लोकसभा से पीएम मोदी की किसानों से अपील, आईए बातचीत की टेबल पर इन मुद्दों को हल करें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने कृषि कानून, आजादी के 75 साल, कोरोना काल, आत्म निर्भर भारत जैसे अहम मुद्दों पर बात की। पीएम मोदी ने कहा, कोरोनाकाल में 3 कृषि कानून भी लाए गए। ये कृषि सुधार का सिलसिला बहुत ही जरूरी है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 10, 2021 10:34 AM IST / Updated: Feb 10 2021, 06:20 PM IST

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने कृषि कानून, आजादी के 75 साल, कोरोना काल, आत्म निर्भर भारत जैसे अहम मुद्दों पर बात की। साध ही प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा। पीएम ने कांग्रेस को 'Divided' और 'Confused पार्टी बताया। साथ ही पीएम मोदी ने किसानों से अपील की कि बातचीत की टेबल पर इस मुद्दे को हल करने का प्रयास करें।

पीएम मोदी ने कहा, हम ये मानते थे कि हिंदुस्तान की बहुत पुरानी पार्टी कांग्रेस ने करीब-करीब 6 दशक तक शासन किया। इस पार्टी का ये हाल हो गया है कि पार्टी का राज्यसभा का तबका एकतरफ चलता है और पार्टी का लोकसभा का तबका एकतरफ चलता है। ऐसी 'Divided' और 'Confused पार्टी ना खुद का भला कर सकती है ना ही देश की समस्याओं का समाधान कर सकती है। 

कृषि कानूनों पर क्या बोले पीएम मोदी

- पीएम मोदी ने कहा, कोरोनाकाल में 3 कृषि कानून भी लाए गए। ये कृषि सुधार का सिलसिला बहुत ही जरूरी है। बरसों से हमारा कृषि क्षेत्र चुनौतियां महसूस कर रहा था, उसे उबारने के लिए हमने प्रयास किया है। मैं देख रहा हूं कि  यहां पर कांग्रेस के साथियों ने चर्चा की कि वे कानून के कलर पर बहस कर रहे थे। ब्लैक है या व्हाइट। अच्छा होता कि वे उसके कंटेंट पर, उसके इंटेंट पर चर्चा करते ताकि देश के किसानों तक भी सही बात पहुंच सकती।

- पीएम मोदी ने कहा, जहां तक आंदोलन का सवाल है। वे गलत धारणाओं के शिकार हुए। आप किसानों के लिए कुछ गलत शब्द बोल सकते हैं, हम नहीं बोल सकते। कानून लागू होने के बाद न देश में कोई मंडी बंद हुई, न एमएसपी बंद हुआ। ये सच्चाई है। इतना ही नहीं ये कानून बनने के बाद एमएसपी की खरीद भी बढ़ी है।

- उन्होंने कहा,  संसद में ये हो-हल्ला, ये आवाज, ये रुकावटें डालने का प्रयास, एक सोची समझी रणनीति के तहत हो रहा है। रणनीति ये है कि जो झूठ, अफवाहें फैलाई गई हैं, उसका पर्दाफाश हो जाएगा। इसलिए हो-हल्ला मचाने का खेल चल रहा है।

- पीएम ने कहा, कानून बनने के बाद किसी भी किसान से मैं पूछना चाहता हूं कि पहले जो हक और व्यवस्थाएं उनके पास थी, उनमें से कुछ भी इस नए कानून ने छीन लिया है क्या? इसका जवाब कोई देता नहीं है,  क्योंकि सबकुछ वैसा का वैसा ही है।

पीएम मोदी ने कहा, हम मानते हैं कि इसमें सही में कोई कमी हो, किसानों का कोई नुकसान हो, तो बदलाव करने में क्या जाता है। ये देश देशवासियों का है। हम किसानों के लिए निर्णय करते हैं, अगर कोई ऐसी बात बताते हैं जो उचित हो, तो हमें कोई संकोच नहीं है। 

- पीएम ने कहा, हमारे यहां एग्रीकल्चर समाज के कल्चर का हिस्सा रहा है। हमारे पर्व, त्योहार सब चीजें फसल बोने और काटने के साथ जुड़ी रही हैं। हमारा किसान आत्मनिर्भर बने, उसे अपनी उपज बेचने की आजादी मिले, उस दिशा में काम करने की आवश्यकता है। कृषि के अंदर जितना निवेश बढ़ेगा, उतना ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। हमने कोरोना काल में किसान रेल का प्रयोग किया है। यह ट्रेन चलता-फिरता एक कोल्ड स्टोरेज है।
 

