प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) 22 सितंबर को अमेरिकी दौरे पर जा रहे हैं। इस दौरान वे बाइडेन के अलावा कमला हैरिस और Apple चीफ टिम कुक से भी मुलाकात करेंगे।
नई दिल्ली. जो बाइडेन(Joe Biden) के अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की उनसे पहली बार मुलाकात होगी। मोदी 22 सितंबर को अमेरिका के दौरे पर जा रहे हैं। वे 23 सितंबर को वॉशिंगटन डीसी में बाइडेन से मिलेंगे। बता दें कि बाइडेन ने इसी जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति का पद संभाला था। मोदी अमेरिकी की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस(Kamala Harris) के अलावा Apple चीफ टिम कुक(Tim Cook) से भी मुलाकात करेंगे।
कमला हैरिस भारतीय मूल की हैं
कमला हैरिस भारतीय मूल से हैं, जो पहली बार अमेरिका में इस तरह के पद पर पहुंची हैं। हालांकि हैरिस और कुक से मोदी की मुलाकात की अभी आधिकारिक पुष्टि(official confirmation) नहीं हुई है। माना जा रहा है कि मोदी अमेरिका के बड़े उद्योगपतियों से भी मिलकर भारत में निवेश की बात रख सकते हैं। प्रधानमंत्री आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्काट मारिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा से भी मुलाकात करेंगे। मोदी 24 सितंबर को वाशिंगटन में इन-पर्सन क्वाड लीडर्स समिट में शामिल होंगे।
क्वाड देशों की बैठक
बता दें कि क्वाड देशों की बैठक में भारत और अमेरिका के अलावा ऑस्ट्रेलिया और जापान भी शामिल हैं। इस बैठक में अफगानिस्तान और आतंकवाद के मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है। 24 सितंबर की रात मोदी वाशिंगटन से न्यूयॉर्क के लिए रवाना होंगे। 25 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में शामिल होंगे।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने की थी मोदी से मुलाकात
इससे पहले 28 जुलाई को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी। विदेश मंत्री ब्लिंकेन ने राष्ट्रपति बाइडेन और उपराष्ट्रपति हैरिस की तरफ से प्रधानमंत्री मोदी का अभिवादन किया था। उन्होंने प्रधानमंत्री को रक्षा, समुद्री सुरक्षा, व्यापार एवं निवेश, जलवायु परिवर्तन और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत अमेरिका सामरिक संबंधों को और मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता जाहिर की थी।विदेश मंत्री ब्लिंकेन ने भारत और अमेरिका के बीच व्यापक द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर तालमेल बढ़ने और इस तालमेल के ठोस व व्यावहारिक सहयोग में तब्दील करने के लिए दोनों सामरिक सहयोगियों की प्रतिबद्धता की सराहना की थी। तब प्रधानमंत्री ने कहा था कि कोविड-19 के चलते पैदा चुनौतियों, वैश्विक आर्थिक सुधार और जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में आने वाले वर्षों में भारत-अमेरिका सामरिक भागीदारी का व्यापक वैश्विक महत्व होगा।
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