PM मोदी ने किया अंडमान-चेन्‍नई ऑप्टिकल फाइबर केबल का उद्घाटन, जानिए समुद्र के नीचे कैसे बिछाई गई केबल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर को जोड़ने वाली सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, आज अंडमान को जो सुविधा मिली है, उसका बहुत बड़ा लाभ वहां जाने वाले टूरिस्टों को भी मिलेगा।

Asianet News Hindi | Published : Aug 10, 2020 4:09 AM IST / Updated: Aug 10 2020, 11:10 AM IST

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर को जोड़ने वाली सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, आज अंडमान को जो सुविधा मिली है, उसका बहुत बड़ा लाभ वहां जाने वाले टूरिस्टों को भी मिलेगा। बेहतर नेट कनेक्टिविटी आज किसी भी टूरिस्ट डेस्टिनेशन की सबसे पहली प्राथमिकता हो गई।

पीएम ने कहा, नेता जी सुभाषचंद्र बोस को नमन करते हुए, करीब डेढ़ वर्ष पहले मुझे सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल परियोजना के शुभारंभ का अवसर मिला था। मुझे खुशी है कि अब इसका काम पूरा हुआ है और आज इसके लोकार्पण का भी सौभाग्य मुझे मिला है। इससे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, आज, 10 अगस्त अंडमान और निकोबार द्वीप की बहनों और भाइयों के लिए एक खास दिन है।

समुद्री सीमा से जुड़े क्षेत्रों का हो तेजी से विकास
पीएम ने कहा, हमारा समर्पण रहा है कि राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े बॉर्डर एरिया और समुद्री सीमा से जुड़े क्षेत्रों का तेजी से विकास हो। अंडमान निकोबार को बाकी देश और दुनिया से जोड़ने वाला ये ऑप्टिकल फाइबर प्रोजेक्ट, Ease of Living के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है

क्या है ये प्रोजेक्ट, क्या होगा फायदा?
भारत ने खुद चेन्‍नई से पोर्ट ब्‍लेयर के बीच अंडर-सी केबल लिंक तैयार किया है। अब समुद्र के भीतर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने के लिए किसी और देश की जरूरत नहीं है। जानिए क्या है OFC और समुद्र के नीचे कैसे बिछाई जाती है केबल...

पीएम मोदी ने दिसंबर 2018 में अंडमान-चेन्‍नई ऑप्टिकल फाइबर केबल प्रोजेक्ट की नींव रखी थी। इसके तहत 2,300 किलोमीटर केबल लिंक बनाई गई है। इस केबल से भारतीय द्वीपों तक बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी होगी। अब इस केबल से पोर्ट ब्‍लेयर, स्‍वराज द्वीप, लिटल अंडमान, कार निकोबार, कमोरटा, ग्रेट निकोबार, लॉन्‍ग आइलैंड और रंगत को भी जोड़ा जा सकेगा। 

कितनी तेज चलेगा इंटरनेट?
इस केबल से चेन्‍नई और पोर्ट ब्‍लेयर के बीच 2x200 गीगाबिट प्रति सेकंड की बैंडविड्थ मिलेगी। वहीं, पोर्ट ब्‍लेयर और बाकी आइलैंड्स के बीच बैंडविड्थ 2x100 Gbps रहेगी। यानी अगर आप 4K में 160 GB की कोई मूवी डाउनलोड करना चाहते हैं तो इसमें बमुश्किल 3-4 सेकेंड्स लगेंगे। 

समुद्र के अंदर कैसे बिछाई जाती है केबल?
समुद्र में केबल बिछाने के लिए खास तरह के जहाजों का इस्तेमाल होता है। इन जहाजों में हल जैसा उपकरण इस्तेमाल होता है। जहाज  2,000 किलोमीटर लंबी केबल ले जाने में सक्षम होते हैं। जहां से केबल बिछाई जाती है, वहां इस उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है। यह जहाज के साथ साथ चलता है। 




केबल बिछाने के लिए पहले विशेष उपकरण से केबल के लिए जमीन तैयार की जाती है। यहीं से केबल जुड़ी होती है। इसी के साथ केबल बिछाई जाती है। सिग्‍नल स्‍ट्रेंथ बढ़ाने के लिए रिपीटर यूज होता है। जब दो केबल्‍स को आपस में क्रॉस कराना होता है, फिर से यही प्रक्रिया अपनाई जाती है। जहां केबल खत्म होती है। वहीं, से केबल को उठाकर ऊपर कनेक्टिंग पॉइंट पर जोड़ते हैं। 

Share this article
click me!