देश ही नहीं, विदेशों में भी कैसे जीतें ग्राहकों का दिल...पीएम मोदी ने LinkedIn पर शेयर किया आइडिया

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आत्मनिर्भर भारत को लेकर  LinkedIn पर अपने कुछ विचार शेयर किए, जिससे देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में अपने उत्पादों के दम पर ग्राहकों का दिल जीता जाए। पीएम मोदी ने लिखा, कुछ वक्त पहले उन्होंने मेट्रोलॉजी पर नेशनल कॉन्क्लेव को संबोधित किया था।

Asianet News Hindi | Published : Jan 5, 2021 4:28 PM IST / Updated: Jan 05 2021, 10:20 PM IST

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आत्मनिर्भर भारत को लेकर  LinkedIn पर अपने कुछ विचार शेयर किए, जिससे देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में अपने उत्पादों के दम पर ग्राहकों का दिल जीता जाए। पीएम मोदी ने लिखा, कुछ वक्त पहले उन्होंने मेट्रोलॉजी पर नेशनल कॉन्क्लेव को संबोधित किया था। उन्होंने कहा, यह एक महत्वपूर्ण विषय है, भले ही इस पर व्यापक रूप से चर्चा न की गई हो।

पीएम मोदी ने कहा, अपने संबोधन के दौरान, मैंने जिन विषयों पर बात की थी, उनमें मेट्रोलॉजी यानी माप का अध्ययन भी था। यह हमारे उद्यमियों के लिए एक आत्मनिर्भर भारत और आर्थिक समृद्धि की दिशा में योगदान कर सकता है।
 
भारत  कौशल और प्रतिभा का पावर हाउस
पीएम मोदी ने कहा था, भारत कौशल और प्रतिभा का एक पावर हाउस है। हमारे स्टार्ट-अप्स उद्योग की सफलता हमारे युवाओं के अभिनव उत्साह को दर्शाती है। नए उत्पाद और सेवाएं तेजी से शुरू की जा रही हैं। 

पीएम ने कहा, घरेलू और विश्व स्तर पर बाजार भी हैं, जिनका इस्तेमाल किया जा सकता है। दुनिया आज सस्ती, टिकाऊ और प्रयोग करने योग्य उत्पादों की खोज में है। आत्मानिभर भारत पैमाने और मानकों के दोहरे सिद्धांतों पर टिका है।

भारतीय उत्पाद जीतें ग्राहकों का दिल
पीएम ने कहा, हम और बनाना चाहते हैं। साथ ही हम ऐसे उत्पाद बनाना चाहते हैं जो अच्छी गुणवत्ता के हों। भारत केवल अपने उत्पादों के साथ वैश्विक बाजारों को भरना नहीं चाहता है। बल्कि हम ऐसे उत्पाद चाहते हैं, जो दुनिया भर में लोगों के दिल को जीतें। जब हम मेक इन इंडिया की बात करते हैं, तो हमारा उद्देश्य न केवल वैश्विक मांग को पूरा करना है, बल्कि वैश्विक स्वीकृति भी प्राप्त करना है। मैं आप सभी से आग्रह करूंगा कि आप किसी भी उत्पाद या सेवा में ''जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट''के बारे में सोचें।

पीएम ने कहा, आज, दुनिया हमारा बाजार है। भारत के लोगों में क्षमता है। एक राष्ट्र के रूप में दुनिया भारत की विश्वनीयता पर भरोसा करती है। 

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