प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5G लॉन्च किया। उन्होंने कहा कि 4D के मंत्र से भारत में संचार क्रांति आई है। मोदी ने 2G की बात कर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि 2G की नीयत और 5जी की नीयत में फर्क होता है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दिल्ली के प्रगति मैदान में देश में 5जी सेवा लॉन्च किया। इस मौके पर उन्होंने 2G की बात कर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर तंज कसा। नरेंद्र मोदी ने देश में संचार क्रांति के लिए अपने सरकार द्वारा किए गए काम गिनाए। उन्होंने कहा कि भारत में संचार क्रांति लाने के लिए हमारी सरकार ने 4D पर काम किया। 2G की नीयत और 5जी की नीयत में फर्क होता है। पीएम द्वारा 2G पर तंज कसने के बाद मंच और वहां पर उपस्थित लोग हंसने लगे।
4D के मंत्र से भारत में आई क्रांति
1- डिवाइस की लागत- नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के अधिक से अधिक लोग मोबाइल फोन और इंटरनेट का इस्तेमाल करें, इसके लिए जरूरी था कि डिवाइस की लागत कम हो। 2014 तक करीब 100 फीसदी मोबाइल फोन आयात होते थे। इसलिए हमने इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने का फैसला किया। हमने मोबाइल निर्माण इकाइयों की संख्या बढ़ाई। 2014 में भारत में केवल 2 मोबाइल निर्माण इकाइयां थीं। अब हमारे पास 200 से अधिक इकाइयां हैं। भारत से अब मोबाइल फोन का निर्यात हो रहा है। इसके साथ ही लोगों को कम कीमत पर अच्छे फीचर वाले मोबाइल फोन मिल रहे हैं।
2-डिजिटल कनेक्टिविटी- पीएम ने कहा कि कम्यूनिकेशन के क्षेत्र में कनेक्टिविटी का खास महत्व है। जितने अधिक लोग नेटवर्क से जुड़ते हैं वह उतना ही बेहतर होता है। 2014 में हमारे पास ब्रॉडबैंड के 6 करोड़ यूजर थे। अब हमारे पास लगभग 80 करोड़ यूजर हैं। 2014 में हमारे पास 25 करोड़ इंटरनेट कनेक्शन थे। अब हमारे पास लगभग 85 करोड़ कनेक्शन हैं।
3-डाटा की कीमत- मोदी ने कहा कि एक वक्त था जब देश में एक जीबी डाटा के लिए लोगों को करीब 300 करोड़ रुपए तक खर्च करने पड़ते थे। आज एक डीबी डाटा की कीमत करीब 10 रुपए है। डाटा की कीमत कम होने से गांव से लेकर शहर तक इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ा है।
4-डिजिटल फर्स्ट का विचार- प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले जब मैं डिजिटल भारत की बात करता था तो लोग तरह-तरह की बातें करते थे। हमारे नेता कहते थे कि गांव के लोग इंटरनेट कैसे इस्तेमाल करेंगे। आप संसद में दिए गए भाषण देख सकते हैं कि हमारे नेता क्या-क्या बोलते थे। मुझे भारत के आम लोगों की नई टेक्नोलॉजी अपनाने की चाहत पर यकीन था।
जब मैं गुजरात का सीएम था तब एक दूर-दराज के गांव में मिल्क चिलिंग सेंटर का उद्घाटन करने गया था। वहां मौजूद महिलाएं मोबाइल से मेरा फोटो ले रहीं थी। मैंने उनसे पूछा कि फोटो का क्या करोगी तो उन्होंने कहा था कि डाउनलोड करेंगे। दूर-दराज के गांव की आदिवासी महिला के मुंह से डाउनलोड शब्द सुनकर मैं चकित रह गया था।
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आज आप किसी लोकल मार्केट में या सब्जी मंडी में जाकर देखिए, रेहड़ी-पटरी वाला छोटा दुकानदार भी आपसे कहेगा कि कैश नहीं है तो ‘UPI’कर दीजिए। ये बदलाव बताता है कि जब सुविधा सुलभ होती है तो सोच किस तरह सशक्त हो जाती है। आज हमारे छोटे व्यापारी हों, छोटे उद्यमी हों, लोकल कलाकार और कारीगर हों, डिजिटल इंडिया ने सबको मंच दिया है, बाजार दिया है। साथियों, आज टेलीकॉम सेक्टर में जो क्रांति देश देख रहा है, वह इस बात का सबूत है। अगर सरकार सही नीयत से काम करे तो नागरिकों के नीयत बदलने में दे नहीं लगती है। 2G की नीयत और 5G की नीयत में फर्क होता है।
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