आंदोलनजीवियों पर फिर साधा निशाना
पीएम मोदी ने कहा, विरोध का कोई कारण ही नहीं बनता। आंदोलनजीवी ऐसे तरीके अपनाते हैं। ऐसा हुआ तो ऐसा होगा। इसका भय पैदा करते हैं। सुप्रीम कोर्ट का कोई फैसला आ जाए तो  आग लगा दी जाए देश में। ऐसे तौर-तरीके लोकतंत्र और अहिंसा में विश्वास करने वालों के लिए चिंता का विषय होना चाहिए, ये सिर्फ सरकार की चिंता का विषय नहीं होना चाहिए।

मांगने के लिए मजबूर करने वाली सोच लोकतंत्र की नहीं
पीएम मोदी ने कहा, मैं हैरान हूं पहली बार एक नया तर्क आया है कि हमने मांगा नहीं तो आपने दिया क्यों। दहेज हो या तीन तलाक, किसी ने इसके लिए कानून बनाने की मांग नहीं की थी, लेकिन प्रगतिशील समाज के लिए आवश्यक होने के कारण कानून बनाया गया। मांगने के लिए मजबूर करने वाली सोच लोकतंत्र की सोच नहीं हो सकती है।

 

पीएम मोदी ने अधीर रंजन चौधरी पर साधा निशाना
पीएम मोदी ने कहा, दादा (अधीर रंजन चौधरी) ने भी भाषण किया और लगा कि वे बहुत अभ्यास करके आए होंगे। लेकिन प्रधानमंत्री बंगाल की यात्रा क्यों कर रहे हैं, वे इसमें ही लगे रहे। दादा के ज्ञान से वंचित रह गए। खैर, चुनाव के बाद आपके पास मौका होगा तो हमें मिलेगा। ये (बंगाल) कितना महत्वपूर्ण प्रदेश है, इसलिए तो कर रहे हैं। आपने इतना पीछे छोड़ दिया, इसलिए हम इसे प्रमुखता देना चाहते हैं। इतना ही नहीं पीएम मोदी ने कहा, दादा आप चिंता ना करें, आपको बंगाल में टीएमसी से ज्यादा सीटें मिल जाएंगीं। मैंने आपको बता दिया। 

इससे पहले पीएम मोदी ने भाषण की शुरुआत में अधीर रंजन चौधरी की ओर इशारा करते हुए पूछा, दादा ठीक हो? इसके बाद पीएम मोदी ने कहा, राष्ट्रपति जी का भाषण भारत के 130 करोड़ भारतीयों की संकल्प शक्ति को प्रदर्शित करता है। विकट और विपरीत काल में भी ये देश किस प्रकार से अपना रास्ता चुनता है, रास्ता तय करता है और रास्ते पर चलते हुए सफलता प्राप्त करता है, ये सब राष्ट्रपति जी ने अपने अभिभाषण में कही। हम उनका जितना आभार व्यक्त करें, उतना कम है। 

'अब ज्यादा हो रहा अधीर रंजन जी...जब टोकाटोकी से नाराज होकर बोले पीएम
पीएम मोदी ने जब कांग्रेस पर निशाना साधा तो कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी समेत अन्य कांग्रेसी सांसदों ने हंगामा किया। काले कानून वापस लो के नारे लगाए। इस पर पीएम मोदी ने कहा, आंदोलन कर रहे सभी किसान भाइयों का ये सदन भी और ये सरकार भी आदर करती है और आदर करती रहेगी. इसीलिए सरकार के वरिष्ठ मंत्री जब ये आंदोलन पंजाब में था तब भी और बाद में भी लगातार बात कर रहे हैं। इसी बीच विपक्ष का हंगामा लगातार देखते हुए पीएम मोदी ने नाराज होकर कहा कि अधीर रंजन जी अब ज्यादा हो रहा है। मैं आपका सम्मान करता हूं। 

