NIA के एक्शन से डरे PFI के बंद के बीच केरल से तमिलनाडु तक उपद्रव, केंद्रीय मंत्री का तल्ख ट्वीट- Full stop

22 सितंबर को NIA के नेतृत्व में मल्टी-एजेंसी टीमों ने 15 राज्यों में 93 स्थानों पर एक साथ छापेमारी कर PFI के 106 पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया था। इस टीम में प्रतर्वन निदेशालय(ED) भी शामिल था।

Amitabh Budholiya | Published : Sep 23, 2022 3:34 AM IST / Updated: Sep 23 2022, 01:01 PM IST

तिरुवनन्तपुरम(Thiruvananthapuram). टेरर फंडिंग और देशविरोधी गतिविधियों के चलते केंद्र सरकार के राडार पर आए चरमपंथी मुस्लिम संगठन पुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया(PFI) ने 23 सितंबर को केरल राज्य बंद का ऐलान किया है। इस बीच उपद्रव की खबर है। केरल से लेकर तमिलनाडु तक तोड़फोड़ की गई है। तमिलनाडु में भाजपा दफ्तर पर हमला हुआ है। कोच्चि में सरकारी बसों पर पथराव किया गया। तिरुवनंतपुरम में भी हिंसा हुई है।

केंद्रीय मंत्री का तल्ख बयान
PFI की संदिग्ध देशविरोधी गतिविधियों को लेकर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी, कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने एक tweet करके सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने लिखा-जो लोग सोचते हैं कि वे भारत और भारतीयों को डराने के लिए हिंसा का इस्तेमाल कर सकते हैं, वे भ्रम में हैं। पीएफआई एक ऐसा संगठन है, जिसने बार-बार साबित किया है कि वे भारत और कुछ समुदायों के खिलाफ हिंसा करेंगे। वे प्रबल नहीं होंगे। फुल स्टॉप।

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यह भी जानें
कोल्लम में मोटर साइकिल सवार PFI कार्यकर्ताओं ने 2 पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। केरल हाईकोर्ट ने राज्यव्यापी बंद बुलाने के लिए PFI के नेताओं के खिलाफ सुओ मोटो एक्शन यानी स्वत: संज्ञान लिया है। केरल HC के आदेश के मुताबिक कोई भी बिना अनुमति के बंद का आह्वान नहीं कर सकता है। इधर, PFI के बंद को देखते हुए कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा रोक दी थी। इस पर भाजपा ने कहा कि इस्लामिक जिहादी संगठनों ने हड़ताल बुलाई और कांग्रेस ने पद यात्रा रोक दी, इससे घटिया और शर्मनाक कुछ नहीं है।

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हालांकि इसे लेकर राज्य पुलिस ने उसे सख्त चेतावनी दी थी। बता दें कि 22 सितंबर को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी(NIA) के नेतृत्व में मल्टी-एजेंसी टीमों ने देश में आतंकी गतिविधियों को कथित रूप से समर्थन देने(Terror funding and training) के आरोप में 15 राज्यों में 93 स्थानों पर एक साथ छापेमारी कर PFI के 106 पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया था। इस टीम में प्रतर्वन निदेशालय(ED) भी शामिल था। अधिकारियों ने कहा कि PFI के गढ़ केरल में सबसे ज्यादा 22 गिरफ्तारियां हुई हैं।  गिरफ्तार किए गए लोगों में पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष सीपी मोहम्मद बशीर, राष्ट्रीय अध्यक्ष ओएमए सलाम, राष्ट्रीय सचिव नसरुद्दीन एलमारम, पूर्व अध्यक्ष ई अबूबकर और अन्य शामिल हैं। 

केरल पुलिस ने दी PFI को कानून तोड़ने पर कड़े एक्शन की चेतावनी
चरमपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने NIA और ED की छापामार कार्रवाई के विरोध में शुक्रवार(23 सितंबर) को राज्यव्यापी बंद का ऐलान किया था। इसके बाद केरल पुलिस ने राज्य में सुरक्षा कड़ी कर दी है और जिला पुलिस प्रमुखों को कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। देश में आतंकी गतिविधियों को कथित रूप से समर्थन देने के आरोप में  PFI अपने नेताओं के कार्यालयों और आवासों पर छापेमारी और गिरफ्तारी का विरोध कर रही है।

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केरल पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राज्य में सभी पुलिसकर्मियों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किया गया है। इस बीच, राज्य द्वारा संचालित केएसआरटीसी बस सेवा ने सूचित किया है कि यह हमेशा की तरह काम करेगा। परिवहन निगम ने कहा कि यदि आवश्यक हो तो अस्पतालों, हवाई अड्डों और रेलवे स्टेशनों के लिए विशेष सेवाओं की व्यवस्था की जाएगी और जरूरत पड़ने पर पुलिस सुरक्षा भी मांगी जाएगी।

केरल लोक सेवा आयोग (पीएससी) पहले ही कह चुका था कि है कि हड़ताल की घोषणा के बावजूद 23 सितंबर होने वाली परीक्षाओं में कोई बदलाव नहीं होगा। इस बीच, एमजी विश्वविद्यालय, केरल विश्वविद्यालय और कन्नूर विश्वविद्यालय ने कल (23 सितंबर) को होने वाली परीक्षाओं को स्थगित कर दिया था। नई तारीखों की घोषणा बाद में की जाएगी। केरल नर्सिंग काउंसिल ने भी परीक्षा स्थगित कर दी गई हैं। बंद के दौरान दूध सप्लाई और अखबार बंटते रहेंगे।

पीएफआई ने गुरुवार को कहा था कि राज्य में 23 सितंबर को संघ(RSS) द्वारा नियंत्रित फासीवादी सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग करके असंतोषजनक आवाजों को चुप कराने के प्रयास के खिलाफ हड़ताल की जाएगी। PFI के राज्य महासचिव ए अब्दुल सथर(A Abdul Sathar) ने बयान में कहा कि हड़ताल सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक होगी। इससे पहले गुरुवार को पीएफआई कार्यकर्ताओं ने उन जगहों पर मार्च निकाला था, जहां छापे मारे गए थे। इन्होंने  केंद्र और उसकी जांच एजेंसियों के खिलाफ नारेबाजी भी की थी। हालांकि, सुरक्षा को मजबूत करने के हिस्से के रूप में ऐसे सभी स्थानों पर केंद्रीय बलों को पहले से ही तैनात किया गया था।

(यह तस्वीर 22 सितंबर के प्रदर्शन की है)

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