सार
12 जनवरी को पोंगल उत्सव के निमंत्रण, राज्य सरकार के बजाय केंद्र सरकार के लोगो के साथ भेजे जा रहे हैं। इस निमंत्रण पत्र पर राज्यपाल आरएन रवि ने खुद को 'तमिझगा आलुनार' या 'तमिझगम के राज्यपाल' के रूप में संदर्भित किया है।
TN Governor RN Ravi controversy: तमिलनाडु के नाम को लेकर राज्य सरकार और गवर्नर आरएन रवि के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। तमिलनाडु का नाम बदलकर 'तमिझगम' करने का सुझाव देने वाले राज्यपाल आरएन रवि ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। इसको लेकर पूरे राज्य में राज्यपाल का विरोध शुरू हो चुका है। जगह-जगह 'गेट आउट रवि' के पोस्टर्स लगा दिए गए हैं। पुतला दहन किया गया है। तमिलनाडु के प्रमुख राजनीतिक दलों ने राज्यपाल आरएन रवि को तत्काल वापस बुलाने की मांग कर दी है।
राज्यपाल का इनविटेशन आग में घी का काम किया...
दरअसल, तमिलनाडु का नाम बदलने का राज्यपाल आरएन रवि कई बार सुझाव दे चुके हैं। जबकि डीएमके सहित कई अन्य राजनीतिक दल राज्यपाल के इस बयान की लगातार आलोचना कर रहे हैं। एक दिन पहले भी विधानसभा में मुख्यमंत्री स्टालिन और राज्यपाल आरएन रवि के बीच तनातनी साफ दिखी। राज्यपाल अधूरा भाषण छोड़कर चले गए, यहां तक कि राष्ट्रगान का भी इंतजार नहीं किया। मंगलवार को उन्होंने विरोध को और हवा दे दिया जब पोंगल पर भेजे गए इनविटेशन पर उन्होंने खुद को 'तमिझगम' का राज्यपाल बताया। 12 जनवरी को पोंगल उत्सव के निमंत्रण, राज्य सरकार के बजाय केंद्र सरकार के लोगो के साथ भेजे जा रहे हैं। इस निमंत्रण पत्र पर राज्यपाल आरएन रवि ने खुद को 'तमिझगा आलुनार' या 'तमिझगम के राज्यपाल' के रूप में संदर्भित किया है। राजभवन से भेजे जा रहे पोंगल आमंत्रणों पर ताजा विवाद खड़ा हो गया है।
सीपीएम सांसद ने पूछा-तमिलनाडु के लोगों से मिलने वाला भत्ता भी छोड़ें राज्यपाल
मदुरै से सीपीआई (एम) सांसद सु वेंकटेशन ने राज्यपाल आरएन रवि के विवादित आमंत्रण पत्र और बीते साल भेजे गए निमंत्रण पत्र को साझा कर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि पिछली बार निमंत्रण पत्र में तमिलनाडु सरकार का आदर्श वाक्य था। इस बार के न्यौते में तीन जगहों पर सिर्फ भारत सरकार का नारा है। तमिलनाडु शब्द का प्रयोग करने से इनकार करने वाले राज्यपाल क्या राज्यपाल को मिलने वाले अन्य भत्तों को भी हटा देंगे क्योंकि वह भी तमिलनाडु के लोगों द्वारा भुगतान किए गए टैक्स से दिया जाता है।
स्टालिन ने कार्यकर्ताओं को शांत रहने का दिया संदेश
उधर, मामला गरमाता देख मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने डीएमके कार्यकर्ताओं को राज्यपाल के खिलाफ अपशब्द या खिलाफत करने से मना किया है। स्टालिन ने चेन्नई में विधायकों के साथ मीटिंग कर राज्यपाल के खिलाफ कोई भी पोस्टर नहीं लगाने को कहा साथ ही कहा कि राज्यपाल को लेकर किसी भी तरह कि कोई टिप्पणी न की जाए। डीएमके ने एक दिन पहले ही राज्यपाल को चेतावनी देते हुए कहा कि राज्यपाल राज्य में भाजपा और आरएसएस की विचारधारा न थोपें। विधायकों ने यह भी कहा कि यह नगालैंड नहीं है, यह प्राउड तमिलनाडु है। डीएमके सांसद टीआर बालू ने कहा था कि राज्यपाल रवि को भाजपा के दूसरे प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्य करना बंद कर देना चाहिए।
सोमवार को सदन छोड़कर चले गए थे राज्यपाल
तमिलनाडु विधानसभा में सोमवार को राज्यपाल बीच में ही चले गए। राज्यपाल आरएन रवि ने विधानसभा में कहा कि राज्य का नाम तमिलनाडु के बजाय तमिझगम करना ज्यादा बेहतर होगा। इस पर सरकार में काबिज डीएमके, सहयोगी कांग्रेस और विदुथलाई चिरुथिगाल काची (VCK) के सदस्यों ने जमकर नारेबाजी की। हंगामे के बाद राज्यपाल स्पीच बीच में छोड़कर सदन से बाहर चले गए। इसके पहले मुख्यमंत्री स्टालिन ने एक प्रस्ताव पेश किया कि सदन के रिकॉर्ड में राज्यपाल का वह स्पीच ही रखा जाएगा जो राज्य सरकार द्वारा तैयार किया गया हो, अन्य हिस्सा जो राज्यपाल अपनी तरफ से जोड़ेंगे उसे निकाल दिया जाएगा।
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