भारत में समग्र विकास का माध्यम बन रहा श्रीअन्न, 2.5 करोड़ किसानों को हो रहा सीधा लाभ: नरेंद्र मोदी

दिल्ली में आयोजित ग्लोबल मिलेट्स कॉन्फ्रेंस (Global Millets Conference) में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि श्रीअन्न भारत में समग्र विकास का माध्यम बन रहा है। इससे 2.5 किसानों को सीधा लाभ मिल रहा है।

Vivek Kumar | Published : Mar 18, 2023 6:58 AM IST / Updated: Mar 18 2023, 12:34 PM IST

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को दिल्ली के इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च सेंटर में आयोजित ग्लोबल मिलेट्स कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीअन्न (मिलेट्स) भारत में समग्र विकास का माध्यम बन रहा है। इससे देश के 2.5 करोड़ किसानों को सीधा लाभ हो रहा है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, "भारत में मिलेट्स की पैदावार से करीब 2.5 करोड़ किसान जुड़े हुए हैं। इनमें से अधिकतर छोटे किसान हैं। आजादी के बाद पहली बार किसी सरकार ने मिलेट्स पैदा करने वालों किसानों की परवाह की है। मिलेट्स के प्रोडक्ट गांव से निकलकर मॉल और सुपरमार्केट में पहुंच रहे हैं। इससे युवाओं को रोजगार मिल रहा है और छोटे किसानों को मदद मिल रही है।"

मिलेट्स को दी गई है श्रीअन्न की पहचान

पीएम ने कहा, "मुझे खुशी है कि आज विश्व जब 'इंटरनेशनल मिलेट इयर' मना रहा है तो भारत इस अभियान की अगुवाई कर रहा है। भारत में मिलेट्स या मोटे अनाज को अब श्रीअन्न की पहचान दी गई है। यह केवल खेती या खाने तक सीमित नहीं है। श्रीअन्न भारत में समग्र विकास का माध्यम बन रहा है।"

मोदी ने कहा, "जब हम योग को लेकर आगे बढे तो हमने ये भी सुनिश्चित किया कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के जरिए पूरे विश्व को उसका लाभ मिले। आज दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में योग को अधिकृत रूप से बढ़ावा मिल रहा है। दुनिया के 30 से ज्यादा देश आयुर्वेद को मान्यता दे चुके हैं।"

यह भी पढ़ें- मनीष सिसोदिया के परिवार से घर खाली कराने पर AAP ने कहा- कानून का होगा पालन, LG पर जमकर साधा निशाना

मानव और मिट्टी, दोनों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने की गारंटी देते हैं मिलेट्स

नरेंद्र मोदी ने कहा, "मिलेट्स मानव और मिट्टी, दोनों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने की गारंटी देते हैं। मिलेट्स की एक ताकत पर्यावरण की चुनौतियों का सामना करना भी है। बहुत विकट पर्यावण परिस्थिति में भी मिलेट्स का उत्पादन आसानी से हो जाता है। इसे उगाने में पानी की कम लागत आती है। पानी की कमी वाले इलाके में यह पंसदीदा फसल बन जाती है। ज्यादातर मिलेट्स को उगाना आसान होता है। इसमें खर्च भी बहुत कम होता और दूसरी फसलों की तुनला में ये जल्दी तैयार भी हो जाते हैं। इसमें पोषण अधिक होता है और ये स्वाद में भी खास होते हैं।

यह भी पढ़ें- पुदुचेरी के CM ने की घोषणा- सरकारी बस में यात्रा करने पर महिलाओं को नहीं लगेगा किराया, छात्रों को मिलेगा कम्प्यूटर

Share this article
click me!