कोरोना पर क्या बोले पीएम मोदी ?
पीएम मोदी ने कहा, कोरोना काल में जिस तरह से भारत ने खुद को संभाला और दूसरे देशों को संभलने में मदद की, वह अपने आप में अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा, जिन संस्कारों को लेकर हम पले-बढ़े हैं, वो हैं- सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामया। कोरोना कालखंड में भारत ने ये करके दिखाया है। उन्होंने कहा, हमारे लिए संतोष और गर्व का विषय है कि कोरोना के कारण कितनी बड़ी मुसीबत आएगी इसके जो अनुमान लगाए गए थे कि भारत कैसे इस स्थिति से निपटेगा। ऐसे मैं ये 130 करोड़ देशवासियों के अनुशासन और समर्पण ने हमें आज बचा कर रखा है। इसका गौरवगान हमें करना चाहिए। भारत की पहचान बनाने के लिए ये भी एक अवसर है। ये हिन्दुस्तान है जो लगभग 75 करोड़ भारतीयों को कोरोना काल के दौरान 8 महीने तक राशन पहुंचा सकता है। 

पीएम मोदी ने कहा, ये भगवान की ही कृपा है कि जिस कोरोना से पूरी दुनिया हिल गई, हम बच गए। हमारे भगवान रूपी डॉक्टर्स, नर्स ने हमें कोरोना से बचाया। वे 15-15 दिन तक अपने घर नहीं गए। हम कोरोना से जीत पाए, क्योंकि डॉक्टर्स, सफाई कर्मचारी, एम्बुलेंस का ड्राइवर ये सब भगवान के रूप में आए। हम उनकी जितनी प्रशंसा करें, जितना गौरवगान करेंगे, उससे हमारे भीतर भी नई आशा पैदा होगी।

हर कोने में वोकल फॉर लोकल सुनाई दे रहा- पीएम
पीएम ने कहा, हमारे लिए आवश्यक है कि हम आत्मनिर्भर भारत के विचार को बल दें। ये किसी शासन व्यवस्था या किसी राजनेता का विचार नहीं है। आज हिंदुस्तान के हर कोने में वोकल फॉर लोकल सुनाई दे रहा है। ये आत्मगौरव का भाव आत्मनिर्भर भारत के लिए बहुत काम आ रहा है।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि कोरोना के बाद दुनिया में एक नया संबंधों का वातावरण आकार लेगा। ऐसी स्थिति में भारत एक कोने में कटकर नहीं रह सकता। हमें एक मजबूत प्लेयर के रूप में उभरकर निकलना होगा। भारत को सशक्त होना होगा और इसका एकमात्र रास्ता है आत्मनिर्भर भारत।

भारतीयों ने सभी आशंका को तोड़ा
पीएम मोदी ने कहा, देश जब आजाद हुआ, जो आखिरी ब्रिटिश कमांडर थे, वो आखिरी तक यही कहते थे कि भारत कई देशों का महाद्वीप है और कोई भी इसे एक राष्ट्र नहीं बना पाएगा। लेकिन भारतवासियों ने इस आशंका को तोड़ा। विश्व के लिए आज हम आशा की किरण बनकर खड़े हुए हैं।

पीएम ने कहा, कुछ लोग ये कहते थे कि India was a miracle democracy ये भ्रम भी हमने तोड़ा है। लोकतंत्र हमारी रगों और सांस में बुना हुआ है, हमारी हर सोच, हर पहल, हर प्रयास लोकतंत्र की भावना से भरा हुआ रहता है।

सदन के सदस्यों का जताया आभार
पीएम मोदी ने कहा, हम उनका जितना आभार व्यक्त करें, उतना कम है। इस सदन में भी 15 घंटे से ज्यादा चर्चा हुई है। हमारे सांसदों ने चर्चा को जीवंत बनाया है। मैं सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करता हूं। खासकर महिला सांसदों का। उन्होंने रिसर्च करके अपनी बात को रखा। उनकी इनकी तैयारी, उनका स्तर और उनके सूझबूझ के लिए महिला सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं। 

आजादी के 75वें साल पर दस्तक दे रहा भारत
पीएम मोदी ने कहा, भारत आजादी के 75वें वर्ष के दरवाजे पर दस्तक दे रहा है। यह हर हिंदुस्तानी के लिए गर्व का पड़ाव है। यह आगे बढ़ने के पर्व का भी पड़ाव है। समाज व्यवस्था में हम कहीं पर भी देश के किसी भी कोने में हों, सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था में हमारा स्थान कहीं पर भी हो, हम सभी को मिलकर आजादी के इस पर्व से प्रेरणा लेकर और संकल्प लेकर जब देश 2047 में सौ साल आजादी के मनाएगा तो अगले 25 साल में हमें देश को कहां ले जाना है, यह संकल्प हर देशवासी के दिल में हो, यह काम इस पवित्र धरती, इस संसद, इस पंचायत का है।'

 

 

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