सार

खेल राज्यों का विषय है और बातचीत का समग्र उद्देश्य राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से शारीरिक रूप से शक्त खिलाड़ियों और पैरा-एथलीटों के लिए होगी।

नई दिल्ली. केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर देश में खेलों को और बढ़ावा देने पर चर्चा करने के लिए सोमवार को देश के राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के खेल मंत्रियों के साथ बातचीत करेंगे। बातचीत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की जाएगी। टोक्यो में हुए ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों में देश को मिली बड़ी सफलता के बाद ठाकुर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जानेंगे कि आगे की राह क्या हो सकती है और वे भारत को एक शीर्ष खेल राष्ट्र बनाने के मिशन में कैसे योगदान देंगे। 

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खेल राज्यों का विषय है और बातचीत का समग्र उद्देश्य राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से शारीरिक रूप से शक्त खिलाड़ियों और पैरा-एथलीटों के लिए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन के साथ-साथ जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं की पहचान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आग्रह करना होगा। स्कूल स्तर पर खेलों को बढ़ावा देना और स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआई) को सहायता चर्चा का एक अन्य प्रमुख बिंदु होगा। राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों से खिलाड़ियों के लिए नकद पुरस्कारों का एक पूल बनाने का भी अनुरोध किया जाएगा, जहां केंद्र और राज्य दोनों सरकारें धन जमा कर सकती हैं।

2018 में पहली बार आयोजित किया गया खेलो इंडिया गेम्स भारत में जमीनी स्तर की खेल प्रतियोगिताओं के लिए एक प्रमुख गेम-चेंजर रहा है। तब से, कई बार खेलो इंडिया गेम्स का आयोजन किया गया है जिसमें यूथ, यूनिवर्सिटी और विंटर गेम्स शामिल हैं। खेलो इंडिया कार्यक्रम में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में खेलो इंडिया राज्य उत्कृष्टता केंद्रों (केआईएससीई) तथा खेलो इंडिया केंद्रों (केआईसी) के रूप में कई खेल बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करना भी शामिल है।

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वर्तमान में, 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 24 केआईएससीई हैं, जबकि देश के विभिन्न जिलों में 360 केआईसी खोले गए हैं। सोमवार की बैठक में, श्री ठाकुर इन घटनाक्रमों पर विस्तार से चर्चा करेंगे और राज्यों से भारत के भविष्य के चैंपियनों को सर्वोत्तम कोचिंग, बुनियादी ढांचे, चिकित्सा सुविधाओं आदि सहित सभी महत्वपूर्ण सुविधाओं के साथ अपनी पूरी क्षमता से योगदान करने के लिए कहेंगे। खेल प्रतियोगिताओं के साथ-साथ प्रखंड एवं जिला स्तर पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शैक्षणिक संस्थानों में नवोदित प्रतिभाओं की शीघ्र पहचान करना चर्चा का एक दूसरा प्रमुख एजेंडा होगा।