PM ने बंटवारे को बताया भयंकर त्रासदी, 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मनाया जाएगा 14 अगस्त

Published : Aug 14, 2021, 11:34 AM ISTUpdated : Feb 05, 2022, 03:25 PM IST
PM ने बंटवारे को बताया भयंकर त्रासदी, 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मनाया जाएगा 14 अगस्त

सार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को बंटवारे को एक भीषण त्रासदी बताते हुए हर साल 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस(PartitionHorrorsRemembranceDay) के तौर पर मनाने का ऐलान किया है।

नई दिल्ली. भारत अपनी आजादी का 75वां वर्ष अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने देश के बंटवारे को एक भयंकर त्रासदी बताया है। उन्होंने हर साल 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस (PartitionHorrorsRemembranceDay) के तौर पर मनाने का ऐलान किया है।

देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी। उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है।

नफरत और हिंसा की वजह से विस्थापन
मोदी ने tweet के जरिये अपनी भावना व्यक्त करते हुए लिखा-देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी। उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है। #PartitionHorrorsRemembranceDay का यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी।

#PartitionHorrorsRemembranceDay का यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी।

पाकिस्तान मनाता है 14 अगस्त को अपनी आजादी का दिन
14 अगस्त, 1947 की रात 12 बजे के बाद जैसे ही तारीख 15 अगस्त हुई; भारत की आजादी की घोषणा की दी गई थी। पाकिस्तान 14 अगस्त को अपनी आजादी का जश्न मनाता है। बंटवारे के दौरान हुई हिंसा में करीब 10 लाख लोग मारे गए थे। 1.45 करोड़ लोग अपना घर-बार छोड़कर बहुमत संप्रदाय वाले देश में शिफ्ट हो गए थे।

twitter पर बंटवारे का दर्द
बंटवारे का दर्द सोशल मीडिया पर भी वायरल है। Neelkant Bakshi ने लिखा-सब लड़े तिरंगे के लिए...पर नेहरू और जिन्नाह की सत्ता की भूख ने देश बांट दिया, वो भी धर्म के नाम पर। मारकाट को हमारे परिवारों ने भुगता और उसे नापाक इरादों वाली धर्मनिरपेक्षता की चादर से ढंक दिया गया! 

बिहार विधानसभा से विधायक देवेश कुमार ने tweet किया-14 अगस्त, 1947 का दिन विश्व इतिहास के सबसे वीभत्स दिनों में से एक माना जाता है। पहली बार किसी देश का विभाजन मजहब के आधार पर हुआ था। लाखों लोगों ने अपने प्राण गंवाए, करोड़ों लोगों ने पलायन और विस्थापन का दंश झेल कर सरहद पार किया। आज उनलोगों के बलिदान और त्याग को प्रधानमंत्री ने सच्ची श्रद्धांजलि दी है। इतिहास में ऐसे दिवस को विस्मृत कर दिया गया था। आजादी के 75वें महोत्सव पर उन्होंने 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के तौर पर मनाने का निर्णय लिया है। 14 अगस्त, 1947 की कभी पुनरावृत्ति नहीं हो और लाखों बलिदानों के प्रति हमारा यह सम्मान है। #PartitionHorrorsRemembranceDay का यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी।

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