Summit for Democracy: मोदी ने किया tweet-भारत डेमोक्रेटिक वैल्यूज की मजबूती के लिए साथ में काम करने को तैयार

अमेरिका (America) द्वारा आयोजित लोकतंत्र सम्मेलन (Summit for Democracy) में शामिल होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM MODI) ने खुशी जाहिर करते हुए एक tweet किया। इसमें लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए भारत के हमेशा साथ रहकर काम करने की बात कही। समिट का उद्घाटन 9 दिसंबर को हुआ। यह 10 दिसंबर तक है।

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने अमेरिका (America) द्वारा आयोजित लोकतंत्र सम्मेलन (Summit for Democracy) में शामिल होने पर खुशी जाहिर की है। यूएस (USA) में होने वाली समिट के लिए अमेरिकी प्रेसिडेंट जो बिडेन (President Joe Biden) ने भारत को भी निमंत्रण भेजा था। इस वर्चुअल समिट में ताइवान (Taiwan), पाकिस्तान (Pakistan) समेत 110 देश शामिल हैं। लेकिन 'समिट फॉर डेमोक्रेसी' के लिए चीन (China) को इनविटेशन नहीं मिला है। पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने ऐलान किया कि वो समिट में हिस्सा नहीं लेगी। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, इमरान सरकार ने समिट के बायकॉट का फैसला चीन के समर्थन में किया है। चीन को अमेरिका ने निमंत्रण नहीं दिया था।

मोदी ने किया ये tweet 
राष्ट्रपति बिडेन के निमंत्रण पर लोकतंत्र के शिखर सम्मेलन में भाग लेने पर प्रसन्नता हुई। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत बहुपक्षीय मंचों सहित विश्व स्तर पर लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने के लिए अपने भागीदारों के साथ काम करने के लिए तैयार है। भारत को बेहतर बनाने के लिए तैयार है।

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दमनकारी नीतियों पर बोले बिडेन
समिट का उद्घाटन 9 दिसंबर को हुआ। यह 10 दिसंबर तक है। समिट का उद्घाटन करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बिडेन ने कहा कि बड़े स्तर पर एक ट्रेंड गलत दिशा में जा रहा है कि लोकतंत्र को चैम्पियन की जरूरत है। हम इंफ्लेशन पॉइंट(महंगाई के स्तर) पर खड़े हैं। 

बिडेन ने कहा कि दमनकारी नीतियों और प्रथाओं से निपटने एक अधिक कुशल तरीके की जरूरत है। बिडेन ने 2020 में आई फ्रीडम हाउस की रिपोर्ट का हवाला देकर कहा कि ग्लोबल फ्रीडम एंड रिट्रीट के लगातार 15वें साल को चिह्नित किया। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस की एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी लोकतंत्र देशों में से आधे ने पिछले 10 सालों में लोकतंत्र के कम से कम 1 पहलू में गिरावट का अनुभव किया, इसमें अमेरिका भी शामिल है।

चीन ने दिखाई नाराजगी
समिट में नहीं बुलाए जाने पर चीन ने अमेरिका पर नाराजगी जताई है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वेंग वेनबिन(Wang Wenbin) ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इससे यह साबित हो गया है कि अमेरिका लोकतंत्र का राजनीतिकरण कर इसे हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है। चीन ने गुस्से में कहा कि अमेरिका पूरी दुनिया में लोकतंत्र का ठेका नहीं ले सकता। इस आयोजन का मकसद दुनिया को विभाजित करना है।

इन पर हो सकती है चर्चा
सूत्रों के मुताबिक, अफगानिस्तान और म्यामांर को लेकर 'समिट फॉर डेमोक्रेसी' में अहम चर्चा हो सकती है। दोनों देशों में हाल ही में लोकतांत्रिक सरकारों को उखाड़ कर सत्ता हासिल की गई है। इसके अलावा व्हाइट हाउस ने तीन प्रमुख विषयों का बैठक के लिए जिक्र किया है जिसमें 'अधिनायकवाद के खिलाफ बचाव', 'भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग' और 'मानवाधिकारों के लिए सम्मान बढ़ाना' शामिल है।  

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