ED ने जब्त किए चीनी स्मार्टफोन कंपनी Xiaomi के 5551 करोड़ रुपए, की थी यह गड़बड़ी

प्रवर्तन निदेशालय ने रॉयल्टी के नाम पर गलत तरीके से पैसे विदेश भेजने के मामले में चीनी स्मार्टफोन कंपनी Xiaomi के 5551 करोड़ रुपए जब्त कर लिया है। आरोप है कि कंपनी ने फेमा की धारा 4 का उल्लंघन किया है। फर्म ने विदेशों में पैसा भेजते समय बैंकों को भ्रामक जानकारी भी दी।

Asianet News Hindi | Published : Apr 30, 2022 10:44 AM IST / Updated: Apr 30 2022, 04:37 PM IST

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा), 1999 के प्रावधानों के तहत चीन की दिग्गज स्मार्टफोन कंपनी Xiaomi India के 5,551.27 करोड़ रुपए जब्त किए हैं। Xiaomi India चीन स्थित Xiaomi समूह की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। ईडी ने इस साल फरवरी में कंपनी द्वारा किए गए अवैध प्रेषण (Illegal Remittances) के संबंध में जांच शुरू की थी। आरोप है कि Xiaomi India ने गलत तरीके से 5,551.27 करोड़ रुपए विदेश भेजा और विदेशी मुद्रा भेजने के नियम का उल्लंघन किया। 

रॉयल्टी के नाम पर पैसे भेजे
ईडी के अनुसार, Xiaomi ने 2014 में भारत में अपना परिचालन शुरू किया और 2015 से पैसा भेजना शुरू कर दिया। कंपनी ने रॉयल्टी की आड़ में कथित तौर पर तीन विदेशी-आधारित संस्थाओं को 5551.27 करोड़ रुपए के बराबर विदेशी मुद्रा भेजा। इसमें एक Xiaomi समूह है। रॉयल्टी के नाम पर इतनी बड़ी रकम कथित तौर पर उनके चीनी मूल समूह की संस्थाओं के निर्देश पर भेजी गई थी। अमेरिका स्थित दो अन्य असंबंधित संस्थाओं को भेजे गए पैसे भी Xiaomi समूह की संस्थाओं के अंतिम लाभ के लिए थी।

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बैंकों को दी भ्रामक जानकारी
Xiaomi India, MI के ब्रांड नाम के तहत भारत में मोबाइल फोन का व्यापारी और वितरक है। Xiaomi India पूरी तरह से निर्मित मोबाइल सेट और अन्य उत्पाद भारत में निर्माताओं से खरीदता है। ईडी के अनुसार Xiaomi India ने उन तीन विदेश आधारित संस्थाओं से किसी भी सेवा का लाभ नहीं उठाया है, जिन्हें इस तरह की राशि हस्तांतरित की गई है। समूह संस्थाओं के बीच बनाए गए विभिन्न असंबंधित दस्तावेजी पहलुओं की आड़ में कंपनी ने विदेश में रॉयल्टी की आड़ में इस राशि को प्रेषित किया जो फेमा की धारा 4 का उल्लंघन है। फेमा के नागरिक कानून का उक्त खंड "विदेशी मुद्रा धारण करने" के बारे में बात करता है। ईडी ने कंपनी पर विदेशों में पैसा भेजते समय बैंकों को 'भ्रामक सूचना' देने का भी आरोप लगाया है।

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