उप्र में 24 मई तक लॉकडाउन: 1 करोड़ रेहड़ी और रिक्शा वालों को हर महीने 1 हजार रु; जानिए क्या खुला-क्या बंद

उत्तर प्रदेश में 24 मई तक लॉकडाउन रहेगा। लॉकडाउन लगाने के खिलाफ रही योगी सरकार ने पिछले 1 महीने में 5वीं बार इसे बढ़ाया है। अब तक 17 मई तक लॉकडाउन था। सरकार ने फैसला किया है कि वह 1 करोड़ रेहड़ी-पटरी और रिक्शा वालों को हर महीने एक हजार रुपए देगी। इसके अलावा जरूरतमंदों को कम्युनिटी किचन के जरिए भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। 
 

Asianet News Hindi | Published : May 15, 2021 4:00 PM IST / Updated: May 15 2021, 09:38 PM IST

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में 24 मई तक लॉकडाउन रहेगा। लॉकडाउन लगाने के खिलाफ रही योगी सरकार ने पिछले 1 महीने में 5वीं बार इसे बढ़ाया है। अब तक 17 मई तक लॉकडाउन था। सरकार ने फैसला किया है कि वह 1 करोड़ रेहड़ी-पटरी और रिक्शा वालों को हर महीने एक हजार रुपए देगी। इस योजना का लाभ ठेला, दिहाड़ी मजदूरों, पल्लेदार, नाविकों, नाई, धोबी, मोची, हलवाई आदि कामगारों को भी मिलेगा। इसके अलावा जरूरतमंदों को कम्युनिटी किचन के जरिए भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। 

नई गाइडलाइन के मुताबिक, 24 मई तक सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान बंद रहेंगे। लेकिन 20 मई से बेसिक को छोड़कर सभी शिक्षण संस्थाओं में ऑनलाइन क्लासेस शुरू हो सकेंगी। 

ये सेवाएं खुली रहेंगी
लॉकडाउन के दौरान इमरजेंसी और वैक्सीनेशन सेवाएं खुली रहेंगी। लोगों को अस्पताल, राशन और मेडिकल सुविधाएं भी मिलती रहेंगी। इसके अलावा औद्योगिक गतिविधियों को भी छूट रहेगी। 
- इसके अलावा मेडिकल और जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति से जुड़े ट्रांसपोर्टेशन भी जारी रहेंगे। 

बनवाना होगा पास
- लॉकडाउन के दौरान पहले जैसे ही जरूरी वस्तुओं के आवागमन के लिए पास जारी होगा। rahat.up.nic/epass पर जाकर ऑनलाइन पास के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टॉफ, अस्पताल के अन्य कर्मचारी, मेडिकल दुकान और व्यवसाय से जुड़े लोग, ई-कॉमर्स, मेडिकल इमरजेंसी, दूरसंचार सेवा, डाक सेवा, प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, इंटरनेट मीडिया से जुड़े कर्मचारियों को ई पास की जरूरत नहीं है। वे अपने संस्थान का आई कार्ड दिखाकर जा सकते हैं। 

स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सुधारने पर सरकार का जोर
सरकार का जोर स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने का है। राज्य में हर अस्पताल में मौजूदा संख्या से दोगुना बेड की संख्या करने पर जोर दिया जा रहा है। इसके अलावा अस्पतालों में डॉक्टर्स व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या बढ़ाने पर काम होगा। हर जिले में कम से कम एक ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे। होम आइसोलेशन में मरीजों को दिक्कत न हो इसके लिए स्पेशल टीम बनाई जाएगी।

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