पीएम मोदी को Israel के प्रधानमंत्री ने दिया gajab ka anokha ऑफर, सोशल मीडिया पर वीडियो क्लिप वायरल

जलवायु परिवर्तन (Climate change) पर COP26 शिखर सम्मेलन में ग्लासगो (Glasgow) में विश्व के तमाम देशों के नेता जुटे थे। सम्मेलन के पहले इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात हुई।

Asianet News Hindi | Published : Nov 2, 2021 3:16 PM IST / Updated: Nov 02 2021, 09:12 PM IST

ग्लासगो। पीएम मोदी (PM Modi) की ब्रिटेन यात्रा (Britain Visit) के दौरान दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर तो बातचीत हुई ही विश्व के नेता जब मिले तो आपस में हंसी-मजाक करने में भी पीछे नहीं रहे। इजरायल (Israel) के पीएम नफ्ताली बेनेट (Naftali Bennett) और मोदी के बीच इसी तरह की अनौपचारिक बातचीत का क्लिप वायरल हो रहा है। इस बातचीत में नफ्ताली ने पीएम मोदी की लोकप्रियता की तारीफ करते हुए उनको अपने देश में आकर उनकी पार्टी में शामिल होने का न्योदा तक दे डाला। 

गंभीर मुद्दों पर चर्चा के बाद हंसी-मजाक

जलवायु परिवर्तन (Climate change) पर COP26 शिखर सम्मेलन में ग्लासगो (Glasgow) में विश्व के तमाम देशों के नेता जुटे थे। सम्मेलन के पहले इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात हुई। इस द्विपक्षीय वार्ता में दोनों नेताओं ने गंभीर मुद्दों पर चर्चा के साथ बेहद दोस्ताना तरीके से हंसी-मजाक भी किया। इस बातचीत का क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें इजरायल के पीएम, भारत के पीएम को एक ऑफर देते नजर आ रहे हैं।

 

आईए आप हमारी पार्टी में शामिल हो जाइए

द्विपक्षीय वार्ता (bilateral meeting) से पहले प्रधान मंत्री मोदी और इजरायल के प्रधान मंत्री नफ्ताली बेनेट ने गर्मजोशी से एक-दूसरे का स्वागत किया। फिर वीडियो क्लिप में यह नफ्ताली कह रहे हैं कि आप इजरायल में सबसे लोकप्रिय व्यक्ति हैं। बेनेट ने मोदी से कहा, "आप इजरायल आएं और हमारी पार्टी में शामिल हों।" नफ्ताली बेनेट की बात सुनकर मोदी अपनी हंसी नहीं रोक पाए। बेनेट और मोदी दोनों हंस पड़े।

COP26 शिखर सम्मेलन को ग्लासगो में किया संबोधित

पीएम मोदी ने स्कॉटलैंड के ग्लासगो शहर में COP26 शिखर सम्मेलन में कहा कि जलवायु संकट के प्रति दुनिया की रणनीति में अनुकूलन भी शामिल होना चाहिए, न कि केवल शमन। उन्होंने कहा कि वैश्विक जलवायु बहस में अनुकूलन को उस तरह का महत्व नहीं मिला है जो शमन को मिला है। यह उन विकासशील देशों के साथ अन्याय है जो जलवायु परिवर्तन से अधिक प्रभावित हैं। हमें अनुकूलन को अपनी विकास नीतियों और परियोजनाओं का प्रमुख घटक बनाने की आवश्यकता होगी।

पीएम मोदी ने कहा, "भारत की तरह ही, अधिकांश विकासशील देशों के लिए जलवायु कृषि क्षेत्र के लिए एक बड़ी चुनौती है। फसल के पैटर्न में बदलाव, बेमौसम बारिश और बाढ़, या नियमित आंधी से फसलें नष्ट हो जाती हैं।" उन्होंने सूचीबद्ध किया कि कैसे भारत सरकार की सभी के लिए नल का पानी, स्वच्छ भारत मिशन और सभी के लिए स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन जैसी परियोजनाओं ने "हमारे नागरिकों को न केवल अनुकूलन लाभ प्रदान किया है, बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार किया है"।

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