निर्भया केस : जज के सामने हाथ जोड़कर रोने लगी दोषी मुकेश की मां, कहा, बेटे को छोड़ दो

निर्भया केस में सोमवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने नया डेथ वॉरंट जारी किया। दोषियों को 3 मार्च की सुबह 6 बजे फांसी दी जाएगी। जज ने मौत की नई तारीख दी तो कार्ट में दोषी मुकेश की मां रोने लगीं। उन्होंने अपने बेटे के लिए रहम की भीख मांगी। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 18, 2020 5:41 AM IST / Updated: Feb 18 2020, 11:43 AM IST

नई दिल्ली. निर्भया केस में सोमवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने नया डेथ वॉरंट जारी किया। दोषियों को 3 मार्च की सुबह 6 बजे फांसी दी जाएगी। जज ने मौत की नई तारीख दी तो कार्ट में दोषी मुकेश की मां रोने लगीं। उन्होंने अपने बेटे के लिए रहम की भीख मांगी। उन्होंने कहा कि बेटे को फांसी मत दीजिए।

दोषियों के वकील ने कहा, विनय का सिर फाड़ दिया
दोषियों के वकीलि एपी सिंह ने कहा, तिहाड़ जेल में विनय का सिर फाड़ दिया गया। वह अपनी मां को भी नहीं पहचान रहा है। आतंकियों को जेल में बिरयानी खिलाते हैं। उनका डेथ वॉरंट क्यों नहीं जारी करते हैं। इन्हें मौत देने की इतनी जल्दी क्या है। 

निर्भया के पिता ने दोषियों के वकील को कहा, पागल
दोषियों के वकील एपी सिंह की बातें सुनकर निर्भया के पिता ने कहा, कोर्ट में एपी सिंह ने निराधार दलीले दीं। एपी सिंह दोषी को पागल बता रहे हैं, हमें लगता है कि एपी सिंह ही पागल हो गए हैं।

दोषियों के वकील ने कहा, मौत से बचाने के कई विकल्प बचे हैं
दोषियों के वकील एपी सिंह ने संकेत दिए कि वे कानूनी पेंच फंसा सकते हैं। उन्होंने कहा, वे दोषी विनय की दया याचिका फिर से दाखिल करेंगे। इस पर इसमें नए तथ्य रखे जाएंगे। हालांकि, विनय की दया याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है।

क्या 3 मार्च को हो सकती है फांसी?
3 मार्च को फांसी की नई तारीख तय की गई है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या इस दिन दोषियों को फांसी होगी? ऐसे में बताते हैं कि आखिर उनके पास क्या विकल्प बचे हैं। अगर बात 
मुकेश की करें तो उसके पास कोई विकल्प नहीं बचा है। विनय की दया याचिका और क्यूरेटिव पिटीशन खारिज हो चुकी है। अक्षय की क्यूरेटिव और दया याचिका खारिज हो चुकी है। वहीं, पवन के पास अभी क्यूरेटिव और दया याचिका के दोनों विकल्प बचे हैं।

3 बार जारी हो चुका है डेथ वॉरंट
निर्भया के दोषियों को फांसी देने के लिए यह तीसरी बार डेथ वॉरंट जारी हुआ है। इससे पहले 22 जनवरी और फिर 1 फरवरी को फांसी देने के लिए डेथ वॉरंट जारी हो चुका है, लेकिन दोषियों की याचिकाओं की वजह से फांसी नहीं हुई।
 

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