सार
भारती ने कहा कि तमिलनाडु में उत्तर भारतीय पानीपुरी बेचते हैं और राज्यपाल भी उन्हीं की तरह हैं। जो लोग सोन पापड़ी और पानीपुरी बेचते हैं, वे तमिलनाडु के गौरव को नहीं जानते हैं।
DMK and Governor RN Ravi controversy: तमिलनाडु में राज्यपाल आरएन रवि और डीएमके नेताओं के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। आरोप-प्रत्यारोप के दौर में भाषा की सारी मर्यादाएं पार कर दी गई हैं। शनिवार को डीएमके के संगठन सचिव आरएस भारती ने बेहद आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग कर राज्यपाल को आड़े हाथों लिया। आरएस भारती ने राज्यपाल आरएन रवि की तुलना बिहार या उत्तर भारत से तमिलनाडु आकर पानीपुरी व सोनपापड़ी बेचने वालों से कर दी है। भारती ने कहा कि अगर जयललिता की सरकार होती तो राज्यपाल बगैर पीटे यहां से नहीं जाते।
क्या कहा डीएमके नेता ने आरएन रवि के बारे में...
डीएमके नेता आरएस भारती ने कहा कि तमिलनाडु में उत्तर भारतीय पानीपुरी बेचते हैं और राज्यपाल भी उन्हीं की तरह हैं। जिस तरह प्रवासी मजदूर यहां आते हैं और कई बार पीटे जाते हैं उसी तरह अगर जयललिता जीवित होतीं तो वह पीटे बिना नहीं जाते। उन्होंने कहा कि मैंने पहले कहा था कि जो लोग सोन पापड़ी और पानीपुरी बेचते हैं, वे तमिलनाडु के गौरव को नहीं जानते हैं। मुझे पता चला कि कई लोग बिहार से आए हैं और मुझे लगता है कि राज्यपाल (आरएन रवि) भी इसी तरह से ट्रेन से आए हैं।
राज्यपाल के खिलाफ हो रहा विरोध प्रदर्शन, गेट आउट रवि के लगे पोस्टर्स
बीते दिनों राज्यपाल आरएन रवि ने पोंगल पर भेजे गए इनविटेशन पर खुद को 'तमिझगम' का राज्यपाल बताया। 12 जनवरी को पोंगल उत्सव के निमंत्रण, राज्य सरकार के बजाय केंद्र सरकार के लोगो के साथ भेजा गया था। इस निमंत्रण पत्र पर राज्यपाल आरएन रवि ने खुद को 'तमिझगा आलुनार' या 'तमिझगम के राज्यपाल' के रूप में संदर्भित किया है। राजभवन से भेजे जा रहे पोंगल आमंत्रणों पर विवाद और बढ़ गया। इसके बाद राज्यपाल के खिलाफ गेट आउट रवि के पोस्टर्स लगा दिए गए। प्रदर्शन हुआ और पुतला दहन किया गया। इसके पहले विधानसभा में स्टालिन के साथ विवाद हुआ था और वह बिना राष्ट्रगान हुए ही सदन छोड़कर चले गए थे। पढ़िए पूरी खबर...
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