PM नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दिया। उन्होंने पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी तक का नाम लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला किया। उन्होंने पूछा कि नेहरू सरनेम रखने में शर्मिंदगी क्यों होती है?
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। पूर्व पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू का जिक्र करते हुए पीएम ने पूछा कि नेहरू सरनेम रखने में शर्मिंदगी क्यों होती है?
पीएम के भाषण के बीच विपक्ष द्वारा नारेबाजी की गई, जिसके चलते पीएम को भाषण रोकना पड़ा। राज्यसभा के सभापति ने विपक्षी दलों के सदस्यों को शांत कराने की कोशिश की। पीएम ने कहा कि इस सदन में जो बात होती है उसे देश बहुत गंभीरता से सुनता है। सदन के कुछ लोगों का व्यवहार निराशाजनक है। उन्होंने कहा, “कीचड़ उसके पास था मेरे पास गुलाल, जो भी जिसके पास था उसने दिया उछाल। जितना कीचड़ उछालोगे कमल उतना ही खिलेगा। कमल खिलाने में आपका जो भी योगदान है उसके लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं।”
पीएम ने कहा कि कल विपक्ष के हमारे साथी मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कांग्रेस ने 60 साल में मजबूत बुनियाद बनाई। उनकी शिकायत थी कि बुनियाद हमने बनाई और क्रेडिट कोई और ले रहा है। 2014 में हम सत्ता में आए तो देखा की गड्ढे ही गड्ढे थे। कांग्रेस ने 6 दशक बर्बाद कर दिए। हम समस्याओं का स्थायी समाधान कर रहे हैं। कांग्रेस के समय गरीबों को बैंकों का अधिकार मिले इसके नाम पर बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया, लेकिन गरीबों के खाते बैंकों में नहीं खुले। जनधन योजना से हमने गरीबों को उनका हक दिया।
देश के दो लाख करोड़ रुपए बचे
पीएम ने कहा कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांस्फर से देश के 2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा पैसे बचे हैं। हमारे देश में पहले परियोजनाएं अटकाना, लटकाना और भटकाना की कार्यसंस्कृति बन गई थी। टैक्स पेयर की कमाई का नुकसान होता था। हमने टेक्नोलॉजी का प्लेटफॉर्म तैयार किया। पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान लेकर लाए। इससे इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को गति मिल रही है। हम आधुनिक भारत के निर्माण के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर का महत्व भलीभांति समझते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि कोई भी जब सरकार में आता है तो देश से कुछ करने के लिए आता है, लेकिन सिर्फ भावनाएं व्यक्त करने से बात नहीं बनती है। विकास की गति क्या है, नियत क्या है, दिशा क्या है, प्रयास क्या है और परिणाम क्या है, यह बहुत मायने रखते हैं। यह कहने से बात नहीं बनती कि हम भी कुछ करते थे। हम जनता की आवश्यकताओं के लिए प्राथमिकता के आधार पर मेहनत करते हैं।
हर गांव में पहुंचा दी बिजली
नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम मक्खन पर नहीं पत्थर पर लकीर खींचने वाले लोग हैं। हमने उन चुनौतियों को हाथ में लिया, जिसे मुश्किल जानकर कांग्रेस ने छोड़ दिया था। देश आजाद हुआ तब से 2014 तक 14 करोड़ एलपीजी कनेक्शन थे। हमने तय किया कि हर घर को एलपीजी कनेक्शन देंगे। हमने 25 करोड़ से ज्यादा परिवारों के पास गैस कनेक्शन पहुंचाए। आजादी के अनेक दशक बाद भी इस देश में 18 हजार से ज्यादा गांव ऐसे थे जहां बिजली नहीं पहुंची थी। ये गांव अधिकतर आदिवासी, जनजातीय और पहाड़ों पर बसे लोगों के थे। हमने इस चुनौती को उठाया। हमने हर गांव में बिजली पहुंचा दी। इससे लोगों को देश की व्यवस्थाओं में विश्वास पैदा हुआ। हमने मेहनत की, लेकिन मुझे खुशी है कि उन दूर-दराज के गांवों को नई आशा की किरण दिखाई दी। पहले की सरकारों में कुछ घंटे बिजली आती थी। आज हमारे देश में 22 घंटे औसत बिजली रहती है।
