को भारत में 2019 में प्रतिबंधित कर दिया गया था। पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर भी इस संगठन ने ऐसी ही एक अपील की थी, जिसके चलते पंजाब के कुछ इलाकों में लोगों ने डिप्टी कमिश्नर के ऑफिस में खालिस्तानी झंडा भी फहरा दिया था। इन लोगों के खिलाफ तब IPC की विभिन्न धाराओं में मुकदमा भी दर्ज किया गया था।

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