राज्यपाल के इस बयान के बाद धर्म गुरुओं सहित राजनैतिक दलों ने भी राज्यपाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बीजेपी ने भी राज्यपाल की मांग पर आपत्ति जताई है। पूर्व मंत्री बिजय महापात्रा ने कहा कि मंदिर की सदियों पुरानी परंपराओं से छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए।
भुवनेश्वर: अब ओडिशा के राज्यपाल ने पुरी के जगन्नाथ मंदिर को लेकर विवादित सुझाव देकर हंगामा खड़ा करा दिया है। राज्यपाल गणेशी लाल ने पुरी के जगन्नाथ मंदिर में विदेशियों को प्रवेश की अनुमति दिए जाने का सुझाव दिया है। राज्यपाल के इस बयान के बाद धर्म गुरुओं सहित राजनैतिक दलों ने भी राज्यपाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बीजेपी ने भी राज्यपाल की मांग पर आपत्ति जताई है। पूर्व मंत्री बिजय महापात्रा ने कहा कि मंदिर की सदियों पुरानी परंपराओं से छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए।
बीजेपी नेता ने भी की राज्यपाल के बयान की आलोचना
बीजेपी नेता बिजय महापात्रा ने कहा कि "हर साल रथ यात्रा के अवसर पर जब वे मंदिर से बाहर निकलते हैं तो गैर-हिंदुओं सहित हर कोई, सहोदर देवताओं - भगवान बलभद्र, भगवान जगन्नाथ और देवी सुभद्रा- के दर्शन कर सकता है। ऐसे मामलों में कोई विवाद नहीं होना चाहिए।" हालांकि, ओडिशा के पूर्व मंत्री दामोदर राउत लाल के सुझाव का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि किसी के द्वारा देवताओं के 'दर्शन' पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए क्योंकि भगवान जगन्नाथ ब्रह्मांड के स्वामी हैं।
पुरी में राज्यपाल के बयान का विरोध...
पुरी में राज्यपाल के बयान का पुरजोर विरोध हो रहा है। कांग्रेस के सीनियर लीडर व विधायक सुरेश राउत्रय ने कहा कि धार्मिक प्रथाओं में हस्तक्षेप से राज्यपाल को बचना चाहिए। उनको ऐसे बयान नहीं देना चाहिए जो लोगों के भावनाओं को ठेस पहुंचाते हों।
राज्यपाल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
पुरी स्थित एक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन श्री जगन्नाथ सेना ने मंदिरों के शहर में राज्यपाल की टिप्पणी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। जगन्नाथ सेना के संयोजक प्रियदर्शन पटनायक ने कहा कि हमारे मन में राज्यपाल के लिए बहुत सम्मान है। लेकिन उनका प्रस्ताव अस्वीकार्य है। उन्हें विश्वास और धर्म से जुड़े संवेदनशील मुद्दों पर टिप्पणी करने से बचना चाहिए।
क्या कहा था राज्यपाल ने?
गणेशी लाल ने गुरुवार को उत्कल विश्वविद्यालय में एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर विदेशी लोग पुरी के गजपति महाराज, सेवकों और शंकराचार्य से मिल रहे हैं तो उन्हें मंदिर के अंदर भगवान जगन्नाथ के दर्शन से वंचित करने का कोई मतलब नहीं है। हालांकि, विरोध होने के बाद रविवार को राजभवन ने यू टर्न ले लिया। राजभवन के प्रवक्ता ने कहा कि राज्यपाल ने सिर्फ एक सुझाव दिया है और इससे आगे कुछ नहीं। उन्होंने कोई आदेश नहीं दिया।
पुरी जगन्नाथ मंदिर में गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित...
पुरी का जगन्नाथ मंदिर, 12वीं सदी के चार धामों में से एक है। इस मंदिर में गैर-हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है। मंदिर के गेट पर एक साइन बोर्ड स्पष्ट रूप से लिखकर टांगा गया है कि केवल हिंदुओं को अनुमति है। भगवान जगन्नाथ को सभी धर्मों का मूल माना जाता है। गुरु नानक देव, यहां भगवान के दर्शन के लिए आए थे। इसी तरह चैतन्य महाप्रभु ने 1508 में पुरी का दौरा किया और उनकी वापसी पर वैष्णववाद का प्रचार किया।
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