कांग्रेस को नकार रहा देश
मोदी ने कहा कि हमने आजादी के अमृत काल में बहुत बड़ा कदम उठाया है। हमने हर योजना के शत प्रतिशत लाभार्थियों को 100 फीसदी लाभ पहुंचाने का निर्णय किया है। इससे भेदभाव की सारी गुंजाइश खत्म होगी। भ्रष्टाचार खत्म होगा। यह तुष्टिकरण की आशंकाओं को समाप्त कर देगा। इससे समाज के आखिरी पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा होगी। देश हमारे साथ है। कांग्रेस को देश बार-बार नकार रहा है। इसके बाद भी कांग्रेस और उसके साथी साजिशों से बाज नहीं आ रहे हैं। जनता इसे देख रही है और बार-बार सजा भी दे रही है।
हमारी सरकार ने छोटे किसानों के लिए किया काम
कांग्रेस पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी राजनीति वोट बैंक के आधार पर चलती है। इसके कारण समाज की ताकत को नजरअंदाज किया गया। उन्होंने स्वरोजगार की ताकत पर ध्यान नहीं दिया। छोटे काम में जुटे करोड़ों लोगों को भुला दिया गया। मेरी सरकार ने ब्याज के चक्कर में परेशान होने वाले गरीबों की चिंता की। विश्वकर्मा समुदाय, बंजारा समुदाय जैसे समुदायों की हमने चिंता की है। इस देश के किसानों के साथ क्या बीती है। ऊपर के कुछ एक वर्ग को संभाल लेना और उन्हीं से अपनी राजनीति चलाना, यही संस्कृति रही है। इस देश की कृषि की ताकत छोटे किसानों से है। छोटे किसानों की आवाज कोई सुनने वाला नहीं था। हमारी सरकार ने छोटे किसानों को बैंकिंग से जोड़ा। आज किसानों को किसान सम्मान निधि की राशी मिल रही है। हमने पशुपालकों और मछुआरों को भी बैंकिंग से जोड़ा।
नेहरू सरनेम रखने से शर्मिंदगी क्यों है?
पीएम ने कहा, “हमारी योजनाओं के नाम पर सवाल उठाए जाते हैं। संस्कृत के शब्द आने पर भी सवाल उठाए गए। मैंने अखबार में देखा है, इसे वेरीफाई नहीं किया है। कांग्रेस के समय में 600 से अधिक योजनाओं के नाम गांधी-नेहरू पर रखे गए। अगर किसी कार्यक्रम में नेहरू का नाम नहीं आए तो उनका खून खौल जाता है। नाम लेने में हमसे अगर कोई भूल हो जाती है तो हम उसे सुधार लेंगे, लेकिन मुझे आश्चर्य होता है कि उनकी पीढ़ी का कोई व्यक्ति नेहरू सरनेम रहने से डरता क्यों है। नेहरू सरनेम रखने से क्या शर्मिंदगी है? इतना बड़ा महान व्यक्ति आपको मंजूर नहीं है। परिवार को मंजूर नहीं है। हमसे हिसाब मांगते हो। ये देश किसी परिवार की जागीर नहीं है।”
कांग्रेस ने सबसे अधिक किया आर्टिकल 356 का इस्तेमाल
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार पर राज्यों को परेशान करने के आरोप लगाए जा रहे हैं। मैं मुख्यमंत्री रहा हूं। मैं जानता हूं कि सच्चा फेडरलिज्म क्या है। कांग्रेस ने 90 बार आर्टिकल 356 का इस्तेमाल कर चुनी हुई सरकार को गिरा दिया। इंदिरा गांधी ने 50 बार आर्टिकल 356 का इस्तेमाल किया।
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देश देख रहा है कितनों पर भारी पड़ रहा हूं
विपक्ष की ओर इशारा करते हुए और सीना ठोकते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश देख रहा है एक अकेला कितनों पर भारी पर रहा है। देश के लिए जीता हूं। ये राजनीतिक खेल-खेल खेलने वाले लोग एक्सपोज हो गए हैं, वे बचने का रास्ता खोज रहे हैं। यह कहकर उन्होंने अपना भाषण खत्म किया। इसके बाद सदस्यों ने मोदी...मोदी के नारे लगाए।
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